रात में खुद करें अपनी security

दिन में तो यहां पर किसी तरह पैसेंजर बस पकडऩे के लिए आ जाते हैं, लेकिन रात में यहां पर आना खतरे से खाली नहीं है। रात को यहां पर पैसेंजर के रुकने के लिए कोई अरेंजमेंट नहीं है। न तो यहां पर कोई अच्छा होटल है और ना ही जन सुविधाओं का कोई इंतजाम। सिटी के सबसे बड़े बस स्टैंड की यही वर्तमान बदहाल तस्वीर है।

बदल सकते हैं हालात, बशर्ते

यहां के हालात बदल सकते हैैं। इसके लिए आरएमसी यानी रांची म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से बेहतर प्लानिंग की गई थी। इस प्लानिंग के तहत अगर काम हो, तो यहां एक ऐसा बस स्टैैंड बनेगा, जो मेट्रो लेवल का होगा। यहां आपको मिलेंगी बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत मॉडर्न फैसिलिटीज से युक्त बस स्टैंड की शानदार बिल्डिंग, टिकट काउंटर, शानदार वेटिंग रूम, शॉप्स, दो बड़े फूड प्लाजा, हर प्रकार की गाडिय़ों के लिए अलग-अलग पार्किग और गार्डेन व सिक्योरिटी की खातिर24 घंटे के लिए पुलिस स्टेशन की व्यवस्था। दूसरी ओर इसे बैड लक कहें या निगेटिव एटीट्यूड आरएमसी की ओर से प्लानिंग को लिमिटेड टाइम में पूरा ही नहीं किया गया।

10 करोड़ रुपए होंगे खर्च

सिटी के खादगढ़ा बस स्टैैंड को वल्र्ड क्लास बस स्टैंड बनाने के लिए गवर्नर ने इसका पिछले दिनों 29 मई को शिलान्यास किया था। इस बस स्टैंड के प्रपोज्ड मॉडल को देश की एक फेमस आर्किटेक्ट कंपनी ने बनाया था। इस मॉडल बस स्टैंड को बनाने के लिए दस करोड़ रुपए खर्च होने हैैं। मेसर्स आर.एस। कंपनी को इसका बनाने का ठेका दिया गया है। लेकिन इसका काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है।

13000 वर्गफुट में होती बसों की parking

खादगढ़ा बस स्टैंड में बसें इधर-उधर जहां-तहां खड़ी रहती हैं। लेकिन इस स्टैंड का जो मॉडल बननेवाला है, अगर वह बन जाता, तो यहां पर 13000 वर्गफुट में बसों की पार्किंग के लिए इंटरलॉकिंग ब्लॉक होता। जहां पर बसों के साथ ही प्राइवेट फोर व्हीलर्स, टू व्हीलर्स, रिक्शा और ऑटो की पार्किंग के लिए अलग-अलग व्यवस्था होती। ऐसे में पैसेंजर्स से लेकर बसों को भी  कोई परेशानी नहीं होती।

Centralise passenger shade

खादगढ़ा बस स्टैंड जब बनाया गया था, तो उस समय यहां पर दो बस पैसेंजर शेड्स बनाए गए थे। लेकिन एक बस शेड कभी यूज ही नहीं किया गया और वह कूड़ाघर बन गया, जबकि दूसरे की छत और फर्श जगह-जगह से टूट गई। वहीं अगर मॉडल बस स्टैंड डेवलप हो जाता, तो यहां पर पैसेंजर के लिए एक सेंट्रलाइज पैसेंजर शेड बनाया जाता। जहां पर पैसेंजर्स के लिए सारी फैसिलिटीज एक ही जगह पर मौजूद होती।

Passengers को नहीं भटकना पड़ता बाहर

रांची म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के इस प्रपोज्ड मॉडल बस स्टैंड में आने जानेवाले पैसेंजर के रुकने के लिए वेटिंग रूम बनता। जिसमें रात में रुकने की भी व्यवस्था होती। यहां पर होटल की तर्ज पर रूम रहते, जहां पर लोग फीस चुका कर इसका यूज कर सकते। ऐसे में यहां आनेवाले पैसेंजर को बाहर जाकर होटल में रूम खोजने की जरूरत नहीं पड़ती।

