लॉ कमीशन की रिपोर्ट का इंतजार

न्यायिक आयोग बनाने के बाद मोदी सरकार आने वाले समय में चुनाव सुधारों पर काम कर सकती है. इसके लिए सरकार लॉ कमीशन की एक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद से मोदी सरकार कानून संशोधन की ओर आगे बढ़ेगी.

क्या होंगे नए सुधार

चुनाव प्रक्रिया में सुधारों में कई ऐसे संशोधन शामिल हैं जिनसे भारतीय राजनीति में आपराधिक तत्वों के आने पर रोक लग सकती है. मसलन उम्मीदवार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो जाने पर चुनाव लड़ने पर रोक, चुनाव में मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता और चुनाव पूर्व अखबारों में विज्ञापनों को सीमित किया जाना शामिल है.

चुनाव खर्चों पर विशेष ध्यान

लॉ कमीशन ने एक सुझाव दिया है जिसके तहत एक व्यक्ति के दो लोकसभा सीटों से लड़ने पर प्रतिबंध होने की उम्मीद है. कमीशन का तथ्य है कि लोकसभा उम्मीदवार दो सीटों पर लड़ने के बाद एक सीट को छोड़ देते हैं. इसलिए छोड़ी हुई सीटों पर उपचुनाव का खर्चा आता है. इसलिए इस प्रक्रिया को रोकने का सुझाव है. गौरतलब है कि हाल के चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव दो सीटों से जीते थे. इनमें से नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की सीट को रखा है और वडोदरा की सीट छोड़ दी है. इसलिए उस सीट पर फिर से चुनाव होंगे.

संसद में अपराधी सांसद

लॉ कमीशन रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट पर अपने सुझाव देने से पहले अक्टूबर में एक मीटिंग करेगा. हालांकि कमीशन ने उम्मीदवार का आरोप कोर्ट में तय हो जाने की स्थिति में उसकी कैंडीडेसी को खारिज करने का सुझाव दिया है. इसके साथ चुनावी पर्चा दाखिल करते समय गलत सूचना उपलब्ध कराने पर उम्मीदवारी खारिज करने का सुझाव है.

 

चुनावी चंदे में हो पारदर्शिता

लॉ कमीशन का कहना है कि किसी भी उम्मीदवार या पार्टी को मिलने वाले राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता का तत्व होना चाहिए. इसके साथ ही स्टेट फंडिंग पर भी जोर दिया गया. गौरतलब है कि कमीशन ने कहा है कि सत्ताधारी पार्टी द्वारा चुनाव पूर्व सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए विज्ञापनों की भी सीमा तय किया जाना जरूरी है.

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