-खरीफ गोष्ठी में पहुंचे सूबे के कृषि मंत्री ने कहा, सरकारी योजनाओं का लाभ पाने को किसान कराएं अपना रजिस्ट्रेशन

-खेती में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने व नई तकनीकी के प्रयोग पर दिया जोर

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VARANASI :
प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना लागू होने जा रही है. जिसका प्रीमियम खुद सरकार देगी. 60 वर्ष की उम्र के बाद किसान को प्रतिवर्ष एक निश्चित धनराशि मिलेगी. इसके लिए किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा लें, किसान क्रेडिट कार्ड पर मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर फसली लोन की व्यवस्था है. ये बातें सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को कमिश्नरी सभागार में आयोजित खरीफ गोष्ठी में कही. किसानों से अपील किया कि वह अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें. मोदी सरकार ने किसानों के उपज की न्यूनतम मूल्यों में वृद्धि करके आय बढ़ाने का प्रयास किया है. योगी सरकार में गेहूं खरीद 37 लाख मीट्रिक टन हुई, जो इससे पूर्व वषरें से कई गुना अधिक है. इस साल भी कोई किसान गेहूं बेचने से छूटे नहीं, इसके लिए खरीद का समय 25 जून, 2019 तक कर दिया गया है.

31 जुलाई तक खाते में पहुंचेगा धन

कृषि मंत्री ने चंदौली व जौनपुर में धान की उत्पादकता प्रदेश मानक से अधिक होने पर वहां के किसानों का विशेष अभिनंदन किया. किसानों में जोश भरते हुए कहा कि पूवरंचल का किसान भी खेती में हरियाणा, पंजाब की बराबरी कर सकता है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के आर्थिक सुरक्षा की अतिमहत्वपूर्ण योजना है. पहले चरण में देश में दो करोड़ 88 लाख किसानों को धनराशि भेजी गई. जिसमें एक करोड़ 11 लाख किसान उत्तर प्रदेश के रहे, 31 जुलाई तक सूबे के समस्त किसानों के खातों में धनराशि पहुंचेगी.

किसानों की समस्याएं, निपटाएं अफसर

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए 20 हजार कुंतल ढैचा बीज किसानों को भेजा गया है. वाराणसी में मिर्च एवं आम की फसल व गाजीपुर में टमाटर, हरी मटर वह मिर्च की फसल को बीमा आच्छादन में शामिल किया गया है. प्रदेश में खरीफ-2019 में उत्पादकता व उत्पादन बढ़ाने तथा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हर स्तर पर किसानों की सहायता व सहयोग की अनेकों योजनाएं लागू की गई है. गोष्ठी में किसानों ने अपनी समस्याएं रखी, जिस पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को तीन-चार दिनों में हल करने के निर्देश दिए.

युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पढ़े-लिखे युवक-युवतियों के लिए कृषि निर्यात में सहायता योजना लागू की गई है. इसमें कृषि निर्यात कोर्स करने के लिए 50 हजार तथा कोर्स पूरा होने पर निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए डेढ़ लाख रुपया ब्याज मुक्त मिलेगा. व्यक्ति द्वारा पहला 10 लाख रुपए का निर्यात करने पर यह 2 लाख मुक्त हो जाएगा व दूसरा 10 लाख रुपए का निर्यात कार्य करने पर पुन: 50 हजार मिलेंगे. यह योजना मंडी परिषद द्वारा लागू की गई है.