आजादी छीनने की कोशिश

सरकार का यह प्रस्ताव कानूनी रूप तभी लेगा जब इस पर टीचर और प्रिंसिपल राय दे देंगे. चूंकि स्कूल-कॉलेज के टीचर और प्रिंसिपल भी इस पक्ष में हैं कि स्टूडेंट्स के मोबाइल यूज पर प्रतिबंध लगना चाहिए इसलिए उम्मीद है कि सरकार इसे लागू कर देगी. छात्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह उनकी आजादी छीनने जैसा है. इसको लेकर स्टूडेंट्स में खासा रोष देखने को मिल रहा है.

मोबाइल के स्टूडेंट यूज पर राजनीति

स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए राजनीतिक दलों ने इस पर राजनीति शुरू कर दी है. जहां एमएनएसपक्ष में खड़ी है वहीं शिव सेना विरोध में है. जो भी हो इस मुद्दे पर स्टूडेंट्स की कोई राय नहीं जानना चाहता. सरकारी सर्कुलर के अनुसार स्कूल और कॉलेज कैंपस में जैमर और डिकोडर अनिवार्य रूप से लगाने की भी बात कही गई है.

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