चौपुला पर drama

घटना दोपहर पौने तीन बजे के करीब हुई। चौपुला चौराहा पर टाटा 407 गाड़ी वन वे में घुस गई। ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी पकड़ ली और उसे ट्रैफिक ऑफिस में ले आए। गाड़ी सीज करने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान एक सिपाही ट्रैफिक इंस्पेक्टर के ऑफिस में गाड़ी छुड़वाने की सिफारिश लेकर पहुंचा। उसने बताया कि गाड़ी स्टाफ की है और इसमें    दहेज का सामान है। ट्रैफिक पुलिस ने ये सुनकर गाड़ी छोड़ दी।

कार में बैठकर भाग निकला

सूरज पाल खुद को पीलीभीत डिस्ट्रिक्ट के जहानाबाद थाने का एसओ बता रहा था। अभी वहां पर मामला सुलझाने और गाड़ी पकडऩे का प्रयास चल ही रहा था कि वह बाहर खड़ी कार में अपने साथियों के साथ बैठकर चलता बना। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने टाटा 407 को सीज कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर ऑफिसर्स ने सख्त कार्रवाई की बात कही है।

दहेज का सामान लोड था

गाड़ी के ड्राइवर चंद्रपाल ने बताया कि एसओ सूरज पाल शांति विहार, सुभाषनगर में रहते हैं। उनके घर में किसी की शादी होने वाली है। लखनऊ में लगन होना है, जिसके लिए सामान लोड होकर जा रहा था। स्टाफ का मामला होने के चलते वह गाड़ी नो इंट्री में लेकर जाने लगा लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। उसका कहना है कि पहले भी गाड़ी इस तरह से छूटकर जाती रही है। बाद में कुछ रिलेटिव सामान को दूसरी गाड़ी में रखकर ले गए।

SO ने की हाथापाई

गाड़ी अभी गेट से बाहर निकली ही थी कि उसका मालिकसूरज पाल ट्रैफिक पुलिस के ऑफिस में तीन-चार साथियों के साथ पहुंचा। अपशब्द कहने लगा और जिसने गाड़ी सीज की, उसे देख लेने की धमकी दी। उसने यहां तक कहा कि वह गाड़ी व ऑफिस को आग लगा देगा। शोर सुनकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश चंद्र त्रिपाठी ऑफिस से बाहर निकले और उसे रोका। इस पर वह इंस्पेक्टर से ही भिड़ गया। उनके साथ हाथापाई पर उतारू हो गया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव किया।

'एसआई ने जो ट्रैफिक आफिस में इंस्पेक्टर के साथ किया वो काफी गलत है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। एसपी पीलीभीत को रिपोर्ट भेजकर निलंबन के लिए लिखा जा रहा है.'

राकेश जौली, एसपी ट्रैफिक बरेली