-नोट इस खबर में हैश टैग वाला बॉक्श जरूर लगा लें।

सैटरडे को पीलीभीत बाईपास रोड स्थित मैस्कॉट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में सुबह 11 बजे से राजनी-टी


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BAREILLY: लोकसभा चुनाव के करीब आते ही सभी राजनीतिक पार्टियों ने जहां जोर अजमाइश शुरू कर दी है, तो वहीं यूथ ने भी अपने चुनावी मुद़्दों को देखकर ही वोट करने की ठान ली है। इस बार चुनावी समीकरणों पर यूथ वोटर्स काफी इफेक्ट करने वाला है। ऐसे ही मिलेनियल्स के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और रेडियो सिटी की तरफ से रामपुर गार्डन स्थित परीक्षा गुरु करियर एकेडमी में आर्गेनाइज्ड राजनी-टी में यूथ अपने चुनावी मुद्दों को दमदारी से रख रहे हैं। चुनावी मुद्दे पर बात करते हुए स्टूडेंट्स ने करप्शन, एजुकेशन, बेरोजगारी, महिला सिक्योरिटी, देश की सिक्योरिटी, ब्लैक मनी और स्टार्टअप इंडिया का भी मुद्दा उठाया। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने अपने विचार रखे।

बेसिक शिक्षा का बदले सिस्टम
डिबेट शुरू हुई तो ओमकार ने कहा कि सरकार के एजेंडे में यूथ को रोजगार का मुद्दा हो तभी हम उसे वोट करेंगे। तभी अमित राठौर ने कहा कि सरकार रोजगार दे भी तो कहां से, हमारे देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, इस पर कंट्रोल होना चाहिए। इसी बीच सपना भंडारी ने कहा कि हम रोजगार के पीछे दौड़ते हैं, सरकार से रोजगार के लिए उम्मीद करते हैं क्यों न हम स्टार्टअप आदि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ लें, जिससे हम खुद के साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकें। क्योंकि जब तक हम खुद के रोजगार की सोचते रहेंगे तब तक हम दूसरों को रोजगार देने वाले नहीं बन सकते हैं। तभी रुचि राठौर ने कहा कि हम चाहते हैं बेसिक शिक्षा में बदलाव हो और मैं खुद भी बेसिक शिक्षा में जाकर कुछ काम करना चाहती हूं। ताकि शिक्षा का स्तर सुधारने का मौका भी मिले।

मानसिकता बदलने को हो वर्कशॉप
इसी बीच गुंजन सिंह ने कहा कि हमारे देश में करप्शन अधिक बढ़ रहा है। इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। तभी दीप्ती ने कहा कि करप्शन के लिए हम सभी दूसरों को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन खुद को कभी नहीं। मेरा तो मानना है कि करप्शन करने और रोकने के लिए हम खुद को जिम्मेदार क्यों नहीं मानते। करप्शन तब तक नहीं हो सकता जब तक हम खुद नहीं करेंगे। इस पर सौरभ कुमार ने कहा कि यह बात बिल्कुल सही है। तभी पूजा ने कहा कि हमारे यहां पर महिलाएं सुरक्षित नहीं है। सरकार महिला सुरक्षा के लिए कितना काम कर रही है। इसके बाद भी बदलाव नहीं दिख रहा है। इस पर सपना भंडारी ने कहा कि हम लोग जब तक पुरुष अपनी मानसिकता नहीं बदलेगी तब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं रह सकती हैं। मेरा मानना है कि इसके लिए सरकार को अवेयनेस कार्यक्रम चलाने चाहिए। ताकि लोगों की महिलाओं के प्रति मानसिकता बदले।

जनसंख्या पर हो कंट्रोल
महिला सुरक्षा, करप्शन, आरक्षण और रोजगार की बात चल रही थी। तभी नवल ने कहा कि हम चाहते हैं कि रोजगार बढ़े, लेकिन रोजगार बढ़ते हैं तो उससे अधिक हमारे देश की जनसंख्या बढ़ जाती है। इसके लिए हमारी जनसंख्या पर भी कंट्रोल हो। तभी योगेश कश्यप ने कहा कि यह ठीक है क्योकि जब तक हम जनसंख्या पर नियंत्रण की नहीं सोचेंगे तब तक रोजगार की बात दूर किसी मुद्दे पर सोचना मश्किल होगा।

