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PRAYAGRAJ:
कोई माने या न माने, मौजूदा समय में आतंकवाद के बाद अगर इस देश की सबसे बड़ी समस्या कुछ है तो वह बेरोजगारी है। इसे किसी भी सरकार को खत्म करना होगा। अनइम्प्लायमेंट पर वार करना होगा। ऐसा नहीं हुआ तो किसी भी सरकार के लिए देश में बढ़ने वाली अस्थिरता को कंट्रोल करना मुश्किल होगा। जब भूख लगती है, भोजन नहीं मिलता है, ऐसी स्थिति में आदमी क्या कर सकता है, यह बताने की जरूरत नहीं है। आतंकवाद से तो लड़ लेंगे, घर के अंदर बढ़ रही अस्थिरता से कैसे लड़ेंगे। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक में बुधवार को यूथ ने कुछ इसी तरह की राय रखी।

72 साल बाद रिएक्शन का दिखेगा असर
लोकसभा चुनाव में मुद्दों पर चर्चा शुरू हुई तो काफी दूर तक गई। तमाम मुद्दों पर देश की सुरक्षा का मुद्दा सबसे भारी रहा। चर्चा ने रफ्तार पकड़ी तो फिर बेरोजगारी का मुद्दा हावी हो गया। कुछ युवाओं ने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही आतंकवादी हमले हो रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। यह मिजाज और रवैया दोनों बरकरार रहना चाहिए।

नोटबंदी और जीएसटी को भूले
कुछ समय पहले तक नोटबंदी और जीएसटी बहुत बड़ा मुद्दा था। व्यापारी, आम आदमी और लोग इससे त्रस्त थे, लेकिन अब इन दोनों मुद्दों से लोग उबर चुके हैं। नोटबंदी जैसे कड़े फैसले को सफल और जीएसटी को बेहतर बता रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का होना चाहिए। क्योंकि जब राष्ट्र सुरक्षित रहेगा, तब विकास होगा और जब विकास होगा, तो फिर युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। जो सरकार और पार्टी देश को मजबूती की ओर ले जाए, उसी को देश की कुर्सी पर विराजमान होना चाहिए।
- पवन कुमार गुप्ता, सीए

एजुकेशन और हेल्थ पर बेस्ट वर्किंग की जरूरत है। क्योंकि आज अपने देश में दोनों ही चीजें न सिर्फ महंगी हैं, बल्कि आम आदमी की पहुंच से दूर हैं। मुझे लगता है कि किसी भी पार्टी के लिए यह दोनों ही मुद्दे मुख्य मुद्दे होने चाहिए.- श्रेयांश जायसवाल

राम मंदिर तो कोई मुद्दा ही नहीं है। राम मंदिर को हटा कर वहां हॉस्पीटल बना दें, स्कूल बना दें तो उसका फायदा है। केवल राम मंदिर से कोई फायदा नहीं है। किसी भी दल को इस तरह के मुद्दे पर नहीं लड़ना चाहिए। पहली बार भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है, यही रूख आगे भी होना चाहिए।
- सनी गुप्ता

नोटबंदी सख्त फैसला था, लेकिन सही था। इसने काली कमाई करने और मेहनत व इर्मानदारी से पैसा कमाने वालों के बीच की खाई को पाट दिया। इस तरह का फैसला पांच या फिर दस वर्ष के अंतराल में जरूर लेना चाहिए।
- धर्मेद्र कुमार

मेरा वोट उसको जाएगा, जो देश की सुरक्षा का ख्याल रखेगा। देश को सुरक्षित और मजबूत बनाने पर जिस नेता का फोकस होगा। मुझे जाति और क्षेत्र की राजनीति में नहीं पड़ना है।
- विवेक द्विवेदी

अपने देश का एजुकेशन सिस्टम आज भी बेहतर नहीं हो पाया है। यहां शिक्षा कल भी महंगी थी और आज भी महंगी है। जबकि किसी भी देश के विकास के लिए शिक्षा सबसे सस्ती होनी चाहिए।
- रितेश वर्मा

सुरक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ध्यान देने वालों को मेरा वोट जाएगा। जनसंख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार कमी आ रही है। लोग बढ़ रहे हैं, लेकिन व्यवस्थाएं उस हिसाब से नहीं हो पा रही हैं। इस पर सरकार को ध्यान देना होगा।
- निलेश तिवारी

जीएसटी ने व्यापारी के साथ ही आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम किया है। कल तक जीएसटी से व्यापारी डरते थे, आज उसे अपना चुके हैं। लेकिन कुछ खामियों को सुधारने के साथ ही सरलीकरण की जरूरत है।
- रचित केसरवानी

हेल्थ सेक्टर में अभी बहुत बदलाव की जरूरत है। शिक्षा की तरह ईलाज भी आज गरीबों से दूर है। पहले से काफी बेहतर हुआ है, लेकिन इसे और बेहतर करने की जरूरत है।
- विक्रम सिंह

कोई भी गवर्नमेंट बेरोजगारी क्यों नहीं दूर कर पा रही है? यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। वैकेंसी निकलती है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती है और फिर लटक जाती है, कई-कई वर्ष तक लड़ाई चलती है। यह सब बंद होना चाहिए। रोजगार का माध्यम बढ़ना चाहिए।
- सचिंद्र पांडेय

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ
बढ़ती बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण बढ़ती आबादी है, आज जिस तेजी से आबादी बढ़ रही है, उस तेजी से विकास नहीं हो पा रहा है। नतीजा बेरोजगारी बढ़ रही है, अशिक्षा बढ़ रही है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें संकरी दिखने लगी हैं। क्योंकि भीड़ जो बढ़ रही है। इस भीड़ यानी बढ़ती आबादी को रोकना होगा। सरकार को कदम उठाने के साथ ही पब्लिक को भी जागरुक होना होगा।

मेरी बात
सेना के कार्य और शौर्य पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, बल्कि सेना को प्रोत्साहित करना चाहिए। तभी देश सुरक्षित रहेगा। अमेरिका ने जब सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए लादेन को मारा था, तब अमेरिका के लोगों ने अमेरिकी सरकार से सबूत नहीं मांगा था। बल्कि सेना का साथ दिया था। किसी भी व्यक्ति व दल के लिए नेशन ही फ‌र्स्ट होना चाहिए।
- राजीव कुमार गुप्ता

कड़क मुद्दा
मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी सीएमआइई ने भी अब ये दावा कर दिया है कि भारत में बेरोजगारी दर 7.2 पर पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है। यह आंकड़ा साफ बताता है कि सरकारों ने भले ही बड़ी-बड़ी बातें कहीं हैं, लेकिन रोजगार पैदा करने और बेरोजगारी दूर करने में सरकारें फेल ही रही हैं। 2018 में लाखों लोगों की नौकरी छिन गई है। दिसंबर 2017 में बेरोजगारी दर 4.78 प्रतिशत थी, जो अब 7.2 पर पहुंच गई है। यह चिंता का विषय नहीं तो फिर क्या है?
- निधि अग्रवाल, सीए

आज यहां राजनी-टी
आज शिवाजी पार्क ममफोर्डगंज में दिन में 11 बजे से मिलेनियल्स स्पीक में लोग रखेंगे डिफरेंट इश्यूज पर अपनी बात।