ranchi@inext.co.in
RANCHI: सिटी में पीली दाल का काला खेल चल रहा है, जिसे खाने से कैंसर समेत कई विभिन्न बीमारियां हो सकती है। जी हां, दाल मिल संचालकों द्वारा सिटी में जो दाल बेची जा रही है उसमें पीला रंग मिलाया जा रहा है। यह पीला रंग मेटानिल नामक केमिकल के इस्तेमाल से तैयार किया जा रहा है, जो औद्योगिक इस्तेमाल के लिए यूज होता है। इसकी मिलावट वाली दाल को पूरी तरह पीला और पालिश किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मेटानिल केमिकल से कैंसर रोग का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। इसे कैंसर के वाहक के रूप में जाना जाता है, जिसके कारण इसपर प्रतिबंध भी लगाया गया है। इस कांड के खुलासे के बाद कई खाद्यान्न मिल जिला प्रशासन के राडार पर है।

दुर्गा दाल मिल का कारनामा
रातू रोड, पंडरा स्थित श्री दुर्गा दाल मिल में मिलावट का कारोबार किया जा रहा है। यह खुलासा एसडीओ गरिमा सिंह की छानबीन में हुआ है। इस मिल की दाल में मेटानिल येलो रंग मिलाया जाता है। विदित हो कि एसडीओ गरिमा सिंह ने अक्टूबर माह में कुछ दाल मिलों से सैंपल जब्त किये थे, जिन्हें जांच के लिए नामकुम स्थित खाद्य जांच प्रयोगशाला भेजा गया था।

लैब की जांच में खुलासा
खाद्य जांच प्रयोगशाला, नामकुम में श्री दुर्गा मिल से जब्त अरहर दाल के सैंपल की जांच की गई। इस जांच में यह खुलासा हुआ कि दाल में केमिकल की मिलावट की जा रही है। प्रयोगशाला ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों से जांच कराई, जिसमें साफ हो गया कि दाल में मेटानिल येलो रंग मिलाया जा रहा है। रिपोर्ट में साफ लिखा है कि इस रंग के मिलाने के कारण यह दाल खाने योग्य नहीं है और इससे कैंसर हो सकता है।

एसडीओ ने की थी रेड
एसडीओ गरिमा सिंह ने शिकायत के बाद श्री दुर्गा दाल मिल में छापेमारी की थी। इस दौरान वहां बड़े-बड़े ड्रम में दाल रखी पाई गई। साथ ही उस वक्त दाल को गंदे पानी में धोया जा रहा था। पूछताछ में पता चला कि इसे धोने के बाद रंगने की तैयारी चल रही है। दाल जियो एग्री प्रोडक्ट्स के लेबल लगे बोरे में रखी पाई गई। छापेमारी के बाद जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी एलबी सिंह ने अरहर दाल के सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा।

पुडि़या वाला पीला रंग या गंधक खाने लायक नहीं
इसे मेटानिल येलो भी कहा जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है व रोग जनित भी है। इसके सेवन से जिगर व यकृत संबंधी रोग तथा कैंसर भी हो सकता है। इधर, राजधानी रांची में मेटानिल येलो का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है।

मिठाइयों में भी हो रही मिलावट
शहर में बन रही मिठाइयों में भी मेटानिल की मिलावट की जा रही है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर होटलों व सड़क किनारे बेचे जा रहे लड्डू, बुंदिया, जलेबी, मंचुरियन, छोले व चाट में हो रहा है। दीपावली से पूर्व एसडीओ की छापामारी में सिटी की कई बड़ी मिठाई दुकानों के सैंपल जांच में फेल हो चुके हैं।

जब्त सैंपल को चार भाग में बांटकर स्टोर किया जाता है। इसके एक भाग की जांच में मेटानिल मिलाए जाने की कनफर्मेशन आई है। संचालक के रिक्वेस्ट पर एक माह के भीतर दोबारा जांच के लिए उसी सैंपल के दूसरे पार्ट को कोलकाता भेजा जा रहा है। रिपोर्ट गलत आने पर फूड सेफ्टी कमिश्नर द्वारा कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
गरिमा सिंह, एसडीओ, सदर रांची