- गर्मी दे रही बीमारियों की सौगात

- जायरीनों को हो रहा हीट स्ट्रोक और डायरिया

- बच्चे से लेकर बूढ़े तक हो रहे बीमार

AGRA। गर्मी की मार ने जायरीनों की हालत इतनी ज्यादा खराब कर दी है कि यहां पहुंचने वाले जायरीन यहां से बीमारी की सौगात लेकर जा रहे हैं। एक दिन में क्भ्00 से ज्यादा जायरीन बीमार हो रहे हैं। यह आंकड़े चौंकाने वाले होने के साथ सच भी हैं। कोठी मीना बाजार में जायरीन कैंप में लगे चिकित्सा शिविर के रजिस्टर तो यही बयां कर रहे हैं।

गर्मी से हो रहे परेशान

पिछले कुछ दिनों से कोठी मीना बाजार में हर साल की तरह पहुंचे जायरीनों को गर्मी ने परेशान कर दिया है। दिन भर कोठी मीना बाजार ग्राउंड में धूल उड़ती रहती है। पंखों की व्यवस्था नहीं है। टेंपरेचर ब्ख् डिग्री पार कर चुका है। ऐसे में टेंट में दोपहर निकालना, जायरीनों को भारी पड़ रहा है। चिकित्सा कैंप में आने वाले ज्यादा मरीजों को हीट स्ट्रोक की शिकायत है। हीट स्ट्रोक की वजह से बुखार, पेट दर्द, शरीर में दर्द, उल्टी और लूज मोशंस की शिकायत हो रही है। इसके अलावा डायरिया के पेशेंट्स की संख्या भी काफी है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक बीमार हो रहे हैं। एक दिन में क्भ्00 मरीज होने के बाद दूसरे दिन यानि थर्सडे को भी मरीजों की संख्या काफी रही। दोपहर डेढ़ बजे जब 'आई नेक्स्ट' की टीम वहां पहुंची तो रजिस्टर में फ्भ्0 से ज्यादा मरीजों की एंट्री हो चुकी थी। मेडिकल कैम्प में थर्सडे कोई ही शाम तक ब्9म् जायरीन इन बीमारियों सम्बधी शिकायत लेकर आते रहे। सीएमओ ऑफिस की तरफ से लगाए गए इस कैंप का निरीक्षण करने के लिए सुबह करीब दस बजे सीएमओ डॉ। एके कुलश्रेष्ठ खुद कोठी मीना बाजार ग्राउंड पहुंचे।

वेडनसडे को हुए रिकॉर्ड बीमार

भारी तादाद में आए जायरीनों के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं कराई हैं। इनमें पानी से लेकर टेंट और शौचालयों की भी व्यवस्थाएं शामिल हैं। लेकिन इन व्यवस्थाओं पर गर्मी भारी पड़ रही है। जायरीनों के लिए की गई व्यवस्था में चिकित्सा कैंप भी लगाया गया है। वेडनसडे को यहां रिकॉर्ड बीमार दर्ज किए गए। यहां मेंटेन हो रहे रजिस्टर में दवा लेने वाले मरीज का नाम दर्ज है। वेडनसडे को रजिस्टर चैक करने पर पता चला कि एक दिन में क्भ्00 से ज्यादा मरीज यहां से दवाएं लेकर गए हैं।

शिफ्ट्स में लग रही है ड्यूटी

कोठी मीना बाजार में लगे चिकित्सा कैंप में तीन शिफ्ट्स में काम हो रहा है। एक शिफ्ट सुबह आठ से दोपहर से दो बजे तक, दूसरी शिफ्ट दोपहर दो से रात आठ बजे तक और तीसरी शिफ्ट रात आठ से सुबह आठ बजे तक लग रही है। हर शिफ्ट में तीन डॉक्टर्स, तीन फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वॉय और एक ड्राइवर होता है। एक एंबूलेंस खड़ी रहती है। यहां तीन बैड भी रखे हुए हैं। थर्सडे दोपहर डेढ़ बजे डॉ। जाहिद बक्स, डॉ। संजीव गुप्ता, डॉ। श्वेता गुप्ता, फार्मासिस्ट रामखिलाड़ी और वीके शुक्ला मौजूद थे।

