पूर्वाचल से लेकर पश्चिम तक ऐसे करीब 14 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां एक ही सीट पर दो-दो वर्तमान विधायक एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. असल में परिसीमन के कारण कई सीटों के समीकरण बदल गए हैं. कई सीटें सुरक्षित हो गईं तो कई समाप्त हो गईं. ऐसे में उस सीट के वर्तमान विधायक अपने आस-पड़ोस की सीट पर चुनाव लड़ने पहुंच गए. कुछ वर्तमान सदस्य टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय के रूप में या पाला बदलकर दूसरे दल से मैदान में उतरे हैं.

ऐसे में इन सीटों पर वर्तमान विधायक लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंच सकेंगे, इसमें संदेह है. कानपुर की महराजपुर सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) की अरुणा तोमर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सतीश महाना- दोनों वर्तमान विधायक हैं. अरुणा जिले की सरसौल सीट से पिछले दो चुनाव जीत चुकी हैं जबकि महाना जिले की कैंट  सीट से पिछले पांच चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन परिसीमन के बाद दोनों अपनी-अपनी सीट छोड़कर महराजपुर से चुनाव मैदान में हैं.

राजधानी लखनऊ की पश्चिम सीट पर वर्तमान कांग्रेस विधायक श्याम किशोर शुक्ला के सामने भाजपा के सुरेशचंद्र श्रीवास्तव हैं जो लखनऊ मध्य सीट से पिछले तीन बार से विधायक हैं. परिसीमन के कारण श्रीवास्तव इस चुनाव में मध्य के बजाय पश्चिम सीट से मैदान में हैं.

बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ सीट से पिछला चुनाव सपा से अरविंद सिंह गोप जीते थे लेकिन इस बार यह सीट सुरक्षित हो जाने के कारण गोप रामनगर से चुनावी मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अमरेश शुक्ला से है. वह यहां से बसपा के टिकट पर पिछला चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

भ्रष्टाचार के आरोपों में लोकायुक्त जांच में फंसने के बाद मंत्री पद और पारंपरिक सीट से टिकट गंवाने वाले रंगनाथ मिश्रा को बसपा नेतृत्व ने ऐन वक्त पर मिर्जापुर सदर से टिकट दे दिया. इस सीट पर सपा ने पिछला चुनाव जीतने वाले कैलाश  चौरसिया को फिर से मैदान में उतारा है. रंगनाथ मिश्रा भदोही सदर सीट से पिछला चुनाव जीतकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने थे.

सहारनपुर की नकुड़ सीट पर निर्दलीय के तौर पर पिछला चुनाव जीतने वाले इमराम मसूद इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. परिसीमन के बाद बदले सियासी समीकरणों के चलते बसपा सरकार में बुनियादी शिक्षा मंत्री धर्म सिंह सैनी भी इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह पिछला चुनाव जिले के सरसांवा सीट से जीते थे.

इलाहाबाद के शहर उत्तरी सीट पर कांग्रेस के वर्तमान विधायक अनुग्रह नारायण सिंह फिर से पार्टी की तरफ से उम्मीदवार हैं. भाजपा के टिकट पर जिले के बारा सीट से पिछला चुनाव जीतने वाले उदयभान करविरया भी इस चुनाव में भाजपा से उत्तरी सीट पर मैदान में हैं, क्योंकि बारा सीट परिसीमन में सुरक्षित हो गई.

इन सीटों के अलावा बदायूं सदर, प्रबुद्धनगर की शामली, मेरठ की किठौर, बाराबंकी की कुर्सी, कानपुर की शीशामऊ, आजमगढ़ की सदर कुछ ऐसी सीटें हैं जहां से दो वर्तमान विधायक जीत के लिए एक-दूसरे के खिलाफ जोर-आजमाइश कर रहे हैं.

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