RANCHI: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के क्फ्वें दिन गुरुवार को राज्य सरकार अपने ही मंत्री के बयान पर कठघरे में फंसी नजर आई। मामला इतना गंभीर हो गया कि मंत्री का बचाव करने के लिए खुद मुख्यमंत्री को सामने आकर सदन में खेद व्यक्त करना पड़ा। दरअसल, झारखंड सरकार के कृषि व पशुपालन मंत्री रणधीर सिंह ने पिछले दिनों बयान दिया था कि विधानसभा में सवाल पूछने के लिए विधायक पैसा लेते हैं। मंत्री के इस बयान पर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक के विधायक कड़ा रूख अपनाते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग करने लगे। विधायकों ने इसे अपना अपमान मानने के साथ ही मंत्री के बयान को सदन की गरिमा भंग करने वाला भी बताया।

क्या दिया था बयान

इससे पहले गुरुवार को विधानसभा में सदन की ज्यों ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर मंत्री पर हमला बोल दिया। कहा कि मंत्री अपने बयान पर सदन में सदस्यों से माफी मांगें। साथ ही मंत्री यह भी सबूत दें कि आखिर किस विधायक ने पैसे लेकर सदन में सवाल पूछे हैं। उनका नाम सदन को बताएं। इस मामले में विपक्ष के सदस्यों को सत्तापक्ष के सदस्यों का भी साथ मिला।

स्पीकर से दखल देने की मांग

झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और जेवीएम के सदस्यों ने स्पीकर से इस मामले में दखल देने की मांग की। सदन की कार्यवाही सुबह क्क् बजे शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन सोरेन ने कहा कि विपक्ष की गरिमा तार-तार हो रही है। मुख्यमंत्री बोलते हैं कि विपक्ष घडि़याली आंसू बहा रहा है। वहीं, कृषि मंत्री जो बयान दे रहे हैं उन पर तो एससी-एसटी का केस होना चाहिए। नेता विपक्ष के इतना कहते हुए मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि वो अक्सर कहते रहते हैं कि कृषि मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसके बाद विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद स्टीफन मरांडी ने सवाल पूछते हुए कहा कि कृषि मंत्री बयान देते हैं कि पैसे लेकर सदन में प्रश्न पूछे जाते हैं। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप पहले विपक्ष ने लगाया है, उसका जवाब दे तब मैं दूंगा। इस पर जेवीएम विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने बोला कि आसन की निर्देशिका का कृषि मंत्री सरासर उल्लंघन कर रहे हैं। मैं यह बात आसन पर छोड़ता हूं। इस पर सुखदेव भगत ने कहा कि कोई प्रश्न लाता है, तो वो जनता के हित का होता है। अगर सरकार चाहती है, तो अब कोई प्रश्न नहीं उठाएगा। बजट पास हो जाएगा हम चले जाएंगे।

वेल में विपक्ष, जमकर नारेबाजी

इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दखल देते हुए कहा कि सदन के बाहर लोग बोलते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। आदिवासी-मूलवासी विरोधी है। जबकि किसी पर व्यक्तिगत आरोप पर बिना तथ्य के सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि ऐसी बातें आएंगी, तो हम जरूर कार्रवाई करेंगे। सभी सदस्य हमारा इशारा समझें। इसके बाद माले विधायक राजकुमार यादव ने कृषि विभाग में भ्रष्टाचार का एक मुद्दा उठाया। प्रदीप यादव व स्टीफन मरांडी ने भी मंत्री पर हमला बोला। इसके बाद कृषि मंत्री ने अपना बचाव किया। एक बार फिर विपक्ष वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा।