- दवा व्यापारियों की हड़ताल का मिला-जुला असर
- होलसेल मार्केट की दुकानें रही बंद, रिटेलर्स ने खोली
मेरठ। केंद्र सरकार की नीतियों से गुस्साए दवा व्यापारी ऑल इंडिया आर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आहवान पर मंगलवार को हड़ताल पर रहे। हालांकि शहर में हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। इस दौरान शहर के मुख्य मेडिसन मार्केट खैरनगर समेत कई बाजारों में दुकानें सारा दिन बंद रही, लेकिन गढ़रोड, बेगमपुल, डब्लयू.के रोड, छीपी टैंक, फूलबाग आदि बाजारों में रिटेलर्स ने 11 बजे से ही अपनी दुकानें खोलनी शुरु कर दी थी।
यह रहा असर
शहर भर में मेडिसन की करीब 3300 दुकानें हैं। जिसमें अकेले होलसेल व्यापारियों का तकरीबन तीन करोड़ का बिजनेस है। स्ट्राइक के दौरान पूरा होलसेल मार्केट बंद रहा। जिसके चलते सरकार को करीब 15 लाख रुपये का नुकसान माना जा रहा है।
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एसडीएम को नहीं मिली दवा
दवा व्यापारियों की हड़ताल का असर प्रशासनिक अधिकारियों में भी दिखाई दिया। एसडीएस सदर कुमार भूपेंद्र को सुबह कुछ दवाईयों को जरूरत पड़ गई। बाजार खंगालने पर कई दुकानें बंद मिली। इस बारे में कुमार भूपेंद्र ने बताया कि मेडिसिन हर मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती हालांकि देर शाम दवा मिल गई।
बेगमपुल बाजार में खुली दुकानें
शहर के मेन दवा मार्केट में सारे दिन सन्नाटा पसरा रहा। पूरे मार्केट में सभी दुकानें बंद रही जबकि शहर के बेगमपुल बाजार में अधिकतर मेडिकल स्टोर्स खुले।
नहीं हुई किसी को दिक्कत
इमरजेंसी में किसी मरीज को दवाइयों की वजह से कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। अधिकतर स्टोर्स 12 बजे के बाद खुल गए थे। हालांकि सुबह 9 बजे दवा लेने गए मरीजों को दवा न मिलने से थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ा।
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इनका है कहना
शासन के निर्देश पर टीमों का शहर भर में मूवमेंट रहा। किसी मरीज को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया।
संदीप चौधरी, ड्रग इंस्पेक्टर
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बंद का मिला जुला असर रहा। थोक बाजार सब बंद रहे। रिटेलर्स ने भी 12 बजे के बाद दुकानें खोल ली थी। इमरजेंसी में किसी को कोई परेशानी नहीं हुई।
रजनीश कौशल, महामंत्री, जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन
बंद ऐतिहासिक रहा। सभी ने अपना सहयोग दिया। शहर भर की दुकानें बंद रही। दो बजे के बाद हमने स्टोर संचालकों पर कोई सख्ती नहीं की।
कुलभूषण सर्राफा
मीडिया प्रभारी, मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन
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यह हैं केमिस्टस की मांग
- कई शॉपस पर एक ही फार्मेसिस्ट को रजिस्टर्ड करवाने वालों की जांच हो
-सरकार ईपोर्टल के फैसले को वापस ले।
- केमिस्टों को रोजाना ऑनलाइन रिकॉर्ड रखने के आदेश सरकार वापस लें।
- ऑनलाइन बिक्री से केमिस्टों का रेवेन्यू कम होगा।