- लखनऊ पहुंची मिस इंडिया-2016 की सेकेंड रनरअप बनी पंखुड़ी गिडवानी

- पंखुड़ी का स्वागत के लिए फैमिली मेंबर्स के साथ फ्रेंड्स भी पहुंचे

LUCKNOW: आदाब! मैं पंखुड़ी, नवाबों के शहर से। अपने इसी इंट्रो के साथ मिस इंडिया-2016 की सेकेंड रनरअप रहीं पंखुड़ी गिडवानी ने इस प्रतियोगिता में शुरुआत की। मिस इंडिया के टॉप थ्री में आने के बाद वो पहली बार अपने शहर आई। जहां पर उनके चाहने वालों और परिवार के लोगों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर आई नेक्स्ट ने उनसे खास बातचीत की।

शहर का बहुत सपोर्ट मिला

पंखुड़ी गिडवानी कहती हैं कि मुझे लखनऊ के होने का बहुत फायदा मिला। जो भी मिलता था, वो पूछता था कि अच्छा तुम ही हो तहजीब के शहर से। यहां के लोगों और परिवार के सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल था। लोगों के सपोर्ट के लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं।

शहर में मॉडलिंग का स्कोप है

वह कहती हैं कि अपना शहर बहुत तेजी से तरक्की कर रहा है। विकास के साथ लोगों की मानसिकता भी बदल रही है। लड़किया अपना कैरियर खुद चुनने की आजादी महसूस कर रही हैं। हालांकि अभी मेट्रो सिटी जैसा नहीं हुआ है, मगर फिर भी इस फील्ड में शहर की लड़कियों की संख्या पहले की अपेक्षा ज्यादा हो गई है।

फोकस होना बहुत जरूरी

पंखुड़ी ने कहा कि किसी भी फील्ड चाहे वो मॉडलिग हो, वकालत हो या डॉक्टरी का पेशा हो, सब में उनके प्रति समर्पण और उस चीज पर फोकस होना बहुत जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो लक्ष्य को हासिल करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

बॉलीवुड में जगह बनाना है मकसद

मिस इंडिया-2016 की सेकेंड रनरअप रही पंखुड़ी ने कहा कि अभी बहुत लम्बा सफर करना है। मुझे बॉलीवुड में अपनी जगह बनानी है। जिसके लिए मैं पूरी मेहनत करूंगी। फिलहाल अभी इंटरनेशनल ब्यूटी कॉम्पिटीशन की तैयारी करूंगी। उन्होंने कहा कि मिस इंडिया के दौरान शाहरुख से मुलाकात का ड्रीम पूरा होने जैसा था।

प्रियंका हैं मेरी आइडियल

पंखुड़ी ने बताया कि उनकी आइडियल फैशन की दुनिया से फिल्मों में आई एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा हैं। इसके अलावा पंखुड़ी बहुत अच्छी कथक डांसर भी हैं। ग्यारह वर्ष की उम्र में उन्होंने राष्ट्रपति भवन में कथक की प्रस्तुति दी थी। इसके अलावा उनको मिस टैलेंट का भी खिताब मिल चुका है। उन्होंने बताया कि प्रियंका चोपड़ा की तरह ही उनको अपना कैरियर बनाना है।

जरूरी है एजुकेशन

पंखुड़ी कहती हैं कि अभी मेरा इंटर भी नहीं हुआ है, लेकिन मैं सबसे पहले अपनी एजुकेशन को कंप्लीट करूंगी। क्योकि मेरा मानना है बिना एजुकेशन के कुछ नहीं हासिल होता। एजुकेशन बहुत ही जरूरी है।