- समाज कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक विभाग में रोजाना आते हैं गरीब अल्पसंख्यक बेटियों के पैरेंट्स की क्वैरी

347 लाख रुपये का बजट जारी होता
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GORAKHPUR:
गरीब अल्पसंख्यक बेटियों के पैरेंट्स आज भी विवाह के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग व समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। आर्थिक मदद की आस लगाए बैठे गरीब अल्पसंख्यकों को इस साल शादी अनुदान के लिए शासन की तरफ से अभी तक कोई बजट नहीं जारी होने के कारण मुश्किलें बढ़ गई हैं। गरीब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है किअनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग व अन्य पिछड़ा वर्ग की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए शासन की तरफ से 347 लाख रुपये का बजट जारी होता है।

चक्कर लगाने को बेबस हैं पैरेंट्स
बता दें, जिला समाज कल्याण विभाग में जैसे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हिंदू परिवार में विवाह योजना का लाभ दिया जाता है। वैसे ही अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बेटियों के विवाह के लिए अलग से शासन द्वारा बजट जारी किया जाता है, लेकिन शासन की तरफ से अभी तक बजट नहीं आया है। इस कारण आज भी करीब दो हजार से ऊपर अल्पसंख्यक गरीब बेटियों के परिजनों को बजट के चक्कर में समाज कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक विभाग के चक्कर लगाने मजबूर हैं। हालांकि समाज कल्याण के जिम्मेदार अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही शासन की तरफ से बजट आ जाएगा। उसके बाद आगे की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।

क्या है नियम और कैसे करेंगे अप्लाई
जिला समाज कल्याण विभाग की मानें तो साल 2018-19 में अनुसूचित ग्रामीण इलाकों में जिनकी वार्षिक आय 46080 रुपये से कम है और शहरी क्षेत्र में 56400 रुपये से कम है, ऐसे लोग शादी अनुदान के लिए पात्र हैं। शादी की तारीख से 90 दिन पहले या बाद में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की हार्ड कॉपी बीडीओ कार्यालय में और शहरी इलाकों के आवेदक एसडीएम कार्यालय में जमा कर सकते हैं। लेकिन यह सभी प्रक्रिया बजट आने के बाद ही शुरू हो सकेंगी।

क्या कहते हैं अफसर
अभी अल्पसंख्यक वर्ग की शादियों के अनुदान संबंधी बजट नहीं आया है। बजट आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।
संजय मिश्रा, जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी