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PRAYAGRAJ: पुलवामा में सैनिकों पर हमले के बाद इन दिनों भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान पर एक के बाद एक विभिन्न चीजों पर बैन लगाया जा रहा है। वहीं भारत का एक बड़ा तबका तत्काल पाकिस्तान पर हमला करके शहीदों का बदला लेने की मांग कर रहा है। ऐसे में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक, टी-प्वॉइंट डिस्कशन में लोगों ने इन्हीं मुद्दों पर अपनी बात रखी।

चीन के एक्शन का भी रखना होगा ध्यान
डिस्कशन में शामिल युवाओं ने देश में उठ रही आवाज का समर्थन करते हुए कहा कि हां, पाकिस्तान पर तत्काल हमला किए जाने की जरूरत है। इनका मानना था कि जैसे हमने बीते दशकों में पाकिस्तान को धूल चटाकर बदला लिया है। वैसा ही इस बार भी किए जाने की जरूरत है। इनका मानना था कि पाकिस्तान को पराजित करने में हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। वहीं कुछ युवाओं ने कहा कि यदि हम पाकिस्तान पर हमला करने का निर्णय लेते हैं तो चीन भी उसके पक्ष में आकर खड़ा हो सकता है। ऐसे में बात बहुत आगे तक जा सकती है। इनका मानना था कि युद्ध का फैसला सोच समझकर किए जाने की जरूरत है।

वॉट्सअप यूनिवर्सिटी पर न बघारें शेखी
सवाल उठा कि क्या मौजूदा हालातों में वॉट्सअप यूनिवर्सिटी पर पल-बढ़ रही पीढ़ी का यह उन्माद है? इस पर कुछ युवाओं ने सहमति व्यक्त की। उनका कहना था कि सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए बात रखने के बजाय कुछ अध्ययनपरक तरीके से भी अपनी बात कहें, जिससे वास्तविक समाधान का रास्ता निकल सके। इनमें कुछ लोगों का यह भी मानना था कि कश्मीर में लंबे समय से सेना की तैनाती समस्या का समाधान नहीं है? कुछ युवाओं ने कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को समाप्त किए जाने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई। इनका कहना था कि हम कश्मीर को तो भारत का अभिन्न अंग मानते हैं। लेकिन, धारा 370 के चलते कश्मीर के लोग भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में इस धारा को खत्म किए जाने का यही सबसे सही वक्त है।

रूम रेंट एक्ट पर उबले
कश्मीर से बात हटी तो कुछ छात्र रूम रेंट एक्ट के मुद्दे पर आ गए। इनका कहना था कि छात्रों द्वारा रूम रेंट एक्ट की मांग लम्बे समय से की जा रही है। छात्र और छात्रनेता हमेशा से ही इस मसले को उठाते चले आ रहे हैं। लेकिन कभी भी सरकार ने इस मसले पर ध्यान नहीं दिया। छात्रों ने कहा कि सरकार का ध्यान इस ओर न जाने का ही परिणाम है कि मकान मालिक छात्रों के साथ मनमाना व्यवहार और पैसे की वसूली कर रहे हैं। छात्रों का कहना था कि रूम रेंट एक्ट को कुछ इस तरह से निर्धारित किए जाने की जरूरत है, जिसमें सरकार यह निर्धारित करे कि यदि छात्र कहीं रूम रेंट पर लेकर रह रहे हैं तो उन्हें कितना किराया देना है? उसका बकायदा स्लैब निर्धारित होना चाहिए। छात्रों का कहना था कि बिना दंड का प्रावधान हुए मकान मालिकों द्वारा की जाने वाली मनमानी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।

 

 

मेरी बात
आज के समय में जब किराए पर कमरा लेकर रहने वाले छात्रों के साथ एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही हैं और मकान मालिकों से छात्रों का विवाद लगातार हो रहा है। ऐसे में रूम रेंट एक्ट की मांग बिल्कुल जायज है। सरकार को चाहिए कि इसपर तत्काल कानून बनाकर आम छात्रों को राहत प्रदान करे। इससे सभी जगहों के छात्र इससे लाभान्वित हो सकें। यदि इसे लागू करने में देरी होती है तो छात्रों को एकजुट होकर लड़ाई लड़े जाने की जरूरत है.- शुभम पाल

