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kanpur : लोकसभा चुनाव की डेट फाइनल होने के बाद से कहीं न कहीं पॉलिटिकल पार्टियों में हलचल सी मच गई है. जनता को लुभाने के लिए पार्टियां कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती हैं. वहीं, दूसरी तरफ कंट्री का यूथ अब अपने फैसले बिना किसी दबाव के खुद करने को तैयार है. ऐसे में यूथ के चुनावी मुद्दों को पब्लिक के सामने लाने का काम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी अपने इनीशिएटिव 'मिलेनियल्स स्पीक' के माध्यम से कर रहा है. वेडनेसडे को हमारे साथ रेडियो सिटी आरजे राघव पहुंचे रिफार्मेशन स्पेशल स्कूल साकेतनगर में. आइये जानते हैं यूथ ने यहां कौन-कौन से मुद्दे रखे.

देश हित में लिए जाएं फैसले
हनी, सारिका ने कहा कि गवर्नमेंट ऐसी होनी चाहिए, जिसकी प्राथमिकता अपनी कंट्री के यूथ को स्ट्रांग बनाना हो. यूथ स्ट्रांग होंगे तो कंट्री अपने आप स्ट्रांग हो जाएगी. हम लोगों को यह सोच कर भी शर्म आती है कि पार्टियां सत्ता के लालच में जनता को किस हद तक गिरा देती हैं. किसानों का कर्ज माफ कर देना, बेरोजगारों को भत्ता देना और न जाने कौन कौन सी योजनाएं इसी का एक उदाहरण हैं. अगर किसानों को कुछ देना है तो उनकी मेहनत से उगाई गई फसल का सही मूल्य दो, बेरोजगारों को रोजगार दो. ये हम यूथ को समझना होगा कि कोई अपने फायदे के चक्कर में हमें बेवकूफ तो नहीं बना रहा है. फैसले देश हित और जनता हित में लेने वाली गवर्नमेंट चाहिए.

 

 

हमें चाहिए ईमानदार गवर्नमेंट
आराधना और साक्षी ने कहा कि हमें ईमानदार गवर्नमेंट चाहिए. प्रजेंट गवर्नमेंट को अभी हमने सिर्फ 5 साल दिए हैं और हमारा विश्व स्तर पर रुतबा देखने लायक है. आने वाले समय में यह रुतबा और बढ़ेगा. ये हमारी गवर्नमेंट की ही ताकत थी, जिसके दबाव में पाकिस्तान को हमारे विंग कमांडर अभिनंदन को दो दिनों में वापस करना पड़ा. विरोध करना अच्छी बात है, लेकिन कंट्री के लिए जान न्यौछावर करने वाले हमारे जवानों के शौर्य को ही अपोजीशन पार्टी ने कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया. हमें दमदार, ईमानदार और तत्काल फैसले लेने वाली गवर्नमेंट चाहिए.

 

 

सिविक सेंस खुद ही जगाएं
प्रियम और हिमांशु ने कहा कि साफ सफाई के लिए प्रजेंट गवर्नमेंट ने ध्यान दिया है. जमाना आगे निकल चुका है, लेकिन आज भी कई लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं. हमारा दुर्भाग्य है कि लोगों को शौचालय तक भेजने के लिए गवर्नमेंट को योजना लानी पड़ी और करोड़ों खर्च करने पड़े. स्वच्छता अभियान जैसे अभियान ने हमें कम से कम यह सोचने पर तो मजबूर किया कि साफ सफाई हमारे लिए कितनी जरूरी है. इसके पहले किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जबकि स्वच्छता से ही हमारी कंट्री के लोगों की अच्छी हेल्थ भी होगी. विश्व स्तर पर साफ सफाई का अलग ही प्रभाव देखने को मिलता है. इसके लिए जरूरी है कि हम अपने अंदर सिविक सेंस को डेवलप करें.

 

टेरेरिजम को खत्म करने वाली गवर्नमेंट
विवेक, एश्वर्य व नैन्सी ने कहा कि हमारी कंट्री ने कभी वाइलेंस का सपोर्ट नहीं किया. हमने न जाने कितने रिफ्यूजीज को अपनी कंट्री में बराबर का हक दिया. इसके बाद भी टेरेरिस्ट अगर हमारे जवानों को बुरी नजर से देखेंगे तो उनको अपने रिजल्ट के लिए भी तैयार रहना चाहिए. हमारी कंट्री ने पुलवामा अटैक का जो बदला लिया वो काबिले तारीफ है. किसी भी कंट्री को टेरेरिजम को इसी तरह जवाब देना चाहिए. जब उन्हें यह मालूम चल जाएगा कि हम ईट का जवाब पत्थर से देते हैं तो उन्हें इस तरह के कदम उठाने से पहले हजार बार सोचना पड़ेगा. इंडिया अब स्ट्रांग और न्यू इंडिया बन चुका है.

