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Mobile X Laptop@ carpal tunnel syndrome

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International Anti- drug day special

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- टीनएजर्स से लेकर यंगस्टर्स तक के लिए घातक साबित हो रहा है मोबाइल और लैपटॉप का अधिक यूज

- लगातार टाइपिंग और स्वैपिंग करने से क्रिएट होती है प्रॉब्लम

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- टीनएजर्स से लेकर यंगस्टर्स तक के लिए घातक साबित हो रहा है मोबाइल और लैपटॉप का अधिक यूज

- लगातार टाइपिंग और स्वैपिंग करने से क्रिएट होती है प्रॉब्लम

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: टेक्नोलॉजी इंसान को सुविधा देने के लिए होती हैं, लेकिन कभी-कभी इनका जरूरत से ज्यादा यूज परेशानी का सबब बन सकता है। ठीक ऐसा ही टीनएजर्स और यंगस्टर्स के साथ हो रहा है। टच स्क्रीन मोबाइल और लैपटॉप फ्रेंडली इन युवाओं को यह नहीं पता कि धीरे-धीरे वो एक खतरनाक बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में शहर के टेक फ्रेंडली यंगस्टर्स कार्पल टनल सिंड्रोम के शिकार हो रहे हैं, जिसकी ताकीद कर रहे हैं शहर के फिजियोथेरेपिस्ट।

अधिक <टेक्नोलॉजी इंसान को सुविधा देने के लिए होती हैं, लेकिन कभी-कभी इनका जरूरत से ज्यादा यूज परेशानी का सबब बन सकता है। ठीक ऐसा ही टीनएजर्स और यंगस्टर्स के साथ हो रहा है। टच स्क्रीन मोबाइल और लैपटॉप फ्रेंडली इन युवाओं को यह नहीं पता कि धीरे-धीरे वो एक खतरनाक बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में शहर के टेक फ्रेंडली यंगस्टर्स कार्पल टनल सिंड्रोम के शिकार हो रहे हैं, जिसकी ताकीद कर रहे हैं शहर के फिजियोथेरेपिस्ट।

अधिक techno friendlytechno friendly होना है खतरनाक

कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो दवाओं से ठीक नहीं होती। पहले उंगली फिर कलाई से होता हुआ इसका दर्द कोहनी तक पहुंच जाता है। एक समय ऐसा आता है जब मरीज को उस हाथ को हिलाने-डुलाने में भी तेज दर्द होता है। सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ। राकेश चंद्रा कहते हैं कि गैजेट्स का अधिक यूज करने से लोगों की उंगलियों, कलाई की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। खिचाव महसूस होता है। कार्पल टनल सिंड्रोम में हाथ की मीडियम नस एक फाइब्रेस बैंड के नीचे हथेली के ऊपर जोड़ पर दब जाती है। ऐसे में मरीज अगर किसी चीज को चाहकर भी पकड़ नहीं पाता। वह कहते हैं कि उनके पास आने वाले मरीजों की उम्र बमुश्किल 15 से 30 साल के बीच होती है।

दवाओं का नहीं होता असर

हथेलियों में शुरुआती दर्द उठने पर मरीज को जरा भी इस बीमारी का आभास नहीं होता है। आमतौर पर लोग पेन किलर खाकर काम चलाते हैं.जबकि, इस बीमारी का एकमात्र इलाज गैजेट्स का मिनिमम यूज है। साथ ही बर्फ की मालिश, इंटर फेरेंसियल थेरेपी के जरिए इसका इलाज किया जाता है। डॉ। चंद्रा के मुताबिक सीरियस केसेज में साफ्ट लेजर थेरेपी का यूज भी किया जाता है। बीमारी की पहचान एमआरआई के जरिए की जाती है.फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सबा फातिमा कहती हैं कि यंगस्टर्स में तेजी से इस बीमारी के बढ़ने के पीछे पैरेंट्स भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं.फिजियोथेरेपिस्ट डॉ। जेपी वैश्य भी मानते हैं कि तरीके से टेक्नोलॉजी का यूज किया जाए तो तमाम गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

< होना है खतरनाक

कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो दवाओं से ठीक नहीं होती। पहले उंगली फिर कलाई से होता हुआ इसका दर्द कोहनी तक पहुंच जाता है। एक समय ऐसा आता है जब मरीज को उस हाथ को हिलाने-डुलाने में भी तेज दर्द होता है। सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ। राकेश चंद्रा कहते हैं कि गैजेट्स का अधिक यूज करने से लोगों की उंगलियों, कलाई की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। खिचाव महसूस होता है। कार्पल टनल सिंड्रोम में हाथ की मीडियम नस एक फाइब्रेस बैंड के नीचे हथेली के ऊपर जोड़ पर दब जाती है। ऐसे में मरीज अगर किसी चीज को चाहकर भी पकड़ नहीं पाता। वह कहते हैं कि उनके पास आने वाले मरीजों की उम्र बमुश्किल क्भ् से फ्0 साल के बीच होती है।

दवाओं का नहीं होता असर

हथेलियों में शुरुआती दर्द उठने पर मरीज को जरा भी इस बीमारी का आभास नहीं होता है। आमतौर पर लोग पेन किलर खाकर काम चलाते हैं.जबकि, इस बीमारी का एकमात्र इलाज गैजेट्स का मिनिमम यूज है। साथ ही बर्फ की मालिश, इंटर फेरेंसियल थेरेपी के जरिए इसका इलाज किया जाता है। डॉ। चंद्रा के मुताबिक सीरियस केसेज में साफ्ट लेजर थेरेपी का यूज भी किया जाता है। बीमारी की पहचान एमआरआई के जरिए की जाती है.फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सबा फातिमा कहती हैं कि यंगस्टर्स में तेजी से इस बीमारी के बढ़ने के पीछे पैरेंट्स भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं.फिजियोथेरेपिस्ट डॉ। जेपी वैश्य भी मानते हैं कि तरीके से टेक्नोलॉजी का यूज किया जाए तो तमाम गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

Fact file

Fact file

- टच स्क्रीन मोबाइल और लैपटॉप का अधिक यूज से कॉर्पल टनल सिंड्रोम की चपेट में आ रहे हैं यंगस्टर्स।

क्भ् से फ्0 साल की एज के मरीजों की लगातार बढ़ रही है संख्या।

- इन गैजेट्स के आधे घंटे यूज के बाद दस मिनट का रेस्ट लेना जरूरी होता है।

- लैपटापॅ चलाते समय अधिक से अधिक माउस का यूज करें।

- दर्द से बचने के लिए पेन किलर का सहारा लेने से साइड इफेक्ट के चांसेज बढ़ जाते हैं।

- उंगलियों और हथेलियों में दर्द होने पर बर्फ से सिकाई और एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं।

कैंप में होगा इलाज

इंटरनेशनल एंटी ड्रग्स डे के मौके पर सिविल लाइंस स्थित सृजन हॉस्पिटल में गुरुवार को जोड़ों के दर्द से परेशान महिलाओं के लिए नि:शुल्क फिजियोथेरेपी कैंप का आयोजन किया जा रहा है। डॉ। चंद्रा ने बताया कि यहां पर इंटर फेरेंसियल थेरेपी के जरिए सियाटिका, स्पांडलाइटिस, आर्थराइटिस सहित कार्पल टनल सिंड्रोम से पीडि़त मरीजों का इलाज शाम चार से सात बजे के बीच किया जाएगा।