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LUCKNOW : एक प्राइवेट न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को एसआईटी ने मंगलवार को आठ घंटे की रिमांड पर लिया। हजरतगंज कोतवाली में तीनों आरोपी सचिवों के बारी-बारी से बयान दर्ज किए गए। भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों में गहनता से पूछताछ की गई। इसके बाद उन्हें जेल में दाखिल करा दिया गया।

लंबी पूछताछ से कडिय़ां जोड़ी

एक प्राइवेट न्यूज चैनल ने बीते दिनों पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी का स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसमें तीनों निजी सचिव करोड़ों रुपये के ठेके-पट्टे के लिए डील करते

नजर आए थे। इसी संबंध में मंगलवार को तीनों निजी सचिव से एसआईटी ने पूछताछ करके कड़ी से कड़ी जोड़ी। भ्रष्टाचार के खेल में और कौन-कौन लोग उनका साथ दे रहे थे, इस संबंध में भी विस्तार से पूछताछ की गई। एसआईटी जांच में कुछ सफेदपोश समेत और लोगों के ऊपर से पर्दा उठ सकता है।

10 दिनों में देनी है रिपोर्ट

घटना के बाद सरकार ने तीनों सचिवों को निलंबित कर हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच को एडीजी राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी, जिसे 10 दिनों में जांच करके अपनी रिपोर्ट देनी है। आईटी विभाग के विशेष सचिव राकेश वर्मा भी जांच में लगाए गए थे। जांच में टीवी चैनल से स्टिंग की क्लिप्स मांगी गई थी, जिसमें यह सामने आया कि उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

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