एक ही जगह मिलती सारी facilities

खादगढ़ा बस स्टैंड से झारखंड के डिफरेंट डिस्ट्रिक्ट्स के साथ ही यूपी, बिहार, उड़ीसा और बंगाल के विभिन्न सिटीज के लिए बसें चलती हैैं। यहां से लगभग डेली 300 बसें चलती हैं, लेकिन इन बसों के बारे में जानकारी देने के लिए कोई इंक्वॉयरी सिस्टम नहीं है। इस कारण बस की जानकारी लेने के लिए पैसेंजर को भटकना पड़ता है। इसके अलावा यहां बस कंडक्टर और खलासी भी पैसेंजर को जानकारी देने और अपनी-अपनी बसों में बैठाने के चक्कर में उलझते हैं। कभी-कभी तो पैसेंजर से भी झगड़ा हो जाता है। लेकिन अगर यह मॉडल बस स्टैंड डेवलप हो जाता, तो यहां पर पैसेंजर को बसों की जानकारी देने के एक पूरा ऑफिस तैयार हो जाता। जहां पर दो टिकट काउंटर, ट्रेवल एजेंट के छह काउंटर सहित सभी जानकारी देने के लिए एक पूरी बिल्डिंग होती। ऐसे में पैसेंजर को सुविधा होती।

खाने-पीने की नहीं रहती problem

खादगढ़ा बस स्टैंड में पैसेंजर को अपनी जरूरत की चीजें खरीदने और खाने-पीने के लिए बाहर जाना पड़ता है। इस स्टैंड पर एक भी ढंग की शॉप्स, रेस्टोरेंट या होटल नहीं है। लेकिन अगर समय रहते इसका जो मॉडल है, वह पूरा हो जाता, तो यहां पर पैसेंजर के लिए दो फूड प्लाजा और जरूरत के सामानों के लिए 22 शॉप्स होंती। इन फूड प्लाजा में पैसेंजर को हर तरह का डिश मिलता।

Garden का दिखता नजारा

खादगढ़ा बस स्टैंड में अभी पैसेंजर जाते हैं, तो यहां पर गंदगी और अव्यवस्था देखकर लोगों का मूड खराब हो जाता है। लेकिन अगर इसका जो मॉडल है, उसके बनने पर यहां आने पर आपको तरह-तरह के फूल, पेड़-पौधे और हरियाली आपका वेलकम करती। यहां पर स्टैंड की एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग और बसों के पार्किंग एरिया के बीचों-बीच एक गॉर्डेन डेवलप करने का प्लान है।

नहीं लगेगा जाम

खादगढ़ा बस स्टैंड में अभी फुटपाथ पर ठेले और दूसरी-छोटी-मोटी दुकानें चलानेवालों ने कब्जा कर रखा है। इस कारण यहां पर जाम लगना आम बात है। इससे पब्लिक को परेशानी होती है। लेकिन अगर  मॉडल स्टैंड समय से डेवलप हो जाता है, तो यहां पर आठ फीट का चौड़ा फुटपाथ होता। जहां पर लोग आसानी से आ और जा सकते। यहां पर जाम भी नहीं लगता।

रातभर गुलजार रहता bus stand

खादगढ़ा बस स्टेशन रात में अंधेर में डूबा रहता है। यहां पर सेफ्टी और सिक्योरिटी का कोई इंतजाम अभी नहीं दिखता। इसलिए इस बस स्टैंड पर बस पकडऩे के लिए रात में आना पैसेंजर के लिए खतरनाक है। यहां पर न तो पलिस के जवान मौजूद होते हैं और ना ही प्राइवेट सिक्योरिटी गाड्र्स। असामाजिक तत्व रात में यहां सक्रिय रहते हैं। लेकिन इसका जो मॉडल है, उस पर अगर समय से काम हो जाता, तो यह बस स्टैंड पूरी रात गुलजार रहता। यहां पर पब्लिक की सिक्योरिटी के लिए 24 घंटे चलनेवाले पुलिस स्टेशन के साथ ही प्राइवेट गॉड्र्स भी तैनात रहते.यहां पर पुलिस स्टेशन और प्राइवेट गॉर्ड के लिए अच्छा सा ऑफिस होता। जिसके कारण यहां पर पूरी रात बसों को संचालन होता और रातभर पैसेंजर का आना-जाना लगा रहता।