Luckonw: यूपी में एसेंबली इलेक्शन के आते आते वक्त के साथ-साथ तस्वीर कुछ ऐसी बदली कि यूपी के डेढ़ दर्जन विधायक आमने सामने हो गये। नौ सीट पर हालात कुछ ऐसे बन गये हैं कि जीत किसकी होगी इसका तो पता नहीं लेकिन हार किसी विधायक की होगी यह तय हो गया है.  यह किसी करप्शन या पब्लिक की नाराजगी की वजह से नहीं बल्कि नये परसीमन की वजह से हो रहा है।

लखनऊ वेस्ट से दो विधायक आमने सामने

लखनऊ पश्चिम से दो सिटिंग एमएलए आमने सामने हैं। 2007 में यह सीट भाजपा के लालजी टंडन के पास थी। 2009 में लोक सभा इलेक्शन में लालजी टंडन ने लोकसभा का चुनाव लड़ा, जीतने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया। 2009 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट भाजपा से छीन ली और कांग्रेस के श्याम किशोर शुक्ला एमएलए चुन लिये गये।

वह एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनके सामने से भाजपा के सिटिंग एमएलए सुरेश श्रीवास्तव हैं। श्रीवास्तव वर्तमान में लखनऊ सेंट्रल से एमएलए हैं। परसीमन के बाद अब वह वेस्ट से अपनी किस्मत आजमाएंगे।

बाराबंकी में घमासान

लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की दो सीटों पर चार विधायक चुनावी मैदान में दो-दो हाथ को तैयार हैं लेकिन जीत अधिकतम दो की ही होगी। सपा के अरविंद सिंह गोप हैदरगढ़ सीट के सुरक्षित डिक्लेयर होने के बाद वह पड़ोसी सीट रामनगर से अपनी किस्मत आजमाएंगे। यहां उनके सामने बसपा के विधायक अमरेंद्र शुक्ला होंगे।

इसी तरह बाराबंकी की ही कुर्सी विधान सभा सीट पर दो विधायक आमने सामने हैं। यह हैं बीएसपी से पाला बदलकर सपा में आये फरीद महफूज किदवई और बसपा से मीता गौतम चुनावी रण में उतर चुकी हैं। कुर्सी सीट इस बार नयी विधान सभा सीट है। फरीद ने बाराबंकी की मसौली सीट से विधायक चुने गये थे। जबकि मीता गौतम बाराबंकी की फतेहपुर सीट से विधायक थीं।

कानपुर में दो सीटों पर चार विधायक आमने सामने

कानपुर की सीसामऊ सीट से इरफान सोलंकी सपा से और संजीव दरियाबादी कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरे हैं। संजीव दरियाबादी इससे पहले कानपुर सिटी से विधायक थे।

इस बार सीट निकाल पाना दोनों विधायकों इरफान सोलंकी और संजीव दरियाबादी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। लेकिन जीत एक ही की होगी। कानपुर में ही एक और सीट पर दो विधायकों के बीच लड़ाई है। बीजेपी के सतीश महाना और सपा से अरुणा तोमर आमने सामने हैं। यहां से भी एक ही विधायक की जीत हो सकती है। जबकि एक विधायक की हार तय है।

इलाहाबाद में दो विधायक आमने सामने

इलाहाबाद की शहर उत्तरी सीट से दो विधायक आमने सामने हैं। यह विधायक हैं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण और भाजपा के उदयभान करवरिया आमने सामने हैं। उदयभान बारा से जीते थे इस बार वह इलाहाबाद नार्थ से विधान सभा पहुंचने की राह देख रहे हैं।

मिर्जापुर में बसपा और सपा के विधायक आमने सामने

मिर्जापुर में भी दो विधायक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा बसपा से और कैलाश चौरसिया चुनावी जंग में आमने सामने हैं। रंगनाथ मिश्रा इससे पहले संत रविदास नगर की औराई विधान सभा सीट से विधायक थे। लेकिन नये परसीमन में औराई सीट सुरक्षित हो गयी।

पहले तो रंगनाथ मिश्रा का टिकट काट दिया गया था लेकिन बाद में दोबारा टिकट दे दिया गया। रंगनाथ मिश्रा की शिकायत लोकायुक्त से की गयी थी। लोकायुक्त ने उन्हें हटाने की सिफारिश की थी।

पश्चिम में मंत्री और विधायक का मुकाबला

सहारनपुर में भी दो विधायक आमने सामने हैं। यह हैं कांग्रेस के इमरान मसूद और बसपा सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी। अब देखना यह है कि जीत किस विधायक की होती है। इमरान मसूद कांग्रेस नेता रशीद मसूद के भतीजे हैं। इससे पहले वह निर्दल उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे और जीत हासिल की थी। आजमगढ़ सदर से भी दो विधायक आमने सामने हैं यह हैं सपा के दुर्गा यादव और बसपा के सर्वेश कुमार सिंह उर्फ सीपू।

ऐसे में यह 18 विधायक ऐसे हैं जिनमें नौ की हार हण्ड्रेड परसेंट तय है। देखना यह होगा कि किस को जनता एसेंबली के अंदर भेजती है और किसे बाहर का रास्ता दिखाती है।

Reported By: Yasir Raza