- तीन माह पहले जंक्शन पर महिला के बिछुड़ गए थे दो मासूम

बरेली:

वह न कुछ बोलती है और न ही कहीं जाती है। बस एक साल की मासूम बेटी को सीने से लगाए जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन पर आते-जाते मुसाफिरों के बीच उसकी निगाहें तीन माह पहले बिछुड़े अपने दो बेटों को तलाशती रहती हैं। दरअसल इस महिला के दो बेटे सफर के दौरान जंक्शन पर उससे बिछुड़ गए थे तब से वह यहीं रहकर बेटों के मिलने का इंतजार कर रही है। चाइल्ड लाइन की सूचना पर 181 हेल्पलाइन की टीम ने उसे ले जाना चाहा, लेकिन वह उनके साथ नहीं गई। उसे उम्मीद है कि उसके लाडले जहां बिछुड़े थे एक न एक दिन वहीं मिलेंगे।

इशारों से बयां करती है दर्द

लाडलों के मिलने के इंतजार में जंक्शन पर बैठी यह महिला बोलने में असमर्थ है, लेकिन वह सुन सकती है। महिला ने इशारों में तो बताया कि सफर के दौरान उसके दो मासूम बेटे इसी प्लेटफॉर्म पर बिछुड़ गए। उसे भरोसा है कि उसके बेटे उसके पास वापस आएंगे। इसीलिए वह घर नहीं जा रही है।

वेंडर दे देते हैं खाना

मासूम बच्ची के साथ प्लेटफॉर्म पर रह रही महिला और उसकी बच्ची को वेंडर खाने पीने को देते हैं। वेंडर्स ने बताया कि बच्ची को जब भूखा रोते देखते हैं और महिला जब भूख का इशारा करती है तो वह उसे खाने के लिए दे देते हैं। वह प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर ही दिन और रात को रहती है।

एड्रेस की भी नहीं लगी जानकारी

महिला के पास आधार कार्ड की स्लिप तो है, लेकिन वह भी आधी फटी हुई है। स्लिप पर महिला का नाम कमला और एड्रेस कासगंज लिखा हुआ है, लेकिन इसके आगे कुछ पढ़ने में नहीं आ रहा है। हांलाकि चाइल्ड लाइन रेलवे ने महिला के बारे में सूचना कासगंज पुलिस को भी दी लेकिन अभी तक महिला के एड्रेस की जानकारी नहीं मिल सकी।

टीम लेने पहुंची तो ट्रैक पर लेट गई

चाइल्ड लाइन की टीम ने महिला और मासूम को ठंड में जब खुले प्लेटफॉर्म पर देखा तो आशा ज्योति केन्द्र 181 टीम को बुलाया। टीम की दो महिला मेंबर ने जैसे ही महिला को प्लेटफॉर्म से उठाया और गाड़ी में बैठने को कहा तो महिला मासूम के साथ रेलवे ट्रैक पर लेट गई। वह प्लेटफार्म छोड़ने को तैयार नहीं हुई। महिला को जब टीम जबरन ले जाने लगी तो महिला ने टीम मेंबर का हाथ चबा लिया। परेशान होकर आशा ज्योति केन्द्र की टीम भी महिला को जंक्शन पर छोड़कर चली गई। तब से महिला मासूम के साथ प्लेटफॉर्म पर ही समय गुजार रही हैं। हांलाकि दिन में महिला धूप में बैठ जाती है और मासूम बच्ची को भी खिलाती रहती है।