एमआईटी कॉलेज में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित किया गया मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम

महिला दिवस के मौके पर बोलीं छात्राएं, महिला सुरक्षा को लेकर उठाए जाएं महत्वपूर्ण कदम

meerut@inext.co.in
MEERUT : मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम में छात्रों ने कहा कि किसी भी देश का विकास तभी हो सकता है जब महिलाओं को भी हर क्षेत्र में कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता मिले। इस दौरान वैशाली ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश में महिला दिवस मनाने के लिए हमें किसी दिन की आवश्यकता इसलिए पड़ती है, क्योंकि महिला आज भी कहीं न कहीं सुरक्षित नहीं है। आज 21वीं सदी के इस माहौल में वे खुद को आजाद महसूस नहीं कर पाती है। वहीं बात को आगे बढ़ाते हुए वैशाली ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए महिलाओं के अधिकारों व सुरक्षा के संबंध में कठिन कानून होने चाहिए, जोकि मौजूदा सरकार धीरे-धीरे कर रही है। इसी मुद्दे पर वाणी मित्तल ने कहाकि आज भी कुछ लोग ऐसी सोच के हैं, जो बेटियों को ज्यादा पढ़ाने में और उनको नौकरी कराने में खुद की बेइज्जती समझते हैं, हालांकि, इस बात चर्चा कुछ गरम हो गई। सिमरन ने बात काटते हुए कहा, नहीं अब मौजूदा सरकार ने काफी जागरुकता फैलाई है, जिसके चलते हर क्षेत्र में महिलाओं को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे कहीं न कहीं समाज में भी जागरुकता आ रही है।

 

बने सख्त कानून

चर्चा के दौरान सुरभि बोलीं, महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ तो सख्त कानून बने ही, इसके साथ ही महिलाओं को एजुकेशन का हक छीनने वालों के लिए भी कोई सख्त कानून बनाना चाहिए। वहीं बात को आगे बढ़ाते हुए साक्षी त्यागी बोलीं, सही बात है, हमें ऐसी सरकार चाहिए जो महिलाओं की शिक्षा, उनके रोजगार व उन पर हो रहे अत्याचारों को लेकर महत्वपूर्ण प्रयास करें, मौजूदा सरकार में इस संबंध में काफी बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बाबत कृतिका धिमानी ने कहा कि केवल कानून बनाने वाली नहीं, बल्कि कानूनों पर सख्ती से एक्शन लेने वाली सरकार ही हमारी सरकार होगी, बरसों बाद हमें उम्मीद मिली है।

 

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

- ऑफिसों में कामकाजी महिलाओं के साथ हो रहे शोषण और उत्पीड़न को लेकर भी कठोर कार्रवाई हो।

 

- महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर इच्छाशक्ति दिखाई जाए।

 

- कानूनों बनाने से काम नहीं, बल्कि सख्ती से उनका क्रियान्वयन किया जाए।

 

- महिलाओं से जुड़े अपराधों के फैसलों में देरी नहीं करनी चाहिए, इसके लिए फास्ट टै्रक कोर्ट की स्थापना हो।

 

- कॉलेजों व स्कूलों में लड़कियों की एजुकेशन के लिए बेहतर प्रयास हो

 

- एजुकेशन के लिए बेटियों के लिए बेहतर हायर लेवल पर भी बेहतर स्कीम हो, जिससे हायर एजुकेशन में लाभ मिले

 

न हजम होने वाला मुद्दा

छात्राओं के अनुसार न हजम होने वाले भी कई मुद्दे रहे, कुछ लड़कियों का कहना था समझ नहीं आता शादी के बाद ऐसा क्या हो जाता है जो देश की बेटियों से उनकी पढ़ाई का हक छीन लिया जाता है। वहीं कुछ का कहना था इसके प्रति आजतक किसी सरकार ने कोई नियम क्यों नहीं बनाया कोई स्कीम क्यों नहीं निकाली है। वहीं कुछ का यह कहना था महिलाओं के प्रति कितने ही सख्त कानून बने उनपर अमल नहीं होता है, इससे तो एक ही नियम बने जो सख्त हो और मजबूती से जिस पर कानूनी कार्रवाई भी हो।

