-19 अक्टूबर 2014 को रखी गई थी दून चिडि़याघर की आधारशिला
-मिनी जू में निर्माण कार्य के नाम पर अब तक एक ईट भी नहीं लग पाई
DEHRADUN : बीते साल 19 अक्टूबर से लेकर अब तक करीब छह महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन मोस्ट अवेटेड मालसी डियर पार्क में बन रहे सिटी जू (मिनी जू) में निर्माण कार्य के नाम पर अब तक एक ईट भी नहीं लग पाई। ऐसे में हर साल मालसी डियर पार्क में लाखों की संख्या में पहुंचने वाले पर्यटकों के मिनी जू का सपना कब पूरा हो सकेगा, कहा नहीं जा सकता है, लेकिन महकमा जू की आधारशिला रखने के साथ कुछ निर्माण कार्यो के टेंडर पूरे होने की बात कह रहा है।
क्97म् में शुरू हुआ था मालसी पार्क
करीब ख्ख् हेक्टेअर में फैले मसूरी रोड पर स्थित मालसी डियर पार्क लगभग ब्9 साल पहले यानी क्97म् में अस्तित्व में आया था। तब से लेकर मालसी डियर पार्क न केवल देहरादून के दूनवासियों के लिए बल्कि मसूरी, गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए जाने वाले टूरिस्ट्स के लिए पसंद किया है। कई सालों के प्रयासों के बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पार्क को मिनी जू के रूप में डेवलप करने की बात स्वीकारते हुए कुछ धनराशि भी जारी की है। हालांकि देहरादून के जू के लिए करीब शुरुआत में म्0-70 करोड़ रुपए की लागत लगनी बताई गई है, जिसमें बढ़ोत्तरी भी संभव है।
मालसी एंट्री फीस
शुल्क--क्0 रुपए।
बच्चों का--पांच रुपए।
बस पार्किंग--म्0 रुपए।
कार पार्किंग--फ्0 रुपए।
टू-व्हीलर--क्0 रुपए।
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वर्ष- पर्यटकों की संख्या
ख्008-09-- ख्00000
ख्009-क्0--ख्फ्7000
ख्0क्0-क्क्--ख्म्म्000
ख्0क्क्-क्ख्--ख्7भ्000
ख्0क्ख्-क्फ्--ख्9भ्000
ख्0क्फ्-क्ब्--क्98700
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एक नजर मालसी डियर पार्क पर
-क्97म् में यूपी के दौरान हुई स्थापना।
-शुरू में पांच हेक्टअर क्षेत्रफल में स्थापना हुई।
-उस वक्त तीन चीतल, एक घुरल, ख् काकड़, तीन मोर, ब् बतख, ब् गिनी फाउल और पांच मुनिया रखे गए थे।
-वर्तमान में ख्ख् हेक्टेअर में हिरनों को रखा गया है।
-जहां 89 हिरनों में 7ख् चीतल, एक काला हिरन, क्ख् काकड़, ब् घुरल, एक सांबर, म्0 मुनिया, म् उल्लू, क्म् तोते, चार कबूतर, एक चील, चार बाज और एक कछुवा मौजूद हैं।
कैसा होगा मिनी जू अब
-अलग यूनिट के रूप में डेवलप होगा।
-मैनेजमेंट के लिए सेपरेट वन्य जीव प्रतिपालक, जू क्यूरेटर होगा।
-अलग रेंज अधिकारी व रेगुलर स्टाफ होगा।
-जू के साउथ पार्ट में रेस्क्यू सेंटर स्थापित होगा।
-एनिमल कलेक्शन प्लान के अनुरूप दूसरे स्टेट्स के जू से कॉर्डिनेशन होगा।
-सेपरट टिकट काउंटर, ड्रिंकिंग, सेनिटेशन, रेस्टारेंट, पार्किंग और सोविनियर शॉप होंगे।
-जू का निर्माण कार्य सेंट्रल जू अथॉरिटी, राज्य सेक्टर योजना, कैंपा योजना, पर्यटन विभाग व बाकी श्रोतों से तैयार होगा।
फर्स्ट फेज के निर्माण कार्य
-गुलदार रोधी दीवार निर्माण कार्य--ख्ख्00 मीटर।
-गुलदार रेस्क्यू सेंटर---एक।
-रेपटर्स रेस्क्यू सेंटर निर्माण कार्य--एक
सेकेंड फेज के निर्माण कार्य
-टिकट काउंटर, पार्किंग, सेनिटेशन, रेस्टोरेंट, सोविनियर शॉप आदि।
-पक्षी अनुभाग, रेप्टाइल, सर्पेटानियम का स्थल विकास।
-टाइगर, बीयर, लकड़बघ्घा व डियर के इनक्लोजर्स।
-वेटनरी हॉस्पिटल की स्थापना।
-इंफॉर्मेशन सेंटर, बच्चों के लिए अवेयरनेस स्थल का विस्तारीकरण।
-बटरफ्लाई पार्क व आर्केडेरियम का विकास।
-लैंड स्केपिंग, बागवानी का विकास।
-डियर सफारी, विजिटर्स पाथ व सर्विस रोड़।
कितने एनिमल होंगे चिडि़याघर में
रॉयल बंगाल टाइगर-ख्, लकड़बघ्घा-दो, स्लौथ भालू-दो, हिमालय भालू-दो, ब्लैक बक-पांच, सांभर-पांच, घुरल-चार। कछुवा-नौ, घडियाल-दो, पक्षी में खलीज फीजेंट-छह, जंगली मुर्गा-चार, इंडियन पी-फाउल-म्, मोनाल-म्, गिद्ध-दो, ईगल-दो, भारतीय गिद्ध-दो, रेट स्नेक-दो, इंडियन पैथन-दो, बैंडेड क्रैट-दो, कॉमन इंडियन क्रैट-ख्, रसैल वाइपर-दो, इंडियन कोब्रा-दो, ग्रेंपिंग वाइपर दो और हनुमान लंगूर तीन।