कड़क मुद्दा
पाकिस्तान पर इकॉनमिक सेंसर का फैसला सही नहीं है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा। किसी एक देश की अर्थव्यवस्था पर पकड़ बनाने में ही लम्बा समय लगता है। ऐसे में उनपर हर तरह के बैन लगाने से नहीं लगता कि कोई बड़ा सॉल्यूशन आएगा। हमें चाहिए कि चीन की ही तरह हम उनकी अर्थव्यवस्था पर इतनी मजबूती से कब्जा जमा लें कि फिर भविष्य में वह हमारी तरफ आंख तरेरने से पहले सौ बार सोचें।

कॉलिंग
सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण देकर सही काम किया है। लेकिन, इसके लिए जो मानक तय किए गए हैं। उस पर विचार की जरूरत है। आय की न्यूनतमसीमा का जो मानक है, गरीब तबका तो इससे काफी नीचे है। इसका संज्ञान सरकार को लेना चाहिए.- लोकेश राय

मेरे विचार में अब समय आ गया है कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। अब हम ऐसी जगह पर पहुंच चुके हैं जहां जाति के आधार पर आरक्षण खत्म किया जाना चाहिए। इससे सबसे ज्यादा नुकसान मेधावी छात्रों का हो रहा है। आरक्षण के चलते कम अंक वाले सफल और अधिक अंक पाकर भी अभ्यर्थी बाहर हो जा रहे हैं.- प्रशांत पांडेय

सरकार ने दुनियाभर की बात की। लेकिन सबसे अहम रोजगार के मुद्दे पर विफल रही। सरकार के पास कोई ऐसी प्लानिंग नहीं थी, जिससे लगा हो कि रोजगार पैदा होंगे। आज का नौजवान बेरोजगारी के चलते बेहद परेशान है। उसे दिशा दिए जाने की जरूरत है.- शिवबरन सिंह यादव

हमारे विश्वविद्यालयों के छात्र गलत दिशा में रहे हैं। वहां बम-गोली चल रहा है। विश्वविद्यालयों में राजनैतिक गतिविधियां सकारात्मक दिशा में आगे नहीं बढ़ रही। जिसके बारे में तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। रोजगार न मिलने से भटके युवा दूसरे तरीकों से सफलता पाना चाहते हैं.- अविनाश चौधरी

किसान आत्महत्या कर रहा है। जरूरत है कि उसे सही संसाधन दिए जाएं और इस काबिल बनाया जाए, जिससे वह इस तरह का कदम न उठाएं। उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करने के बजाए ऋण दिया जा रहा है। मेरे विचार में यह सही नहीं है.- आशुतोष श्रीवास्तव

चाहे एजुकेशन लोन का मामला हो या किसानों को ऋण दिए जाने का। लोन लेने का प्रॉसेस ही इतना कठिन है कि आम छात्र और किसान इसके लिए प्रयास करने से ही हिचकिचाते हैं। किसानों के बजाय बड़े मठाधीश ऋण आसानी से लेते हैं और फायदा उठाते हैं.- रिषभ मिश्रा

सवाल यह है कि हम बन्दूक के दम पर काश्मीर में सरकार कब तक चलाएंगे ? इसके लिए बन्दूक के अलावा आपसी संवाद भी एक बड़ा रास्ता है। धारा 370 और 35 ए के बारे में विस्तृत विचार विमर्श की जरुरत है.- अखिलेश यादव

बहुत सी ऐसी चीजें हो रही हैं जो लोकसभा चुनावों को देखते हुए की जा रही हैं। जबकि सरकार चाहती तो काम अपने पांच साल के कार्यकाल के भीतर पहले भी कर सकती थी। इससे सरकार की सोच का पता चलता है.- कार्तिकेय सोनकर

देखिए हर सरकार की कुछ अच्छाई और बुराई होती है। ऐसे में किसी को अच्छा बताकर दूसरे को गलत बताना सही नहीं है। मैं दैनिक जरूरतों को देखकर वोट करुंगा। एक बात और सरकार स्विस बैंक से पैसा वापस लाने का वादा भी पूरा नहीं कर सकी.- दीपक पटेल