शीत सत्र में पेश होंगे कानून निरस्तीकरण विधेयक

मोदी सरकार ने कानून व्यवस्था को आसान और प्रभावशाली बनाने के लिए बेकार पड़े कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार पिछले सत्र में ही 36 कानूनों को निरस्त करने का विधेयक पेश कर चुकी है. लेकिन सरकार संसद के शीत सत्र में सात सौ विनियोग और वित्त विधेयक संबंधी 287 संशोधित कानूनों को रद करने के लिए विधेयक पेश करेगी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बारे में सूचना देते हुए कहा कि कानून मंत्रालय अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को निरस्त कराने के लिए संसद में विधेयक लाएगी. इसके साथ ही कानून मंत्री ने कहा कि इस सत्र में हम 1017 कानून एवं विधेयकों को लाएंगे. इनमें कुछ कानून ऐसे भी हैं जिनकी उम्र डेढ़ से दो सौ साल है. गौरतलब है कि मोदी द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ मुलाकात में देश को कानूनी जाल से मुक्ति दिलाने के वादे के बाद इस काम में उल्लेखनीय तेजी आना तय था.

विधि आयोग ने सालों पहले दिए थे सुझाव

बेकार कानूनों को निरस्त करने के मामले में विधि आयोग ने सालों पहले ढाई सौ कानूनों को कैंसल करने की सिफारिश की थी. लेकिन इन कानूनों कों रद नही किया गया. इसके बाद आयोग ने केंद्र के 80 विभागों से कानूनों के निरस्त ना किए जाने के पीछे वजह भी पूछी थी. दरअसल इस बारे में पीसी जैन कमेटी ने राज्यों से जुड़े 22 कानूनों के साथ 250 अन्य कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की थी. उल्लेखनीय है कि इनमें वह कानून शामिल थे जो लिमिटेड टाइम के लिए पास किए जाते हैं.

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