रिम्स की सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर पर स्थित कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती चितरंजन प्रसाद गोला के रहनेवाले हैैं और रिम्स में मिली ट्रीटमेंट से वह काफी खुश दिखे।

34 बेड हैं फंक्शनल

रिम्स के कार्डियक आइसीयू में कार्यरत नर्सों ने बताया कि पहले कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की आइसीयू में बस 6 बेड थे और वह कंजेस्टेड भी था, लेकिन अब सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट में 34 बेड फंक्शनल हैं। पहले जगह की कमी के कारण पेशेंट्स को मेडिसीन वार्ड में भी रखा जाता था, पर अब ऐसी स्थिति नहीं है। सभी बेडों में मॉनिटर भी लगे हुए हैं। वहीं बेड्स भी अमेरिका से मंगाए गए हैं, जो पेशेंट्स की इमरजेंसी रिक्वॉयरमेंट्स  को पूरा करने में सक्षम हैं। इनमें से हर बेड की कीमत एक लाख 20 हजार रुपए हैं।

मिल रही हैं सारी फैसिलिटीज

रिम्स के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हेमंत नारायण राय ने बताया कि कार्डियोलॉजी विंग सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट में फंक्शनल हो गया है। यहां दिल के रोगियों के लिए एंजियोप्लास्टी, बीएमबी, पेसमेकर लगाना, एंजियोग्राफी जैसी सभी फैसिलिटीज अवेलेबल हैैं। डॉ हेमंत ने बताया कि रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट में स्थित कार्डियक डिपार्टमेंट में बेड की क्षमता 100 बेड की है।

अभी है नर्सों की कमी

कार्डियक विंग में कार्यरत नर्सों ने बताया कि कार्डियक डिपार्टमेंट को बेहतर बनाने के लिए नर्सों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। अभी यहां छह नर्सें डयूटी दे रही हैैं, जबकि हर बेड में एक नर्स की जरूरत है। इस हिसाब से 34 बेड के लिए 34 नर्सोंं की एक शिफ्ट में जरूरत है। अगर तीन शिफ्ट में नर्सों की बात करें, तो यहां 102 नर्सों की जरूरत है। अभी एक नर्स छुट्टी पर जाती है, तो दूसरी नर्स पर पेशेंट्स का प्रेशर बढ़ जाता है।

इंस्टॉल हो रहे हैं इंस्ट्रूमेंट्स

नर्सों कड्डी कमी की बाबत डॉ हेमंत नारायण राय ने बताया कि विंग में एमसीआई के मानकों के मुताबिक नर्सों को डयूटी पर लगाया जाएगा। सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट के थर्ड फ्लोर में ही दो कार्डियक ओटी बने हुए हैं और उनमें इंस्ट्रूमेंट इंस्टॉल करने का काम चल रहा है। वहीं सीओटी का एक पुराना कैथलैब भी थर्ड फ्लोर में शिफ्ट हो जाएगा और एक नया कैथलैब भी यहां इंस्टॉल होगा, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ होगी।

कार्डियक एंबुलेंस भी होगा फंक्शनल

डॉ हेमंत ने बताया कि रिम्स में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट को बेहतर करने के अलावा यहां जो कार्डियक एंबुलेंस हैैं, उन्हें भी एक सप्ताह में फंक्शनल करा दिया जाएगा। इससे इमरजेंसी की स्थिति में पेशेंट्स को इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिल पाएगी। ये कार्डियक एंबुलेंस नेशनल गेम्स के दौरान आए थे और बाद में रिम्स को दे दिए गए थे।