-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रविदास मल्होत्रा के खिलाफ शिकायत

- लेटर हेड पर वर्क ऑर्डर, पेमेंट से इंकार

- पहले था प्रतिनिधि और अब बता रहे फ्राड

LUCKNOW: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मल्होत्रा ठगी के गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। आरोप है कि मंत्री जी ने पहले अपने लेटर हेड पर लिख कर इलाके में काम कराया और पेमेंट देने की बात आई तो फर्म के मालिक को धमकाने लगे। 1ष् मंत्री जी ने मामले का पूरा ठीकरा अपने कथित प्रतिनिधि पर फोड़ा है, फिलहाल फर्म ओनर ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त से की है।

टंकी, प्याऊ और सबमर्सिबल लगवाया

असल में ये पूरा मामला 2012 का है। रविदास मल्होत्रा के विधायक बनने के बाद इलाके में विधायक निधि से काम कराये जाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को काम सौंपा गया था। कंपनी के डायरेक्टर सैयद इरशाद अहमद का आरोप है कि मंत्री के अमीनाबाद स्थित कार्यालय के प्रतिनिधि अभिषेक निगम ने उन्हें काम करने के लिए बुलाया था और सिक्योरिटी के नाम पर दस लाख रुपये जमा कराये थे। अभिषेक ने मंत्री से भी मिलवाया और मंत्री ने लेटर पैड पर अलग-अलग काम कराने के लिए लिख कर दिया। इसमें पानी की टंकी बनवाया जाना, सबमर्सेबिल लगवाना, पांच प्याऊ घर का वर्क ऑर्डर मंत्री ने लेटर हेड पर दिया। काम के बाद पेमेंट की बारी आयी तो टालते रहे।

लेटर हेड पर दिया वर्क आर्डर

इरशाद अहमद ने बताया कि मंत्री रविदास मल्होत्रा ने अपने सरकारी लेटर पैड जिसका नंबर ग 5 नं। 041973 है, पर पांच सबमर्सेबल लगवाने का ऑर्डर दिया। इसके अलावा एक लेटर पैड पर 10 सबमर्सेबिल लगाये जाने का ऑर्डर दिया गया। इतना ही नहीं फर्म को दो अलग अलग लेटर पैड पर लिखकर तीन प्याऊ घर भी बनवाये गये। यह सभी आर्डर मंत्री जी ने अपने लेटर हेड पर अभिषेक निगम के थ्रू संबंधित फर्म को दिया।

40 लाख का हुआ काम

इरशाद का आरोप है कि जब रविदास मल्होत्रा विधायक बने तो अभिषेक निगम ने उन्हें रविदास मल्होत्रा से मिलवाया था। इरशाद का आरोप है कि रविदास ने अभिषेक निगम को प्रतिनिधि बताया था और कहा था कि कोई भी काम इन्हीं के थ्रू पूरे सिस्टम से होगा। इसी आधार पर उन्होंने अमीनाबाद क्षेत्र में लगभग 40 लाख रुपये खर्च कर पानी की टंकी, पियाऊ और सबमर्सेबिल लगवाये। इन सभी का बिल अभिषेक निगम ने अपने नाम पर करायी।

पेमेंट का चेक बाउंस

इरशाद का आरोप है कि बार बार पैसे मांगने पर अभिषेक निगम ने उन्हें अलग-अलग तारीखों के दो चेक दिये गये। एक चेक 10 लाख रुपये का और दूसरा चेक 13 लाख रुपये का था। दस लाख रुपये का चेक बाउंस हो गया और दूसरे चेक पर स्टॉप पेमेंट लगवा दिया गया। इस बारे में उन्होंने पुराने लखनऊ के बाजार खाला थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी है।

पहले भी दर्ज हैं कई मामले

अभिषेक पर पहले भी धोखाधड़ी के कई आरोप लग चुके हैं। अभिषेक निगम ने अमीनाबाद के ही एक व्यापारी को कानपुर के डीएम का दो करोड़ रुपये की साड़ी सप्लाई करने के लिए दस लाख रुपये ठग लिये थे। मामले में भी कानपुर में केस दर्ज कराया गया था।

मंत्री पर धमकाने का आरोप

इरशाद का आरोप है कि रविदास मल्होत्रा जो उस समय विधायक थे और अब मंत्री बन गये हैं, पैसे मांगने पर धमकी दे रहे हैं। इरशाद का कहना है कि मंत्री अब खुद को मामले से अलग बताते हुए अभिषेक निगम से पैसे मांगने की बात कर रहे हैं। इरशाद का कहना है कि मामले की शिकायत मैंने पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक की। अब हमने यह शिकायत लोकायुक्त को भेजी है जिससे पूरे क्षेत्र में कराये गये कार्यो का सत्यापन हो सके।

जिस अभिषेक निगम की बात की जा रही है वह फ्रॉड है। वह चुनाव के समय मुझसे जुड़ा था और कुछ फोटो मेरे साथ खिंचवा कर उसी का इस्तेमाल कर रहा है। मेरा अभिषेक निगम से कोई संबंध नहीं है। उसने मेरे फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल किया होगा।

-रविदास मल्होत्रा, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)