दोनों नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में अहमदाबाद में बनाए गए एक संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे.

इस संग्रहालय को सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरियल सोसाइटी ने बनवाया है.

नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौक़े पर सरदार सरोवर बांध के पास पटेल की विशाल प्रतिमा की भी नींव रखेंगे.

पीटीआई के अनुसार सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरियल सोसाइटी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री दिंशा पटेल ने नरेंद्र मोदी से मिलकर समारोह का न्योता दिया.

निमंत्रण और 'अतिथि'

"पटेल आरएसएस के फैलाए हुए ज़हर की बात कर रहे थे जिसे गोलवलकर फैलाते थे. क्या स्वयंसेवक मोदी आरएसएस के मामले पर पटेल से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं? वो किसका नाम भुनाने पर आतुर हैं."

-ट्विटर पर मनीष तिवारी

समाचार एजेंसी के अनुसार नरेंद्र मोदी को भेजे गए आमंत्रण पत्र में लिखा है कि समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री होंगे, जबकि नरेंद्र मोदी विशेष अतिथि होंगे.

राजनीति के जानकारों का कहना है कि दोनों नेताओं का आमने-सामने आना अहम है क्योंकि नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों के दौरान घोटालों को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.

उधर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी आज ही सुबह ट्विटर पर सरदार पटेल के उस बयान की चर्चा की, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की मौत के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आदर्श एमएस गोलवलकर की कथित तौर पर निंदा की थी.

उन्होंने ट्विटर पर कहा, "पटेल ने गोलवलकर से कहा था-(सांप्रदायिक) ज़हर का नतीजा यह निकला कि देश को महात्मा गाँधी जैसा व्यक्तित्व खोना पड़ा."

मनीष तिवारी ने आगे कहा है, "पटेल आरएसएस के फैलाए ज़हर की बात कर रहे थे, जिसे गोलवलकर फैलाते थे. क्या स्वयंसेवक मोदी आरएसएस के मामले पर पटेल से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं? वह किसका नाम भुनाने पर आतुर हैं."

यह बात इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि नरेंद्र मोदी अक्सर कांग्रेस पर सरदार पटेल की अवहेलना का आरोप लगाते रहे हैं.

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