-शाही का परिवार बेटे के खोने के बाद से रहता है डरा डरा

-पांच साल पहले 16 वर्षीय बेटा शमसाद हो गया था लापता

<-शाही का परिवार बेटे के खोने के बाद से रहता है डरा डरा

-पांच साल पहले क्म् वर्षीय बेटा शमसाद हो गया था लापता

BAREILLY: BAREILLY: बेटे के खोने से परिवार को ऐसा सदमा लगा कि उन्होंने दूसरे बच्चों को भी घर से बाहर भेजना बंद कर दिया। बच्चों को बाहर भेजते भी हैं तो अकेले नहीं भेजते हैं, क्योंकि कहीं दूसरा बच्चा भी न खो जाए। शाही के राजनगर निवासी गुलशेर का क्म् वर्षीय बेटा पांच साल पहले बाजार जाने के लिए निकला था लेकिन आज तक वापस नहीं लौटा है। जब भी कोई अनजान दरवाजा खटखटाता है तो उम्मीद लगती है कि शायद कोई उनके बेटे की खबर लेकर आया है।

भाई-बहनों को पढ़ाने था सपना

मोहल्ला राजनगर शाही निवासी गुलशेर उत्तराखंड की टायर फैक्ट्री में जॉब करते हैं और अक्सर घर से बाहर ही रहते हैं। उनके परिवार में पत्‍‌नी मैसर, चार बेटे और तीन बेटियां हैं। शमसाद बेटों में सबसे बड़ा था। वह परिवार की मदद के लिए पास में ही संदूक बनाने की दुकान पर काम करता था। शमसाद स्कूल पढ़ने नहीं गया था लेकिन वह अपने भाई-बहनों को पढ़ाना चाहता था।

डर के चलते अन्य बच्चों को नहीं भ्ोजा स्कूल

शमसाद अप्रैल ख्0क्ख् में घर से चुपचाप बहेड़ी में शादी में शामिल होने के लिए निकला था लेकिन वह वहां पहुंचा नहीं था। उसने मां को बोला था कि वह जल्द ही घर वापस आ जाएगा लेकिन अभी तक वह वापस नहीं लौटा है। शमसाद के जाने के बाद से उसका भाई-बहनों की पढ़ाई का सपना भी अधूरा सा ही रह गया है, क्योंकि बच्चों को खोने के डर के चलते गुलशेर और मैसर ने अन्य बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा।

अभी भी उम्मीद है बाकी

मां मेसर ने बताया कि उन्होंने शमसाद की सभी जगह रिश्तेदारियों में तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। उसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने उसके फोटोग्राफ लिए। उसके बाद पोस्टर छपवाए और रेडियो में भी प्रचार कराया लेकिन शमसाद का कोई सुराग नहीं लग सका। वह बच्चे को ढूंढकर थक गई लेकिन अभी भी उम्मीद है कि शायद कहीं वह वापस आ जाए।

समझदार था शमसाद

शमसाद की मां ने बताया कि शमसाद काफी समझदार था लेकिन इसके बावजूद न जाने वह कहां चला गया। उसे तो घर वापस आ जाना चाहिए था। उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी जिससे किसी पर कोई शक किया जाए। उसके भाई-बहन अब बड़े हो गए हैं लेकिन उन्हें अपने भाई के आने का इंतजार है।

शमसाद की तलाश के सभी प्रयास किए गए हैं। आगे भी उसकी तलाश के प्रयास जारी रहेंगे।

बच्चू सिंह, एसओ शाही