सड़क बह जाने से मऊ में मिर्जापुर- झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बाधित

बांदा, महोबा, सतना, झांसी सहित आधा दर्जन जनपदों के लिए कानपुर हो कर जा रहे हैं यात्री

इलाहाबाद अंचल व कौशाम्बी के कई इलाकों में बसे गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

ALLAHABAD: बारिश से नदियों में अचानक आई बाढ़ से इलाहाबाद अंचल सहित कौशाम्बी व मऊ के अधिकांश क्षेत्रों में हालात बदतर हो गए हैं। कई गांवों में घुसे बाढ़ के पानी की वजह से ग्रामीणों में दहशत है। तमाम सड़कें पानी के तेज बहाव में बह जाने से आवागमन बाधित है। कई लोगों के कच्चे मकान जमींदोज हो गए हैं। बुधवार को सड़क बह जाने से मऊ में मिर्जापुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन ठप गया। जिसके चलते इलाहाबाद से आधा दर्जन शहरों का संपर्क टूट गया।

देखते ही देखते बह गई सड़क

मऊ स्थित काला क्षेत्र के सोरउधा खासहा सड़क पानी के तेज बहाव में बह गई। जिसकी वजह से बुधवार को मिर्जापुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागम बाधित हो गया। हालात यह हैं कि अब यात्रियों को बांदा, झांसी, चित्रकूट, महोबा, छतापुर, मैना, सतना आदि जनपदों में जाने के लिए कई किलो मीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। यात्री कानपुर हो कर करीब 200 किलो मीटर का चक्कर लगा कर सफर करने को विवश हो गए हैं। इलाहाबाद से आधा दर्जन शहरों का संपर्क टूट गया है।

सुरक्षित ठौर की तलाश में ग्रामीण

इलाहाबाद अंचल के फाफामऊ स्थित गंगा में आए उफान की वजह से क्षेत्र के रंगपूरा, नई बस्ती, डोमनीमऊ, फाफामऊ कस्बे के आस पास स्थित बस्तियों, मोरहूं, गद्दोपुर, सुमेरी का पूरा, मलाकहरहर, सहित दर्जनों गांवों के लोग काफी परेशान हैं। इसी तरह घूरपुर थाना क्षेत्र के चौकठा गांव निवासी देवी प्रसाद वर्मा की सुषमा देवी कच्चे मकान में काम कर रही थी। अचानक घर की दीवार गिरने से वे मलबे में दब गई। जिससे घायल हो गई। ग्रामीणों ने मलबे से निकाल कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि शंकरढ़, बारा व नैनी और करछना इलाके के दर्जनों गांवों में नदियों के बाढ़ का पानी घुस गया है। कई गांव के लोग घर छोड़ कर सुरक्षित ठौर की तलाश में जुट गए हैं। कौशाम्बी जिले में कड़ा, सिपाहमहेरी, कोखराज व मूरतगंज के तराई वाले बेल्ट में स्थित कई गांवों में गंगा के बाढ़ का पानी घुस गया है।

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नारीबारी में बांटी गई राहत सामग्री

नारीबारी में टोंस नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते बाढ़ का पानी देवरा, पटिवार, सतपुर, लोनीपार, इटवा, बराडीह, माड़ो, सिंहपुर, भगदेवा, मवैया लोहरा आदि गांवों में बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सुरक्षा के लिए नारीबारी में तीन प्लांटून पीएसी रेस्क्यू टीम भी पहुंच गयी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों का सीएमओ डॉ। आलोक वर्मा व बीडीओ पीयुष सिंह जायजा लिया। तहसील प्रशासन द्वारा तीन हजार पैकेट भोजन, दो हजार पैकेट पार्ले जी एवं लाई चना की व्यवस्था कराई गई। ध्वस्त मकानों सहित धनहानि, जनहानि एवं पशु हानि की सूची भी तैयार की जा रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन की व्यवस्था के लिए फुलतारा, चौकठा, लोहरा, मवैया, बजडडी, डेरा, बनबिहरिया एवं मैदा में किचन की व्यवस्था की गयी है।

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बाढ़ से बदतर हो सकते हैं हालात

गंगा व यमुना में जिस रफ्तार से पानी बढ़ रहा है उसे देखते हुए अगले 24 घंटे में खतरा और बढ़ सकता है। बाढ़ के हालात को देखते हुए कमिश्नर राजन शुक्ला ने कई इलाकों का दौरा किया। पिछले चौबीस घंटों में में गंगा में 155 सेमी और यमुना में 129 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो चिंता का विषय बन गया है। इलाहाबाद में खतरे का निशान 84.73 मीटर है और बुधवार को गंगा का जलस्तर 83.32 मीटर दर्ज किया गया। ऐसे में गंगा डेंजर प्वाइंट से महज 141 सेमी दूर रह गई हैं।