-एआईएसएफ़ के राज्य कंवेंशन में बोले एमएलसी केदार पांडेय

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PATNA : शिक्षा को बाजार ने जकड़ लिया है। यह तय करना कठिन हो गया है कि शिक्षा में बाजार है या फिर बाजार में शिक्षा, कह पाना काफ़ी मुश्किल है। ये बातें जमाल रोड स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में आयोजित एआईएसएफ़ का राज्य कन्वेंशन के दौरान विधान परिषद सदस्य सह शिक्षक नेता केदार पांडेय कही। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा को ध्वस्त करने का प्रयास चल रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार शिक्षा के प्रति संवेदनशील नहीं है। कहा कि सभी के लिए शिक्षा एक अधूरा सपना जैसा रह गया है। यह मौका था 'सार्वजनिक शिक्षा पर बढ़ते हमले' विषय सेमिनार का भी। इस सेमिनार का उद्घाटन केदार पांडेय ने किया। उन्होंने एआईएसएफ द्वारा आयोजित सेमिनार को काफी महत्वपूर्ण बताया।

टीचर्स को मिले समान वेतन

अतिथि शिक्षको की बहाली के संबंध में यह बात चर्चा में आयी कि भले ही सरकार स्थायी शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रही है लेकिन समान काम के लिए समान वेतन को अक्षरश लागू करना चाहिए। कन्वेंशन में राज्य भर से आये हुए छात्रों से आह्वान करते हुए उन्होने कहा कि संघर्ष से ही शिक्षा की तस्वीर बचाई जा सकती है।

परिषद का हुआ पुनर्गठन

परिषद का पुनर्गठन किया गया। 71 सदस्यीय राज्य परिषद, 25 सदस्यीय राज्य कार्यकारणी और 9 सदस्यीय राज्य सचिवमंडल गठित किया गया। सर्वसम्मति से रंजीत पंडित को राज्य अध्यक्ष, सुशील कुमार को राज्य सचिव, अमीन हमजा, हर्षवर्धन सिंह राठोर एवं राहुल कुमार यादव को राज्य उपाध्यक्ष, विकास झा एवं कुमार जितेन्द्र को राज्य सह सचिव और सरिता कुमारी को राज्य कोषाध्यक्ष चुना गया। वही द्वितीय सत्र में सांगठनिक सत्र का उद्घाटन एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद वली उल्ला कादरी ने सरकार के शिक्षा विरोधी फ़ैसले को वापस लेने की मांग की। उन्होने यूजीसी को समाप्त करने के फ़ैसले को खतरनाक बताया। अध्यक्षता परवेज आलम, अमीन हमजा व पिन्की ने संयुक्त तौर पर की।