 

कड़क बात

चर्चा के दौरान छात्राओं ने महिला सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई। उन्होंने कहाकि देश भले ही 21 वीं सदी के दौर में जी रहा है। कई तरह के संसाधन हो गए हैं। लेकिन आज भी महिला सुरक्षा को लेकर खास कदम नहीं उठाए गए हैं। देर शाम में भी घरों में बाहर निकलने में महिलाओं को डर लगता है। हालत यह है कि कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। जो वाकई कई सवाल खड़े करती है। ऐसे मुद्दों पर भी सार्थक कदम उठाने की जरूरत है।

 

 

मेरी बात

हमारा नेता वो होगा जो महिलाओं व देश की बेटियों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएगा, बेटियों को आगे लेकर चलेगा। फिर वो आठ साल की बच्ची हो या फिर 28 साल की युवती सबको सुरक्षा, पढ़ाई एवं आजादी का अधिकार होना चाहिए, हमें ऐसी ही सरकार चाहिए जो इन सभी पर अपने बेहतर कानून बनाए। बेहतर योजनाएं निकाले व उन पर अमल करें, मौजूदा सरकार से उम्मीद है।

वाणी मित्तल

देश में महिलाओं की सुरक्षा भी बहुत चिंता का विषय है, जिसको लेकर हर बार नए कानून बनते हैं ,लेकिन जमीनी हकीकत पर कोई अमल नहीं हो पाता है। महिला सुरक्षा भी इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दा होगा।

कृतिका

 

हर क्षेत्र में बेटियों को आगे लाना चाहिए, ऐसा करने वालों के लिए कोई स्कीम निकालनी चाहिए, क्योंकि हमारे देश में लोग तभी चीजों को मानते हैं, जब उनका फायदा होता है। नियमों के क्रियान्वयन के लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए।

रीशिका त्यागी

महिलाओं की सुरक्षा और उनके हितों को ध्यान में रखने वाली ही सरकार चाहिए। हालांकि, कई राजनीतिक दल महिला अधिकारों की बातें तो करते हैं, लेकिन संसद में महिला आरक्षण के नाम पर चुप्पी साध जाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि ऐसी सरकार चुने जो वास्तव में जागरुक हो।

साक्षी

 

मेरे हिसाब से एक सकारात्मक सोच वाला नेता ही हमारे देश का विकास कर सकता है। राजनीति करने वाला नहीं, इसलिए हमें अच्छी सोच रखने वाला नेता ही चुनना चाहिए।

सुरभि

 

महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने वाला, हर बेटी को अपनी बेटी समझने वाले नेता की देश को जरूरत है। ताकि देश की बेटियां विश्व पटल पर मां भारती का नाम रोशन कर सके।

सिमरन

 

समाज में जागृति पैदा करने और शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों को बढ़ावा देने वाली सरकार चाहिए, जो कि मौजूदा सरकार कर रही है। महिलाओं के हित में अभी और कदम उठाए जाने की जरूरत है।

सोनी

 

बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं उनके अधिकारों के प्रति बेहतर सोच रखने वाली सरकार ही हमारी सरकार होगी। इसलिए मौजूदा सरकार ने हमें इस तरह की आस जगाई है।

वैशाली जैन

 

 

मेरे हिसाब से सरकार वो होनी चाहिए जो बेटे-बेटी सभी को एक समान समझे एवं सबके लिए बेहतर प्रयास करें, इसके साथ ही देश की सुरक्षा के हित में महिला सुरक्षा के हित में कड़े नियम बनाने के साथ ही उनपर सख्त एवं शीघ्र कार्रवाई भी करने में कोताही न बरते, ऐसी ही सरकार देश को चाहिए।

अजय चौधरी, कोर्डिनेटर