- बिहार की बदलती राजनीति का असर कि अटैक शुरू

- सेक्रेटरी चंचल कुमार के फाइलों की जांच कराऊंगा

PATNA: आर्ट एंड कल्चर मिनिस्टर विनय बिहारी को जैसे ही जीतन राम मांझी ने भवन निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया कि दूसरे ही दिन उन्होंने बिहार म्यूजियम का सवाल उठा दिया। ये दोनों ही डिपार्टमेंट आईएएस चंचल कुमार के पास था और चंचल कुमार व विनय बिहारी के बीच तनाव जैसे हालत बने रहे। सार्वजनिक रूप से विनय बिहारी ने जब ये कहना शुरू कर दिया कि अफसर उनकी नहीं सुनते। सेक्रेटरी समय नहीं देते तो बात बढ़ने लगी और आखिरकार नीतीश कुमार के चहेते माने जाने वाले अफसर चंचल कुमार को जीतनराम मांझी ने हटा दिया। सूत्र बताते हैं कि इससे नीतीश कुमार को खासा दुख भी हुआ था, लेकिन तब तक नीतीश कुमार कुछ करने की स्थिति में नहीं थे। जीतन राम मांझी का स्वाभिमान जाग चुका था और विनय बिहारी अड़ चुके थे। बताया जाता है कि म्यूजियम के नोडल अफसर शुरू में अंजनी कुमार सिंह थे।

घोटाला हुआ है बिहार म्यूजियम में

विनय बिहारी ने आरोप लगाया है कि बिहार म्यूजियम में घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि फ्0 हजार से ऊपर शीरीरिक प्रशिक्षण प्राप्त लोग नौकरी के इंतजार में हैं। तीन हजार से ज्यादा संगीत कला के उत्तीर्ण अभ्यर्थी भटक रहे हैं और जो म्यूजियम पहले से बिहार में हैं उनकी देखरेख ठीक से नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ ख्80 करोड़ रुपए पूर्व प्राक्कलित राशि थी जिसे बढ़ाकर भ्00 करोड़ कर दिया गया। ये किस नीति से किया गया पता नहीं। इसकी जांच करायी जाएगी। जो भी होंगे दोषी नपेंगे। ईमानदारी का चोला पहनकर बेइमानी की भात नहीं खाने दूंगा।

छोटी सी बात विनय बिहारी से

अब ये सवाल आप क्यों उठा रहे हैं?

-मैं शुरू से कह रहा हूं कि मेरी बाद डिपार्टमेंट में नहीं सुनी जा रही। मेरे ही कहने पर चंचल कुमार को हटाया गया।

उनके आपकी क्या दुश्मनी है?

-हमदोनों की कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। हां, नीतीश कुमार के नाम पर मुझे डराया जाता था कि चंचल कुमार को क्रॉस नहीं करें। अब मैं फाइलों की जांच कराऊंगा। उस समय सेक्रेटरी से समय मांगता था तो वे नहीं देते थे। मैं बराबर बात उठाता रहा।

लेकिन नीतीश कुमार ने ही आपको मंत्री बनवाया था।

- खेल बिल हटाने पर भी नीतीश कुमार नाराज हुए थे। हमने उनकी सरकार को बचाया था चार निर्दलीय के सहारे। उन्होंने मंत्री इसलिए बनाया कि लूट होती रहे और मैं चुप रहूं। मैं फर्ज और धर्म के साथ पद पर रहूंगा।

कहा जा रहा है कि आप इन मुद्दों को उठाकर दबाव बना रहे हैं?

-जो सच है सो है। नीतीश कुमार ने तो हॉर्स ट्रांसपोर्टिग करवाया विधायकों को दिल्ली ले जाकर। विधायक भेड़-बकरी नहीं हैं जो जिधर चाहें डोरिया दिए। जो विधायक दिल्ली गए हुए हैं उनमें से ख्0 हमारे संपर्क में हैं और ये दिल्ली से बिहार लौटने के बाद अपना जलवा दिखाएंगे।

हाईकोर्ट ने भी कोर्ट पर सवाल उठाया

हाइकोर्ट ने अशोक कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए भ् फरवरी को कहा कि फटे शर्ट पैंट पर जोडिएट की टाई। कोर्ट ने ये तीखी टिप्पणी बिहार की गरीबी को देखते हुए की थी कि यहां इतनी गरीबी है बाकी योजनाओं का हाल बेहाल है, जो म्यूजियम हैं वे बुरी स्थिति में ऐसे में भ्00 करोड़ नए म्यूजियम पर खर्च करने का क्या औचित्य है। कोर्ट ने सरकार के हलफनामे को खारिज करते हुए इसे रुपए का दुरूपयोग माना था।

नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट

बिहार म्यूजियम, नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने ही इस म्यूजियम का सपना देखा था। उन्होंने तब ताजमहल को याद किया था और कहा था कि जैसे ताजमहल के बगल से गुजरने वाले कहते हैं वाह ताज उसी तरह ये म्यूजियम होगा, लेकिन इस म्यूजियम में रखी जाने वाला ज्यादातर सामाग्री पटना म्यूजियम से ही आने वाली है।