किसी ने प्यार का झांसा देकर उनके साथ रेप किया तो कोई बहला-फुसला कर दिल्ली मुंबई ले गया और उनका सौदा कर दिया। कइयों ने राज खुलने के डर से लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया। डेडबॉडी को नहर में फेंक दिया या चेहरे को तेजाब और पेट्रोल से जला डाला। ये आज भी अपनी शिनाख्त का इंतजार कर रही हैं।

पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज 70 से अधिक लड़कियों का कोई अता-पता नहीं हैं। उनके घरवालों की आंखें हर वक्त उनके लौटने का इंतजार कर रही हैं। क्या उनका इंतजार कभी खत्म होगा, उनकी बेटियां सुरक्षित लौट आएंगी, वो किसी रैकेट का शिकार तो नहीं हो गईं? इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है।

एक भी नहीं ढूंढ पाए

सिर्फ पुलिस रिकॉर्ड की ही बात करें तो जिले के विभिन्न थानों में 16 से 28 साल की 70 से ज्यादा लड़कियां लापता हैं। पुलिस का रवैया क्या है, ये बताने को इतना काफी है कि इनमें से एक को भी वो वापस नहीं ला पाई है। इसके अलावा भी तमाम लड़कियां ऐसी हैं जिनकी मिसिंग रिपोर्ट उनके घरवालों ने लिखाई ही नहीं या लिखाने गए तो पुलिस ने उन्हें टरका दिया। लड़कियों की गुमशुदगी के ज्यादातर मामलों में पुलिस घरवालों पर ही ऐसे बेतुके और भौंड़े सवाल करती है कि शर्मिंदगी के चलते दोबारा वो थाने जाने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते हैं।

कोई गैंग तो है!

सोर्सेज की मानें तो शहर में कोई ऐसा गैंग है जिसकी निगाहें हर वक्त यहां की लड़कियों पर गिद्द की तरह लगी रहती हैं। मौका मिलते ही गैंग के मेंबर लड़कियों का किडनैप करते हैं और दूसरे शहरों में ले जाकर उन्हें बेच देते हैं। पुलिस की नजरों से बचने के लिए लड़कियों की जबरन शादी भी करा दी जाती है। कुछ दिन पहले जूही में रहने वाली एक महिला ऐसे ही आरोप में पकड़ी गई थी। जो पड़ोस में रहने वाली लडक़ी को झांसे में लेकर स्टेशन ले आई और ट्रेन में बैठाकर फिरोजाबाद ले गई। यहां स्टेशन पर शक होने पर जीआरपी ने महिला को हिरासत में लेकर कानपुर पुलिस को सौंप दिया था।