-एक महीने से मंत्री के पास लगा रही थी चक्कर

-नगर निगम ने एक महीने पहले ही बैंक को भेज दी थी डिटेल

-बैंक की लापरवाही से अटका था 80 वर्षीय वृद्धा का काम

-नाम में भी गड़बड़ी के बावजूद बैंक ने निगम को नहीं भेजा पत्र

-भड़के मंत्री ने बीओआई की विकास भवन शाखा में अकाउंट बंद करने का दिया निर्देश

RANCHI (29 Nov) : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 वर्षीय वृद्धा को आवास की पहली किस्त के लिए बैंक और नगर निगम के चक्कर लगाती रही, लेकिन उसके खाते में पैसे नहीं भेजे गए। इसके बाद महिला ने नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के पास गुहार लगाई। समस्या सुनने के बाद नगर विकास मंत्री महिला का पासबुक लेकर बैंक पहुंचे और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। जिसमें बैंक के स्टाफ ने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगी। लेकिन नगर विकास मंत्री इतने गुस्से में थे कि उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को बैंक आफ इंडिया, विकास भवन के शाखा में अकाउंट बंद करवाने तक का निर्देश्ा दे दिया।

नगर निगम को नहीं दी जानकारी

पैसा ट्रांसफर में आ रही परेशानी के बारे में बैंक के स्टाफ ने निगम को कोई जानकारी नहीं दी। ऐसे में महिला के पेपर में पति का नाम गलत होने के बारे में जानकारी नगर निगम को नहीं भेजी गई। जबकि नगर निगम ने बैंक को लिखित रूप में कहा है कि किसी भी तरह की त्रुटि होने पर तत्काल उन्हें जानकारी दें। इससे तत्काल सुधार किया जाएगा और किसी के खाते में पैसा भेजने में देर नहीं होगी। हालांकि जब कागजात की जांच की गई तो यह भी पाया गया कि महिला के पासबुक में पति का नाम लेट शिवशंकर राम था जबकि उसके बैंक में भेजे गए पेपर में पति का नाम बिरजू राम लिखा था।

नाम में गड़बड़ी के कारण रोका पैसा

लक्ष्मीनगर की रहने वाली किशोरी देवी ने पीएमएवाई के लिए आवेदन दिया था। जिसमें आवास के लिए सैक्शन लेटर भी दे दिया गया था। एक माह बीत जाने के बाद भी उसके अकाउंट में राशि नहीं भेजी गई। जबकि ख्ब् अक्टूबर को ही उसकी डिटेल नगर निगम से बैंक में भेज दी गई थी। इसके बाद उसने कई बार नगर निगम और बैंक के चक्कर लगाए लेकिन उसकी समस्या किसी ने नहीं सुनी। मंत्री से गुहार लगाने के बाद जब निगम के अधिकारी और मंत्री बैंक पहुंचे तो स्टाफ ने पैसे ट्रांसफर करने की बात कहीं। साथ ही बताया कि नाम में गड़बड़ी के कारण उसका पैसा नहीं भेजा गया था। ख्ब् नवंबर को निगम से चिट्ठी मिलने के बाद ख्9 नवंबर को उसके खाते में पैसा भेज दिया गया है। इस पर नगर विकास मंत्री ने पूछा कि जब चिट्ठी ख्ब् को मिली तो पांच दिन बाद पैसा क्यों भेजा गया।