- अप्रैल से शुरू हो रहे सेशन में क्लास वन से 12 तक की फीस हुई महंगी

- फीस में 10 से 12 परसेंट तक बढ़ोत्तरी करने का किया गया फैसला

LUCKNOW: मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई अब और महंगी हो जाएगी। अप्रैल से शुरू हो रहे नए सेशन में इसके लिए सभी क्लासेज की फीस में क्0 से क्ख् परसेंट तक की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया गया है। यह आदेश कक्षा एक से इंटरमीडियट की फीस स्ट्रक्चर पर लागू होगा। इसके लिए स्कूल मैनेजमेंट ने अपने कमेटी से इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। जैसे ही नया सेशन शुरू होगा वैसे ही पैरेंट्स को स्कूलों की ओर से बढ़ाई गई फीस का झटका लगने वाला है।

अप्रैल से लागू होगी नई फीस दरें

पहले से ही पैरेंट्स पर इन शिक्षण संस्थाओं की फीस का बोझ कम नहीं था। फिर भी मिशनरी संस्थाओं की ओर से संचालित स्कूलों में फीस बढ़ाने का फरमान जारी कर दिया गया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि किस क्लास में कितने प्रतिशत फीस की बढ़ोत्तरी होगी। जानकारों की मानें तो क्लास नाइंथ से लेकर इंटरमीडियट की करीब क्भ् प्रतिशत की फीस में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं, प्राइमरी सेक्शन में यह आठ से दस प्रतिशत ही रहेगी।

टीचर्स की सैलरी और खर्चो के कारण होती है बढ़ोत्तरी

सेंट फ्रांसिस कॉलेज के प्रिंसिपल फादर नरेश लोबो ने बताया कि इस महंगाई के दौर में फीस में बढ़ाना हमारी मजबूरी है। हर साल हम टीचर्स की सैलरी में दस से क्ख् प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हैं। ऐसे में यह एक्स्ट्रा फंड हमने फीस से मिलने वाले बजट से करना होता है। जाहिर है, फीस बढ़ाना हमारी मजबूरी है। इसके अलावा वाहनों में डीजल, बिजली का बिल, अन्य सुविधाओं को देखते हुए फीस में बढ़ोत्तरी करना जरूरी है। बता दें कि मिशनरी स्कूल किसी एक संस्था के निगरानी में संचालित किए जाते हैं। इन पर होने वाला सारा खर्च या तो संस्था अपने पास से वहन करती है या फिर फीस पर निर्भर रहती है।

इन स्कूलों में होगी फीस में बढ़ोत्तरी

क्। सेंट फ्रांसिस कॉलेज

ख्। कैथेड्रल सीनियर सेकेंडरी स्कूल

फ्। सेंट पॉल्स कॉलेज

ब्। सेंट डॉमिनिक सेवियो स्कूल

भ्। सेंट थाॅमस कॉलेज

हमारी मजबूरी है फीस बढ़ाना

कैथोलिक डासेस ऑफ उत्तर प्रदेश के चांसलर और प्रवक्ता फादर डोनाल्ड एसआर डिसूजा ने बताया कि हमारे स्कूलों की फीस प्राइवेट स्कूलों की तुलना में काफी कम फीस लेता है। पर हर साल टीचर्स की सैलरी में बढ़ोत्तरी और पेट्रोल और डीजल और बिजली के रेट बढ़ने के कारण हमे अपने फीस में बढ़ोत्तरी करनी पड़ती है। यह ही हमारे स्कूल के खर्चो के लिए बजट निकालने का एक मात्र माध्यम है।