-सिटी में आचार संहिता लागू होने के दो दिन भी दिख रहे पॉलिटिकल पार्टीज के पोस्टर बैनर

-सिटी में खुलेआम दौड़ रही है नेताओं और पार्टी के प्रचार वाली गाडि़यां

GORAKHPUR: आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हुए लगभग दो दिन बीत चुके हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार एनजी ने इसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से सबको दे दी है। अफसरों का दावा है कि चुनाव आचार संहिता का पालन कराने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। सिटी में लगे पॉलीटिकल पार्टीज के बैनर- पोस्टर उतारे जा रहे हैं। आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। कायदे-कानून को लेकर न तो अफसर चिंतित हैं और न ही नेताओं के माथे पर शिकन है।

क्या हैं आदर्श आचार संहिता

राजनीतिक पार्टियों की सहमति से चुनाव आयोग ने इसको तैयार किया है। यह नियमों का वह ग्रुप हैं जो इलेक्शन को निष्पक्ष तरीके से कराने हुए लागू किया जाता है। चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ यह लागू हो जाता है। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों, नेताओं पर तमाम तरह की रोक लगा दी जाती है। किसी जाति धर्म, समुदाय के बीच मतभेद बढ़ाने, व्यक्तिगत आलोचना पर रोक, धार्मिक स्थलों को चुनाव प्रचार के लिए न यूज किए जाने, धरना- प्रदर्शन पर रोक, पार्टी का झंडा लगाने और ऑडियो- वीडियो विजुअल यूज करने पर रोक, प्रचार सामग्री चिपकाने- नारे लिखने पर रोक, गवर्नमेंट भूमि, बिल्डिंग या ऑफिस पर कोई प्रचार सामग्री लगाने, गवर्नमेंट की योजनाओं के प्रचार- प्रसार संबंधित लेख लिखने, प्राइवेट भूमि, भवन, दीवार इत्यादि का बिना अनुमति के यूज करने पर रोक होती है। नेताओं के पुतला दहन, जुलूस निकालने, गवर्नमेंट की सुविधाओं के पार्टियों या नेताओं के इस्तेमाल करने इत्यादि पर रोक होती है।

क्या हो सकती है कार्रवाई

इलेक्शन से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि आचार संहिता के उल्लंघन पर जुर्माना भरने के साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। आचार संहिता के उल्लंघन पर लोक प्रतिनिधि अधिनियम क्9भ्क् की तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें आईपीसी की विभिन्न धाराएं भी शामिल हैं।

सिटी में कैसे उड़ा रहे हैं धज्जियां

आदर्श आचार संहिता की सिटी में खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है। पालीटिकल पार्टियों के नेताओं, गवर्नमेंट की योजनाओं, नेताओं के स्टिकर, बैनर होर्डिग्स सिटी में लगी हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी ये सिटी में नजर आ रही हैं। इनको उतारने में अभी न तो प्रशासन दिलचस्पी ले रहा है। न ही नेताओं को कोई टेंशन है।

एक दिन चलाया गया अभियान

आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के लिए एक दिन का अभियान चलाया गया। उसके बाद कार्रवाई ठप हो गई। कलेक्ट्रेट, जीएमसी सहित कुछ प्रमुख जगहों से गवर्नमेंट की योजनाओं से संबंधित होर्डिंग्स उतारी गई। लेकिन सिटी में खंभों, गेट, पोल इत्यादि पर अभी भी कई पार्टियों के झंडे, बैनर, होर्डिग नजर आ रहे हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि यह अभियान चल रहा है। इसके लिए जीएमसी को जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस को गाइडलाइन जारी की गई है। पुलिस वाले अपने एरिया में कार्रवाई करेंगे, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इस लापरवाही के लिए पूरी तरह से जिला निर्वाचन अधिकारी जिम्मेदार हैं।

मीटिंग करके पुलिस और प्रशासन के अफसरों को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का पालन कराने का निर्देश दिया गया है। पालीटिकल पार्टियों, उनके नेताओं को बताया गया है कि वे खुद से ही होर्डिग, बैनर, व्हीकल पर लगे स्टीकर को हटा लें। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी।

गौरव वर्मा, एडीएम एडमिनस्ट्रेशन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी

हम लोग बैनर, होर्डिग, पोस्टर इत्यादि हटवा रहे हैं। इसके लिए डीएम से चार- पांच दिन का समय मांगा गया था। एक दो दिन में साफ- सफाई करा दी जाएगी। पार्टी से जुड़े लोगों को निर्देश दिया गया है कि आचार संहिता का पूरी तरह से पालन करें।

अवधेश यादव, जिलाध्यक्ष सपा

यह सभी लोगों की जिम्मेदारी है। यदि कहीं पर कुछ लगा हो तो उसको हटा दिया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

लालजी भारती, जिलाध्यक्ष बसपा

आदर्श आचार संहिता का पालन होना चाहिए। डीएम ने जीएमसी को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे लोग झंडा, बैनर, पोस्टर हटवाएं। लेकिन जीएमसी के कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं। लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

धर्मेद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष, बीजेपी

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन गोरखपुर के डीएम सपा एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी सारी कार्रवाई सपा के अलावा अन्य पार्टी के लोगों के खिलाफ होती है। इसकी शिकायत इलेक्शन कमीशन से की जाएगी।

डॉ पीएन भट्ट, जिला महासचिव