एक्सक्लुसिव

- 5 अगस्त को मिसेज साउथ एशिया का खिताब जीतकर बरेली पहुंची मोनिका दिलावरी

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से की खास बातचीत, बताया टास्क विनर बनने का हार्ड वर्क

<एक्सक्लुसिव

- भ् अगस्त को मिसेज साउथ एशिया का खिताब जीतकर बरेली पहुंची मोनिका दिलावरी

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से की खास बातचीत, बताया टास्क विनर बनने का हार्ड वर्क

BAREILLY:

BAREILLY:

भ् अगस्त को कनाडा में ऑर्गनाइज मिसेज साउथ एशिया का खिताब जीतकर मोनिका दिलावरी ने बरेलियंस को गौरवान्वित होने का मौका दिया है। मोनिका अभी राजेंद्र नगर स्थित अपने घर परिजनों से मिलने आई हुई हैं। संडे को कनाडा वापस जाने से पहले उन्होंने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से खास बातचीत की। उन्होंने मिसेज साउथ एशिया की तैयारी और विनर बनने के टफ राउंड्स के बारे में जानकारी दी। तो आप भी मिलिए मोनिका दिलावरी से और जानिए कि आखिर कैसे उन्होंने साउथ एशिया के कई देशों के पार्टीसिपेंट्स को मात देकर विनर बनीं।

जनवरी से शुरू हुई मशक्कत

कनाडा में अमेरिकन ईगल रियल एस्टेट कंपनी में मैनेजर की पोस्ट संभाल रही मोनिका ने बताया कि जनवरी में उन्होंने ऑनलाइन अप्लीकेशन फार्म फिल किया था। अप्लीकेशन फार्म फिल करने के बाद करीब भ् माह तक उन्होंने कॉम्पिटीशन के पैरामीटर्स को हासिल करने के लिए हार्ड वर्क किया। सुबह बच्चों के लिए खाना बनाना फिर ऑफिस जाकर ऑफिस वर्क निपटाना और शाम को जिम जाकर खुद को फिट बनाने के बाद ग्रूमिंग क्लासेज ज्वॉइन करना पड़ता था। बताया कि कभी कभी कॉम्पिटीशन में पार्टीसिपेशन से भी निकलने का मन करता था। ऐसे में हसबैंड कौशिक दिलावरी और बेटा सिद्धांत और बेटी अनुष्का उनके निराश मन का हौंसला बढ़ाते थे।

सभी राउंड्स में बनी विनर

बताया कि कई देशों से आए अप्लीकेशंस में से फ्0 पार्टीसिपेंट्स को मिसेज साउथ एशिया कॉम्पिटीशन में पार्टीसिपेशन का मौका मिला। सबसे पहले टैलेंट राउंड ऑर्गनाइज हुआ था। जिसमें डांसिंग और सिंगिंग का टास्क था। जिसमें वह विनर बनीं। इसके बाद क्वेश्चन राउंड में भी उन्होंने बाजी मारी। आखिर में रैंप वॉक में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति और विनर बनने के रास्ते पर कदमताल की। इसके बाद जजेज ने फाइनली तीनों प्वॉइंट्स के स्कोर के आधार पर विनर डिक्लेयर किया। विनर का ताज पहनने के दौरान उनकी आंखे भी नम हो गई थीं। तो दूसरी ओर, उनकी विनर बनने की तपस्या में जुटे रहे पति, बेटा और बेटी भी खुशी से उछल पड़े।