क्या है मामला

सुबह से ही कैंपस में एडमिशन न मिल पाने के कारण परेशान स्टूडेंट पहुंचने लगे थे, लेकिन हमेशा की तरह ही एडमिशन कोर्डिनेटर या उनके एसिस्टेंट कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

मेरिट पर मेरिट

मुजफ्फरनगर दंगों के चलते कई जिलों के स्टूडेंट एडमिशन नहीं ले पाए। इस दौरान यूनिवर्सिटी ने अन्य जिलों के लिए मेरिट पर मेरिट जारी कर दी और रेगुलर कॉलेजों में कई सब्जेक्ट में सीटें फुल हो गई।

दंगे में कैसे निकलते

स्टूडेंट्स का कहना था कि जब दंगा हो रहा था तो ऐसे में हम एडमिशन लेने कैसे आते। यूनिवर्सिटी को मेरिट जारी नहीं करनी चाहिए थी। नई मेरिट के कारण दूसरों ने एडमिशन ले लिया और उनका नाम पुरानी मेरिट में था। इसके बाद भी वो एडमिशन से वंचित रह गए।

सेल्फ फाइनेंस में जाओ

जब इस तरह के दर्जनों स्टूडेंट्स डिर्पाटमेंट में जमा हो गए तो सबने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया। वहां मौजूद डॉ। मिलिंद जो कि एडमिशन प्रोसेस में डॉ। विमला वाई को एसिस्ट कर रहे हैं, ने स्टूडेंट्स से कहा कि अब तो सीटें भर चुकी हैं। आपको सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में ही एडमिशन लेना होगा।

भडक़े स्टूडेंट्स

इतना कहना था कि स्टूडेंट्स भडक़ गए। सभी वहीं बॉटनी डिर्पाटमेंट में ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्टूडेंट्स का सपोर्ट किया। यहां से सारे कुलपति कार्यालय की तरफ पहुंचे, लेकिन कुलपति वहां पर नहीं मिले।

सोमवार को फिर आएंगे

सभी वापस बॉटनी डिर्पाटमेंट में आकर धरने पर बैठ गए। काफी देर चले हंगामे के बाद डॉ। मिलिंद ने स्टूडेंट्स से माफी मांगी। स्टूडेंट्स ने फैसला लिया गया कि सोमवार को कुलपति से मिलकर एडमिशन कराने की मांग की जाएगी।

"जिन स्टूडेंट्स का नाम मेरिट में था लेकिन वो दंगे के चलते एडमिशन नहीं ले पाए। ऐसे स्टूडेंट्स को एडमिशन दिलाना यूनिवर्सिटी का काम है। सभी को एडमिशन मिलना चाहिए."

नितिन कुमार, पूर्व छात्र संघ कोषाध्यक्ष, सीसीएसयू

National News inextlive from India News Desk