कड़क बात

डिबेट में आरक्षण और शिक्षा में सुधार का मुद्दा छाया रहा। सभी स्टूडेंट्स का कहना था कि महिला सिक्योरिटी तो मेन है ही इसके साथ आरक्षण और करप्शन देश के लिए गंभीर मुद्दा बन चुका है। देश में अब आरक्षण खत्म होना चाहिए। तो कई स्टूडेंट्स ने इसका विरोध भी किया। वहीं महिला सिक्योरिटी के लिए किए जा रहे बड़े-बड़े दावों को हवाई बताया। महिलाओं के लिए सिक्योरिटी के पर्याप्त इंतजाम हों उसके बाद शिक्षा को रोजगारपरक बनाया जाना चाहिए।

सतमोला खाओ कुछ भी पचाओ

-डिबेट में बेरोजगारी के लिए बढ़ती जनसंख्या को स्टूडेंट्स जिम्मेदार मान रहे थे, लेकिन इस बात को कोई मानने को तैयार नहीं था कि जनसंख्या जिम्मेदार तो है लेकिन इसके लिए भी कहीं न कहीं हम लोग ही जिम्मेदार है। लेकिन हम सभी को बेरोजगारी से बचने के लिए कुछ करना चाहिए।

मेरी बात
हमारे देश से करप्शन कोई नेता या फिर कोई दूसरा व्यक्ति खत्म नहीं कर सकता है। इसके लिए हमें खुद को बदलने की जरूरत है। जब तक हम खुद को नहीं बदलेंगे तब तक सिर्फ हम दूसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते रहेंगे। इससे देश की दिशा बदलने वाली नहीं है। जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हम दूसरों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं।

 

 

सपना भंडारी
शिक्षा सिस्टम में जो बदलाव लाने की बात करेगा, उसी को वोट मिलेगा। क्योंकि मैं खुद बेसिक शिक्षा के सिस्टम में बदलाव चाहती हूं। इससे बेरोजगारी भी बढ़ रही है।

रूचि राठौर

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-जब हमारे देश में एक चपरासी के लिए योग्यता और परीक्षा देनी पड़ती है तो देश में नेता बनने के लिए कोई एग्जाम और योग्यता भी होनी चाहिए। इससे हमारे देश को शिक्षित और योग्य नेता मिल जाएगा।

अमित राठौर

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-हम भ्रष्टाचार को खुद बढ़ावा देते हैं, लेकिन जिम्मेदार सिस्टम को ठहराते हैं। इसके लिए हमें खुद को बदलना होगा तभी भ्रष्टाचार खत्म होगा।

पिंटू राठौर

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-कानून व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की जरूरत है। बढ़ते अपराध को देखते हुए लगता है कि अपराधियों में कानून का खौफ नहीं रह गया। कानून को प्रभावी बनाया जाए

गुंजन सिंह

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-हमारे देश में जो भी पढ़ा लिखा है वह सिर्फ रोजगार ही चाहता है। कोई खुद स्टार्टअप का लाभ लेना नहीं चाहता है। सरकारी की योजनाओं का भी लाभ लेकर दूसरों को भी रोजगार दिया जा सकता है।

विक्रम चन्द

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महिला सिक्योरिटी की हम बात तो करते हैं, लेकिन जब तक पुरुषों की मानसिकता चेंज नहीं होगी तब तक महिला सिक्येारिटी प्रभावी नहीं हो सकती है।

पूजा

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-बेरोजगारी के लिए सरकार तब तक कुछ नहीं कर सकती है जब तक कि बढ़ती जनसंख्या को कंट्रोल नहीं किया जाएगा। बेरोजगारी के लिए हम लोग भी जिम्मेदार हैं।

दीप्ती

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देश व समाज के साथ सैनिकों की सुरक्षा अहम मुद्दा है। सरकार को इसके लिए भी जरूरी एक्शन लेना चाहिए। साथ ही शिक्षा सिस्टम में सुधार हो।

साधना