जो बच्चे कलम नहीं पकड़ पा रहे, वो पटना की सड़कों पर दौड़ा रहे ई-रिक्शा

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PATNA : 'अंधेर नगरी, चौपट राजा', यह कहावत पटना में दौड़ रहे ई-रिक्शों पर सटीक बैठती है। पूरे शहर में पुलिस-प्रशासन का पहरा है, लेकिन हर कहीं आपको छोटे-छोटे बच्चे ई-रिक्शा पर 5 लोगों की जिंदगियां दांव पर रखकर दौड़ाते दिख जाएंगे। डीजे आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में जब इन बच्चों से पूछा गया कि आपको पुलिस से डर नहीं लगता तो उनका जवाब था साहब, पैसा फेंको तमाशा देखो। दस-बीस रुपया देना पड़ता है बाकी कोई बोलने वाला नहीं है। तुम्हारे पास तो ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है? सवाल पूछने पर जवाब मिला हमारे मालिक के पास तो है। ऐसे में सवाल तो उठता है कि स्कूल जाने की उम्र में इन मासूम बच्चों से खुलेआम गैरकानूनी काम करवाया जा रहा है और बोलने वाला कोई नहीं है। अगर किसी दिन कोई बड़ा हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा?

डीएल का फंडा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब नाबालिग ड्राइवरों से पूछा कि डीएल कहां हैं तो सभी ने बड़े आराम से कह दिया कि इसकी जरूरत नहीं है। यह ई रिक्शा है। जब कहा कि आप कैसे इसे चला रहे हैं। तो जवाब दिया कि मालिक का डीएल है गाड़ी में। कोई परेशानी नहीं है। यदि पुलिस वाले परेशान करते हैं तो पैसे देकर निकल जाते हैं। वैसे भी गाड़ी अपनी नहीं है, भाडे़ पर चला रहे हैं।

जिमेदार का कहना

मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) संजय कुमार अश्क से बातचीत की गई तो उन्होंने यह जवाब दिया-

रिपोर्टर - क्या ई रिक्शा बिना डीएल के चलाना मान्य है?

एमवीआई - नहीं।

रिपोर्टर - क्या 15 साल का लड़का ई रिक्शा चला सकता है?

एमवीआई- यह मान्य नहीं है। नियम के मुताबिक गलत है।

रिपोर्टर- हमने गांधी मैदान, कारगिल चौक के पास स्टिंग ऑपरेशन किया। इसमें अधिकांश ई रिक्शा चलाने वाले नाबालिग हैं। क्या कार्रवाई होगी?

एमवीआई- आपने बताया है। इसका संज्ञान लिया जाएगा। अाियान चलाकर इस पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। कार्रवाई में ई रिक्शा के मालिक और नाबालिग ई रिक्शा चालक दोनों ही आर्थिक दंड के पात्र होंगे। मोटर वेहिकल एक्ट के सेक्शन 180 और 181 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है।