- मिलेनियल्स स्पीक में बोले गोरखपुराइट्स

- कश्मीर के युवाओं के साथ भी हो समान व्यवहार

- रोजगार के अवसर बढ़ाने को स्किल्ड एजुकेशन देने की जरूरत

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 10 फीसदी खर्च होना चाहिए ताकि बड़े पैमाने पर लोग शिक्षित हो सकें, हमारे लिए रोजगार सबसे बड़ी समस्या है, गुणवत्तापरक शिक्षा और उसके अनुसार जॉब की व्यवस्था होनी चाहिए, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दों पर जुमलेबाजी नहीं परिणाम देने वाली सरकार हमें चाहिए। रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से मिलेनियल्स स्पीक के तहत आयोजित राजनी-टी गोरखपुराइट्स यूथ्स ने यह बातें रखीं। आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में यूथ्स के मुद्दे बिलकुल साफ हैं। यूथ ने बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराने की बात कही। राजनीतिक पार्टियों से उम्मीद के सवाल पर यूथ्स ने साफ कहा कि वह जाति, धर्म व क्षेत्र की राजनीति के बजाए जनसमस्याओं को मुद्दा बनाएं। कश्मीर के पुलवामा में हुए सैनिकों पर हमले पर उन्होंने रोष जताते हुए देश की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने को कहा।

दूर हो बेरोजगारी की समस्या
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से राजनी-टी प्रोग्राम में यूथ्स के बीच बेरोजगारी का मुद्दा हावी रहा। सबसे पहले प्रोग्राम का संचालन करते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एडिटोरियल हेड संजय कुमार ने युवाओं को मिलेनियल्स का मतलब समझाया। आंकड़ों का हवाला देते हुए यूथ्स ने कहा कि देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है। हर साल दो करोड़ से अधिक यूथ एजुकेशन पूरी करके जॉब की तलाश को निकलते हैं लेकिन रोजगार नहीं होने से बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। यूथ्स ने सुझाव देते हुए कहा कि रोजगार देने के लिए स्किल्ड एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे यूथ्स खुद को सेल्फ डिपेंड कर सकें। अनिमेष ने कहा कि स्टार्टअप व मुद्रा लोन सहित तमाम योजनाएं जमीनी धरातल पर लागू नहीं हो पा रही हैं। स्वरोजगार के लिए लोन के लिए आवेदन करने पर बैंक गारंटी मांगते हैं, भ्रष्टाचार के कारण भी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। सुधीर ने कहा कि सरकारी व प्राईवेट दोनों एरिया में जॉब बढ़ने चाहिए और वह भी मामूली मानदेय नहीं। बल्कि प्राइवेट नौकरी में भी न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए जो सम्मानजनक हो।

शिक्षा की गुणवत्ता में हो सुधार
राजनी-टी प्रोग्राम में शामिल यूथ्स ने शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर की और उसे लगातार बेहतर करने की बात कही। सत्य विजय ने कहा कि प्राथमिक, इंटर कॉलेज व यूनिवर्सिटी में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। आज ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन उनकी जानकारी नौकरी के योग्य नहीं होती है। रिसर्च स्कॉलरशिप बेहद कम मिलता है जिसके कारण शोध छात्रों का काम बाधित होता है। प्रमोद ने कहा कि सरकार को शिक्षा का बजट बढ़ाना चाहिए जिससे नई यूनिवर्सिटी खोला जाए और रिसर्च की संभावनाएं बढ़ें।

कालाधन व भगोड़ों का पैसा लाया जाए
फारेन कंट्रीज में जमा ब्लैक मनी को भी वापस लाने की मांग यूथ्स ने की। उनका कहना है कि काले धन के साथ ही देश की जनता की गाढ़ी कमाई लेकर भागने वालों से भी बकाया पैसा वसूल किया जाए। विजय माल्या व नीरव मोदी सहित देश का पैसा लेकर जाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग उन्होंने की। सत्यवान चिरंजीवी ने कहा कि देश में विकास कार्यो के लिए पैसों की जरूरत है दूसरी ओर भ्रष्टाचारियों ने अपना पैसा विदेशों में जमा कर रखा है। सरकार को विदेशों से वह पैसा देश में लाना चाहिए।

 

