-पत्नियां दिनभर मोबाइल पर रहती हैं व्यस्त, पति को समय नहीं देती

-महिला सुरक्षा सेल में आए मामलों में ऐसी शिकायतें आई सामने

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VARANASI

Case-1

सुंदरपुर निवासी आशुतोष कपड़े के शोरूम में काम करते हैं। दो साल पहले रीना से उनकी शादी हुई। जब वह बात करने के लिए पत्नी को फोन करता था तो मोबाइल बिजी मिलता था। रात आठ बजे ड्यूटी से घर आने पर भी रीना फोन पर लगी रहती थी। उसे समय नहीं देती थी। काफी समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। थक-हारकर अक्टूबर में आशुतोष ने महिला सुरक्षा सेल की शरण ली और पत्नी को लेकर अपनी कंप्लेंट दर्ज कराई।

ष्टड्डह्यद्ग-2

मीरापुर बसही के रहने वाले दीपक की भी यही परेशानी है। अगस्त में महिला सेल में उसने भी शिकायत की। उसका आरोप था कि पत्नी उनकी बात नहीं सुनती। देर रात तक फोन पर लगी रहती है। कई बार समझाने पर पुलिस के पास जाने की धमकी देती है। ससुराल पक्ष भी बेटी का ही साथ देता है। काफी परेशान होने के बाद महिला सेल में शिकायत की।

ष्टड्डह्यद्ग-3

चितईपुर के रहने वाले बैंककर्मी मनोज कुमार ने महिला सेल में सितम्बर में अपनी कंप्लेंट दर्ज कराई। आरोप था कि उनकी पत्नी दिनभर मोबाइल पर बिजी रहती है। पूछने पर बताती है कि मायके वालों से बात करती हूं। ससुराल पक्ष भी उसकी हां में हां मिलाता है। इसकी धमकी से मेरा परिवार भी परेशान होने लगा। इसके चलते घर में कलह ज्यादा होने लगा।

ये तल्ख हकीकत है। मोबाइल पति-पत्नी के रिश्तों में दूरी बनाने का कारण भी बन रहा है। इससे बढ़ता लगाव इनके बीच चाहत को कम कर रहा है। जी हां, महिला उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए बनी महिला सुरक्षा सेल में अब पत्नियों से प्रताडि़त पतियों की भी फरियाद सुनाई देने लगी है। सेल में इस तरह की शिकायतों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत है। शिकायत भी ऐसी-वैसी नहीं, कई पतियों की शिकायत है कि उनकी पत्नी उन्हें समय नहीं देती है। अक्सर मोबाइल पर चिपकी रहती है। विरोध करने पर पुलिस से शिकायत करने तक की धमकी देती है। कुछ पत्नियां पूरी सैलरी ले लेती हैं। बहुत रिक्वेस्ट करने पर पैसा देती हैं, हिसाब भी मांगती हैं।

सेल में ये पहुंचीं शिकायतें

1- मोबाइल पर ऑल टाइम लगे रहना

2- पूरे महीने की ले लेती है सैलरी

3- हफ्ते में दो-तीन रहती है मायके

4- मायका पक्ष की मर्जी रहती है हावी

5- माता-पिता को छोड़ने का दबाव

6- बच्चे के लिए मांगती है समय

7- हर हफ्ते रेस्टोरेंट जाने की जिद

8- फेस बुक, व्हाट्सअप पर व्यस्त रहना

2018 में सेल में आए मामलों पर नजर

जनवरी से दिसम्बर तक कुल 1206 मामले सेल में आए

636 मामलों में पति-पत्नी के बीच सुलह-समझौता कराया गया

322 मामलों में पति-पत्नी सेल के दफ्तर में उपस्थित नहीं हुए

153 मामलों में शिकायतकर्ता के दबाव में मुकदमा कराया गया

95 मामलों में दोनों के बीच बात नहीं बनने पर कोर्ट चले गए

तेजी से बदल रही जीवनशैली में ऐसा लगता है कि एक हद तक सब कुछ सहन करने वाली पत्नियों में अब वो सब्र नहीं रह गया है। किसी भी समस्या का हल बातचीत से संभव है। ऐसे मामलों में दोनों के बीच यह सहमति बननी चाहिए कि इस टाइम दोनों में से कोई भी मोबाइल पर व्यस्त नहीं रहेगा। वैसे तो आजकल की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और बाकी जगहों पर खुशी खोज रही है, जिसके कारण उनमें सहने की शक्तिखत्म हो रही है।

-संजय गुप्ता, मनोचिकित्सक

अधिकारी वर्जन

महिला सुरक्षा सेल में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है। हर महीने ऐसे दस-12 केस हमारे पास आ ही जाते हैं, जिसमें पति अपनी पत्नी की ज्यादतियों से परेशान है। जांच के दौरान कई बार पति के आरोप भी गलत साबित होते हैं। फिलहाल सभी तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है और काउंसलिंग के जरिये इसका निस्तारण किया जाता है।

-रीता यादव, सेल इंचार्ज