प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शनिवार को दो घंटे शहर में रहे

बाढ़ राहत शिविर में दौड़ाई एक नजर दौड़ाई और बोले सब ओके है

ALLAHABAD: चावल पका है या नहीं यह जानने के लिए पूरी हांडी के चावल के दाने चेक नहीं किए जाते। ठीक इसी फॉर्मूले पर शनिवार को लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने बाढ़ पीडि़तों का हाल जाना। सिर्फ एक कैंप में पहुंचे। नेताओं और अफसरों की फौज के साथ बमुश्किल पांच मिनट यहां बिताया। दो-चार से हाल-चाल पूछा और लौट गए। जाते-जाते बोला सब कुछ ओके है। इसके बाद उन्होंने चावल पकाने में लगने वाले टाइम की तरह अफसरों के साथ मिटिंग की। इसमें उन्होंने पर्याप्त समय दिया और करीब 115 मिनट तक अफसरों से पूरा ब्यौरा लिया। यहां भी सिर्फ सीएमओ को छोड़कर सबको क्लीन चिट मिल गई। लेखपालों को लेकर उनका रुख थोड़ा तल्ख जरूर दिखा।

हेलीकाप्टर से हालात पर नजर

दो सप्ताह से बाढ़ से जूझ रहे इलाहाबाद में शनिवार को प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव पहुंचे। लखनऊ से हेलीकाप्टर से यहां पहुंचे श्री यादव ने पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों को देखा। उनका उड़नखटोला बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा। यहां से वह सड़क मार्ग से मुख्यालय पहुंचे। सर्किट हाउस में अफसरों के साथ मिटिंग तय थी और उन्हें बाढ़ राहत शिविरों का दौरा करके यहां रह रहे लोगों का हाल-चाल जानना था। मंत्री जी यहां कुल करीब दो घंटे रहे। इसमें से करीब 115 मिनट उन्होंने मिटिंग समेत अन्य कामों को दिया और पांच मिनट विजिट करने के लिए ऋषिकुल राहत शिविर पहुंच गए। महिलाओं और बच्चों का हालचाल लिया। फिर इधर-उधर नजर दौड़ाई और बोले सब ओके है।

बदला था शिविर का नजारा

बमरौली एयरपोर्ट पर हेलीकाप्टर से उतरने के बाद पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर शिवपाल यादव राजापुर स्थित ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक स्कूल में बने बाढ़ राहत शिविर पहुंचे। शनिवार को शिविर का नजारा बदला-बदला था। चारों तरफ चूने का छिड़काव किया गया था और खाने में तहरी बांटी गई। यहां काफी लोग मंत्री से अपना दुखड़ा रोने के इंतजार में थे लेकिन इससे पहले ही वे काफिले के साथ सर्किट हाउस रवाना हो गए। शहर की कुछ संस्थाएं मंत्रीजी की मौजूदगी का फायदा उठाने में जुटी थीं। बाढ़ राहत शिविर में सुबह से ही कई संस्थाएं बैनर-पोस्टर लेकर खाना और अन्य राहत सामग्री लेकर पहुंची थीं। ये लोग इतने दिनों में अब तक एक बार भी नजर नहीं आए थे। राहत शिविर में रह रहे लोगों का कहना था कि उनकी गृहस्थी बह गई और मकान बाढ़ में धाराशायी हो गए। मंत्रीजी को इसकी जानकारी देनी थी, लेकिन उनके पास समय ही नहीं था।

इलाहाबाद में बाढ़

जिले की सभी आठ तहसीलों में बाढ़ का प्रभाव

कुल 204 गांव एवं मोहल्ले प्रभावित

बाढ़ एवं अतिवृष्टि तथा आकाशीय बिद्युत से 6 लोगों तथा 128 पशुओं की मृत्यु

शहरी क्षेत्र में 18 व ग्रामीण क्षेत्र में 44 कुल 62 बाढ़ राहत शिविर

यहां पर 33763 बाढ़ पीडि़त शरण लिये हुये हैं

जनपद मे कुल 91 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं, जो क्रियाशील हैं

गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर 5 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है

बाढ़ राहत कार्य हेतु कुल 1757 नावें लगायी गयी है

एनडीआरएफ की 35 सदस्यीय दो टीम कैम्प कर रही हैं

जलस्तर

खतरा बिन्दु

84.734

फाफामऊ

84.500

छतनाग

83.580

नैनी 84.210

(आंकड़ा शनिवार की शाम चार बजे तक वर्गमीटर में)