आतंकवाद पर चोट करे सरकार
आने वाले चुनावों में यूथ्स उसी पार्टी को चुनने की बात कह रहे हैं जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। आर्या यादव ने सवाल किया कि नोटबंदी के समय ही सरकार ने आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ने और उनकी फंडिंग रोकने का दावा किया था। लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 44 सैनिकों की शहादत से साबित कर दिया कि आतंकवादियों से निपटने के लिए और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है। अजय ने कहा कि कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी सरकार को सख्ती बरतनी चाहिए, सैनिकों की शहादत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मेरी बात
देश के युवा बेरोजगारी, महंगी शिक्षा से परेशान हैं। बुनियादी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार को सहयोग करने को तैयार हैं। लेकिन आम जनता की समस्याओं पर राजनीति ही नहीं हो रही है। जब भी चुनाव आता है देश के नेता जाति, धर्म, भाषा व क्षेत्र पर फालतू की बयानबाजी करने लगते हैं। फालतू की बयानबाजी के कारण समाज में तनाव बढ़ता है जो कभी-कभी बड़ी घटनाओं का रूप ले लेता है। ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। चुनाव के समय देश का साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की किसी कोशिश को बख्शा नहीं जाना चाहिए।

- नितेश कुमार

कड़क मुद्दा
देश में हर साल दो करोड़ युवा शिक्षा प्राप्त कर रोजगार की मांग के लिए मार्केट में आ जाते हैं। लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा है। पकौड़े का ठेला लगाने के लिए भी कम से कम 25 हजार रुपए की जरूरत होती है। इसके लिए लोन मांगने जाओ तो बैंक तमाम डॉक्युमेंट मांगते हैं और महीनों तक दौड़ लगाना पड़ता है। यानि, प्रधानमंत्री की पकौड़ा योजना भी परवान नहीं चढ़ सकती है। हाल ही में आए एनएसएसओ के आंकड़ें के अनुसार पिछले 45 साल में बेरोजगारी सर्वाधिक है।

सरकार ऐसी हो जो शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के प्रयास करे। वर्तमान समय में देश की जीडीपी का दो फीसदी ही शिक्षा व्यवस्था पर खर्च किया जाता है। सरकार को इसे बढ़ाकर कम से कम 10 प्रतिशत करना चाहिए, जिससे आम घरों के गरीब बच्चों को भी शिक्षा मिल सके।

- शिवशंकर गौड़

देश में रोजगार की हालत लगातार खराब होती जा रही है। बड़े पैमाने पर देश में युवा रोजगार की तलाश में सड़कों की धूल फांक रहा है। एनएसएसओ के आंकड़े के अनुसार देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सर्वाधिक है। झूठे वादे नहीं, रोजगार उपलब्ध करवाने के ठोस दावे करने वाली पार्टी को ही मेरा वोट जाएगा।

- सूरज यादव

सही सरकार चुनने कि जिम्मेदारी हमारी है, जिसे हम पूरा करेंगे। हमारी प्राथमिकता में वह पार्टी होगी जो अपराध, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ ही देश का सही मायने में विकास करे। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाए, शोध के लिए स्कॉलरशिप बढ़ाए। साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए।

- सत्येन्द्र भारती

लंबे समय से संघर्ष के बाद सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण हासिल हुआ है, जो कि बेहद कम है। मेरा वोट उसी पार्टी को जाएगा जो 10 प्रतिशत आरक्षण को और अधिक बढ़ाकर लागू कर सके।

- शुभम शुक्ला

स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जिन शहरों का चयन किया गया था वहां पर अभी कोई संतोष जनक काम नहीं हो सका है। आज भी वह शहर पुरानी समस्याओं से ही जूझ रहे हैं। स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ही गांवों को विकसित करने की ठोस योजना तैयार करनी होगी।

- आर्या यदुवंशी

डिजिटल इंडिया के नाम पर तकनीक को बढ़ावा दिया जाना अच्छी बात है। तकनीक और बेहतर किया जाना चाहिए लेकिन बिना लोगों को शिक्षित किए डिजिटल इंडिया के सपने को साकार नहीं किया जा सकता है।

- सत्य विजय

13 प्वॉइंट रोस्टर के कारण संविधान की मूल भावना के अनुसार आरक्षण नियम लागू नहीं हो पा रहे हैं। जो राजनीतिक पार्टी इसे लागू करने की बात कहेगी मेरा वोट उसी पार्टी को ही जएगा। साथ ही संविधान की मूल भावना को लागू करने वाली पार्टी को मेरा समर्थन होगा।

- पवन कुमार