धूल में बिकती है खाने की चीजें

जायरीनों के बीमार होने की सबसे बड़ी वजह तो गर्मी ही है। लेकिन इसके अलावा यहां खाने-पीने की कई चीजें खुली बिक रही हैं। जिस पर कोठी मीना बाजार में दिन भर उड़ती धूल चिपक जाती है। ऐसी चीजों को खाने से जायरीनों को पेट संबंधी रोग हो रहे हैं।

अजमेर शरीफ से लौटकर आ रहे जायरीनों के लिये प्रशासन ने कोठी मीना बाजार के ग्राउंड पर रूकने के लिये व्यवस्थाएं तो की हैं लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही हैं। नतीजतन जायरीनों को बीमार होकर उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।

पीने को मिल रहा है, गंदा पानी

जायरीनों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिये नगर निगम व बज्मे खुद्दाम अबुल ओलाई संस्था ने मिलकर व्यवस्थाएं की हैं। लेकिन जो व्यवस्थाएं हैं वह सिर्फ नाम की हैं। पानी तो जायरीनों को मिल रहा है लेकिन उसमें साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जिन ड्रमों में पीने का पानी रखा गया है उनको ढकने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। ग्राउंड मिट्टी भरा होने की वजह से दिन भर धूल उड़ती रहती है जो खुले पानी को प्रदूषित कर रही है। ड्रमों का पानी गंदा व धूल से भरा रहता है। ड्रमों के चारों और व अंदर भी मक्खि्यों ने कब्जा कर रखा है। लेकिन ये सब अव्यवस्थाएं वहां व्यवस्थापकों को नहीं दिख रहीं। पानी की गंदगी की वजह से जायरीन बीमार पड़ रहे हैं।

महिला स्नानघर पर नहीं हैं, सुरक्षा की व्यवस्था

जायरीन कैम्प में महिला स्नानघर की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गयी हैं, लेकिन वहां कोई साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है जो यह दर्शाय कि यह महिला स्नानघर है। यही नहीं, स्नानघर के अन्दर लगे नलों को शोपिस की तरह लगाया गया है। जिनसे एक बूंद पानी तक की नहीं टपकती और महिलाओं के मद्देनजर से स्नानघर के बाहर प्रशासन ने कोई भी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की हैं।

मुस्तैदी में लगें पुलिसकर्मी भी कैम्प में मार रहें हैं मस्ती,

कैम्प में जायरीनों की मुस्तैदी के लिये लगाये गये पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी किसी तरह दे रहे हैं यह इन पिक्चर्स में देखा जा सकता है। पुलिसकर्मी कैम्प क्षेत्र में गप्पे मारकर या कैम्प में जायरीनों के आराम के लिये बनाये कैम्पों में सो कर समय गुजार रहे हैं।

बसों के नीचे सोने पर मजबूर जायरीन

जायरीनों के लिये बनाये गये कैम्पों में साफ सफाई व उचित संख्या में टेंटों की व्यवस्था न होने के कारण जायरीन भंयकर गर्मी से बचने के लिये बसों के नीचे सोकर समय गुजराने को मजबूर हो चुके हैं।

'हम लगातार मरीजों को दवाएं दे रहे हैं। यहां आने वाले जायरीन इस बार गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। अभी तक हालांकि किसी को एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ी है.'

- डॉ। संजीव गुप्ता, फिजिशियन

'हमारे पास हर तरह की दवाई है। उल्टी,दस्त से लेकर बच्चों के लिए ओआरएस के पैकेट तक शामिल हैं.'

- वीके शुक्ला, फार्मासिस्ट