काम करना हो तो बनें नेता
यूथ ने बड़ी ही बेबाकी से अपनी बात रखी और कहा कि अगर नेता बनने का इतना ही शौक है, तो अब उन्हें कंट्री और यूथ के लिए काम करना सीखना पड़ेगा. पहले नेता बनने के बाद वो जनता को अपना नौकर समझते थे. देश का यूथ उनके जीतने के बाद भी यह एहसास कराएगा कि नेता को उनके लिए काम करना होगा. उनके हित में फैसले लेने होंगे. चुनाव आते ही जनसंपर्क शुरू कर दिया जाता है, जिससे लोग उनके चेहरों को पहचान लें और बिना कुछ सोचे समझे उनकी गलतियों पर पर्दा डाल कर वोट कर दें. लेकिन, अब जब प्रत्याशी वोट मांगने हमारे दरवाजे पर आएंगे तो हम उनसे सवाल जवाब करेंगे और संतुष्ट होने के बाद ही अपना नेता चुनेंगे. सभी लोगों को वोट देना चाहिए, जिससे एक अच्छा नेता चुना जा सके, जो हमारा प्रतिनिधित्व कर सके.

 

 

करप्शन पर सबको होना होगा एक
यूथ ने कहा कि हमारी कंट्री में हर स्तर पर करप्शन फैला हुआ है. इसे दूर करने के लिए हम सबको हर स्तर पर एक होना होगा. करप्शन फैलाने में हम सभी कहीं न कहीं दोषी होते हैं. अपने काम कराने के लिए हम सामने वाले की जेब भरने को तैयार हो जाते हैं. अगर हमारे पास पैसा है तो थाने में पुलिस से भी गलत को सही और सही को गलत में बदलवा सकते हैं. आज कल तो जज तक को खरीदने का ट्रेंड चल गया है. इस सोच को बदलना होगा तभी करप्शन दूर होगा. वहीं, दूसरे पक्ष को भी अपने आने वाली पीढ़ी और कंट्री को ध्यान रख कर लालच को मात देनी चाहिए. ताली दोनों हाथों से बजती है. इसलिए, नेता भी ऐसा ही चाहिए, जो पॉजिटिव सोच रखता हो और करप्शन के खिलाफ हो.

 

मिलेनियल्स वर्जन-

 

 

- हमारी कंट्री में आज भी लोगों में सिविक सेंस की कर्मी है. जिस चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं होती है, वहां तो सारा दिन लोगों का जाम में ही फंसे हुए निकल जाता है. वहीं, ट्रैफिक लाइट्स भी ज्यादातर खराब ही पड़ी रहती हैं.

- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गवर्नमेंट ने काफी काम किए हैं. लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है. गवर्नमेंट स्कूलों में कुछ ऐसे सख्त नियम लागू करने की जरूरत है, जिससे बिना किसी देखरेख के भी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई हो सके.

- भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए गवर्नमेंट को काम करना चाहिए. कई बार ऊपर बैठे लोग ईमानदारी दिखाते हैं. लेकिन, नीचे बैठे लोग करप्शन से बाज नहीं आते हैं. हमें ऐसा नेता चाहिए, जो इस मुद्दे पर काम कर के दिखाए.

- यूथ को बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाएं नहीं चाहिए. यूथ को पर्मानेंट जॉब चाहिए. मनरेगा जैसी योजनाओं ने सिर्फ अधिकारियों की जेबें भरी हैं. न जाने कितने फर्जी जॉब कार्ड बनवा कर खेल कर दिया गया. ऐसी योजनाओं को लागू करने के साथ ही इनकी निगरानी करना भी गवर्नमेंट का ही काम है.

-हमारे शहर में ही यूथ को नौकरी के अच्छे अवसर मिलने चाहिए. अगर सिटी को डेवलप किया जाए तो मल्टीनेशनल कंपनियां हमारे शहर की ओर भी अट्रैक्ट होंगी. इससे यूथ को बाहर जाने से रोका जा सकेगा और हमारे स्तर में भी परिवर्तन होगा.

- सिर्फ किसी नेता के लुभावने वादों पर डिपेंड नहीं होना चाहिए. जरूरत है अपना दिमाग लगाने की. हम प्रत्याशी का बैकग्राउंड पता करने के बाद उसे चुन सकते हैं. न जाने कितने गुंडे बदमाश आज नेता बने बैठे हैं. आखिर उन्हें वोट किसने दिया. अगर हम वोट नहीं देते हैं तो कुछ लोग इस बात का फायदा उठा लेते हैं.

- पुलिस डिपार्टमेंट पर अक्सर करप्शन के आरोप लगते रहते हैं. इन पर देखरेख के लिए अलग से डिपार्टमेंट का गठन होना चाहिए. जो उनके काम काज पर नजर बनाए रखे. पैसों के लालच में आंख बंद करने की आदत को बदलना होगा. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.