-वर्ष 2014 में हुई थी गायब, कक्षा 6 की थी छात्रा

-पुलिस की लापरवाही पड़ी भारी, बेटी के इंतजार में बेसुध हैं परिजन

BAREILLY:

मां ने बेटी को नाश्ता कराने के बाद गांव के बच्चों के साथ उसे स्कूल भेजा था। बेटी कहकर गई थी मां मैं लौट कर स्कूल से आऊं तो खाना तैयार रखना, लेकिन मां को क्या पता थी, जिस बेटी के लिए वह स्कूल भेजा है और जिसके लिए खाना बनाकर बेटी के स्कूल से आने का इंतजार कर रही है वह घर नहीं आएगी। यह बात गुमशुदा ममता की मां मीना देवी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से वेडनसडे को कही।

कक्षा 6 की थी छात्रा

सिरौली थाना क्षेत्र के गांव हेमपुर कठौती निवासी रूप सिंह छह बेटियों, एक बेटा और पत्नी मीना देवी के साथ रहता है। मीना देवी बच्चों की देखरेख करती है। जबकि रूप सिंह किसानी करता है। रूप सिंह ने बताया कि वह चाहता था कि उसकी बेटियां भी पढ़ लिखकर और जीवन में कुछ कर सके। इसके लिए उसने पांचों बेटियों का एडमिशन गांव से करीब दो किलोमीटर दूर एक निजी स्कूल में करा दिया। सभी बच्चे निजी स्कूल में गांव के बच्चों के साथ पैदल जाने लगे। 11 मई को उसकी दूसरे नम्बर की 13 वर्षीय बेटी ममता घर से स्कूल के लिए गई, लेकिन दोपहर बाद घर नहीं लौटी। सभी बच्चे आ गए जानकारी की तो पता चला कि वह रास्ते से कहीं गुमशुदा हो गई, जिसके बाद परिजनों ने बेटी को काफी तलाश किया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद गुमशुदा किशोरी के पिता ने थाने में मामला दर्ज कराने के लिए चक्कर लगाए लेकिन पुलिस नहीं सुनी।

एसएसपी ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी

रूप सिंह ने बताया कि बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए थाने गए तो वहां सुनवाई नहीं हुई। थाने में पुलिस वालों ने कह दिया कि अभी तलाश करो नहीं मिले तो आना। इसके बाद एसएसपी से गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए गुहार लगाई तब थाना पुलिस ने बेटी की गुमशुदगी दर्ज की। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद गुमशुदा को तलाशने के लिए कोई काम नहीं किया।

पुलिस अभी भ्ाी आती है

बेटी गुमशुदा होने पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन जब थाने में कोई नया इंचार्ज आता है। या फिर वर्ष में एक दो बार पुलिस बच्ची के बारे में पूछताछ करने जरूर आ जाती है।

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गुमशुदा किशोरी को पुलिस तलाश करने के लिए प्रयास कर रही है। पुलिस गुमशुदा को तलाश के परिजनों ने अभी भी टच में है। कहीं सुराग लगने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

गजेन्द्र त्यागी, एसएचओ सिरौली