नरेन्द्र मोदी के PM बनने के बाद बनारस में जापान से आने वाले सैलानियों का बढ़ा एनफ्लो

2013 के मुकाबले 2014 में 20 परसेंट की हुई बढ़ोतरी

फ्रांस के सैलानियों की भी संख्या पहुंची टॉप थ्री में

VARANASI

नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को क्योटो बनाने की पहल भले ठंडे बस्ते में चली गई हो लेकिन जापान के सैलानियों को मोदी का ये शहर भाने लगा है। यही वजह है कि काशी में आने वाले जापानी सैलानियों की संख्या में पिछले एक साल के दौरान जबरदस्त इजाफा हुआ है। टूरिज्म डिपार्टमेंट की मानें तो काशी में क्योटो जैसा क्या है या फिर काशी को क्यों क्योटो बनाने की कवायद तेज हुई है। इसी बात से अट्रैक्ट होकर वहां के सैलानी बनारस खींचे चले आ रहे हैं। ये एनफ्लो मोदी सरकार बनने के बाद बढ़ा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल भी इसमें बढ़ोतरी जारी रहेगी।

हर देश से आ रहे हैं सैलानी

वैसे तो काशी के कल्चर से प्रभावित होकर बनारस आने वाले सैलानियों की संख्या जबरदस्त है लेकिन दो सालों के दौरान जापान से आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। रीजनल टूरिज्म ऑफिसर रविन्द्र कुमार के मुताबिक पीएम के संसदीय क्षेत्र में अब हर देश के सैलानी आना पसंद कर रहे हैं। 2013 में बनारस में जहां अलग अलग देशों से लगभग दो लाख 86 हजार सैलानी आये थे। वहीं 2014 में ये संख्या बढ़कर लगभग दो लाख 88 हजार हो गई है। इस साल भी इसमें बढ़ोतरी होना तय है क्योंकि जून, जुलाई तक ही एक लाख से ज्यादा सैलानी अपने यहां विदेशों से आ चुके हैं। इस लिस्ट में जापान टॉप पर है। जबकि दूसरे नंबर पर फ्रांस, तीसरे पर चाइना, चौथे पर यूएसए और पांचवें नंबर पर कोरिया है। इन देशों से पर्यटक लगातार बनारस आ रहे हैं और इनकी संख्या हर साल बढ़ रही है।

पाक और UAE भी है लिस्ट में

ऐसा नहीं है कि मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में सिर्फ विदेशों से ही लोग आ रहे हैं बल्कि पाकिस्तान समेत गल्फ कंट्रीज से भी सैलानियों के आने का सिलसिला जारी है। हालांकि पाकिस्तान से आने वाले सैलानियों की संख्या मोदी गर्वनमेंट के बनने के बाद कम हुई है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो ख्0क्फ् में पाकिस्तान से बनारस फ्भ् पर्यटक आये थे जबकि मोदी गर्वनमेंट बनने के बाद ख्0क्ब् में पाकिस्तान से आने वाले पर्यटकों की संख्या घटकर पांच हो गई है। वहीं सऊदी अरब, यूएई, बंगलादेश से भी सैलानी बनारस हर साल आ रहे हैं।

जानना है बनारस को

जापान समेत पूरे देश से यहां आने वाले टूरिस्ट्स बनारस क्यों आ रहे हैं? इस बारे में टूरिज्म डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स का कहना है कि मोदी के संसदीय क्षेत्र में क्या हो रहा है और क्योटो की तर्ज पर यहां किस तरह विकास किया जायेगा। ये जानने के लिए जापान से सैलानी आ रहे हैं। जबकि फ्रंास के लोग यहां के घाटों और पुरानी इमारतों से अट्रैक्ट होकर आ रहे हैं। चाइना, नेपाल, श्री लंका से टूरिस्ट्स यहां बौद्ध सर्किट होने के कारण पहुंच रहे हैं।

कुछ यूं है टूरिस्ट को एनफ्लो

देश ख्0क्फ् ख्,0क्ब्

यूके क्फ्,977 क्भ्,क्क्0

यूएसए क्ब्,भ्97 क्8,ख्8म्

श्रीलंका क्क्,फ्ख्भ् म्,ख्ब्क्

फ्रंास क्9,7ख्ख् क्9,9फ्7

जर्मनी क्क्,म्7ख् क्0,क्म्क्

जापान क्7,0ब्9 ख्0,8म्फ्

इटली 9,87म् क्क्,897

मलेशिया भ्,ब्क्7 7,8म्क्

सउदी ब्फ् भ्

कनाडा 7,0फ्ब् 8,ख्ख्8

आस्ट्रेलिया क्0,म्ब्भ् क्ब्,भ्क्ख्

सिंगापुर ख्,09क् ख्,ख्ख्0

यूएई क्फ् भ्ब्

स्विटजरलैंड ख्,8क्ख् ख्,0म्0

ईरान 7ख् ख्क्ख्

पाकिस्तान फ्भ् भ्

बंगलादेश 9ख् फ्क्म्

नीदरलैंड 8,क्9ख् म्,7म्ब्

कोरिया क्9,क्0क् क्8,0ख्फ्

स्पेन क्फ्,फ्क्0 क्भ्,ख्9ब्

नेपाल ख्,ब्7ख् फ्,क्ख्ब्

चाइना क्भ्,ख्ब्8 क्9,90म्

अन्य क्,00,ब्भ्7 8म्,म्8ख्