PATNA : वोटर मुद्दों पर चर्चा कर अपने लिए समाधान चाहता है। उनमें विकास को लेकर पीड़ा है तो सरकार द्वारा हुए कार्यो पर भी उनकी नजर है। कंकड़बाग के वार्ड 32 में सुबह-सुबह दैनिक जागरण आई नेक्स्ट मिलेनियल्स स्पीक 2019 में गर्म चाय के साथ रेडियो सिटी के आर जे विनय ने युवाओं को टटोला। जिसमें स्मार्ट सिटी से पहले स्मार्ट युवा बनने समेत कई मुद्दों पर उबाल आए और बात आगे बढ़ती रही।


रोजगार का हल और बेहतर शिक्षा पर कोताही नहीं चलेगी

मिलेनियल्स स्पीक में जैसे-जैसे चर्चा आगे बढ़ती गई उबले मुद्दों पर आपस में बहस भी हुई। इस दौरान रेडियो सिटी के आर जे विनय को पटनाइट्स ने मुद्दे गिनाए और कुछ मुद्दों पर बातें लंबी भी चली। इसमें स्मार्ट सिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और बेरोजगारी का दर्द मुख्य रूप से शामिल रहा। अपनी बात रखते हुए सुजीत कुमार ने कहा कि युवा सबसे अधिक संख्या में वोटर हैं और उन्हें बरगलाया नहीं जा सकता है। विकास के नाम पर सिर्फ वादों का कोई मतलब नहीं है। उनकी बात काटते हुए संतोष ने कहा युवा और रोजगार से पहले मौलिक सुविधाएं अहम मुद्दा हैं। स्मार्ट सिटी बनेगा लेकिन सीवरेज लाइन, स्ट्रीट लाइट, पीने के पानी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

फीडबैक स्ट्रांग हो तो बात बने

सरकारी योजनाओं का लाभ या सुधार हो रहा है या नहीं, यह अब तक प्रभावी नहीं हो सका है यह तो फीडबैक से ही पता चलेगा। नवनीत सिन्हा ने बात उठाते हुए कहा कि यह बड़ी समस्या है क्योंकि जो इससे लाभान्वित होने वाले हैं उनकी बात ही नहीं सुनी जा रही है। वे आगे कुछ कहते कि संतोष कुमार ने कहा यह तो पता कीजिए कि जो बात सरकार कह रही है वह हो भी रहा है या नहीं। पटना स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, आर ब्लॉक -दीघा सहित तमाम योजनाओं पर क्या हो रहा है।

और चौपट हो गया व्यापार

हाल के समय में जीएसटी और नोटबंदी को लागू किया गया। लेकिन इसका लाभ नहीं मिला है। यह कहते हुए नवनीत सिन्हा ने बताया कि जीएसटी आया लेकिन क्या उसकी सफलता सुनिश्चित करने का इंतजाम किया गया। छोटे कारोबारियों की कठिनाई बढ़ गई है। समर्थन करते हुए संतोष कुमार ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से देश को नुकसान हुआ है। इसे काटते हुए मुरली झा ने कहा कि मोमबती, अगरबत्ती सहित अन्य कुटीर उद्योग लगाने की व्यवस्था की जाए।

जात-पात से बर्बादी

मिलेनियल्स स्पीक में सभी ने एक स्वर से कहा बिहार में आज भी जात-पात की राजनीति हो रही है। सुजीत कुमार ने कहा कि युवा खुद आकलन कर रहे हैं कि जो योजनाएं लागू की गई थी उसमें कितना काम किया गया। कौशल युवा, स्टार्ट अप योजना और भारत सरकार की कई योजनाएं चलायी है, वह लोगों के लिए कितना उपयोगी रहा है। वहीं, नवनीत सिन्हा ने कहा कि मिड डे मील की योजना चल रही है, तो उसका कितना लाभ मिल रहा है। ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं।

मेरी बात

सरकार आज 100 स्मार्ट सिटी बनाने में लगी है। लेकिन स्मार्ट सिटी बनाने से पहले स्मार्ट युवा बनाने की दरकार है। ये बातें मुरली झा ने रखते हुए जोर दिया कि स्मार्ट सिटी में कई प्रकार की सुविधाएं होंगी उसके प्रति जिम्मेदारी का भाव भी होना चाहिए। जैसे कोई लोग पब्लिक प्लेस को गंदा न करे। सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं।

कड़क बात

कड़क चाय के साथ युवा भी गर्म मुद्दों पर उबलते हुए दिखे। उन्होंने कहा कि साल दर साल बीत रहा है लेकिन न तो युवा और न तो विकास के लिए ही फोकस्ड अप्रोच है। मुरली झा ने कहा कि कौशल विकास के नाम पर डिग्री बांटी जा रही है। वहीं, संतोष कुमार ने कहा कि बहुत से लोग रोजगार के इंतजार में अधेड़ हो गए। तैयारी करके नौकरी की बाट जोहते रह गए। उनकी बात काटते हुए नवनीत ने कहा कि बड़ा मुद्दा तो है विकास का। कोई पुल बन रहा है तो बन रहा है, डेडलाइन से कोई मतलब ही नहीं है। ऐसे में विकास की बात ही बेमानी है।

मुद्दे जो दमदारी से आए सामने

-जो युवा रोजगार की आस में अब तक बेरोजगार ही रह गए। उनके बारे में सरकार का क्या जबाब है?

-कौशल विकास के नाम पर डिग्री बांटने का काम कब तक किया जाएग?

-सरकारी योजनाओं की सफलता के लिए बेहतर फीडबैक पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है?

-शहरों को स्मार्ट सिटी घोषित करने से पहले उसके इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है?

-जीएसटी लाने से पहले उसके सही तरीके से लागू करने पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?