समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में 2002 में हुए दंगों पर पछतावा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अगर कोई कुत्ते का बच्चा भी आपकी कार के नीचे आकर मारा जाता है तो आपको दुख होता है."

उनके इस बयान को लेकर ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर ख़ासी प्रतिक्रिया आई है. इसके बाद मोदी ने कुछ समय पहले ट्वीट करते हुए लिखा है, "हमारी संस्कृति में हर तरह के जीव और जीवन की पूजा होती है और वो कीमती है. मेरी पूरी इंटरव्यू का लिंक यहाँ हैं. लोग ख़ुद परख सकते हैं."

अपने इस इंटरव्यू में मोदी ने माना कि देश का नेतृत्व एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति के हाथ में होना चाहिए लेकिन उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की अपनी परिभाषा दी.

मोदी ने ये भी कहा कि वह एक 'हिंदू देशभक्त हैं और इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है.'

भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनने के बाद दिए गए इस विरले इंटरव्यू में रॉयटर्स ने मोदी से पूछा कि क्या उन्हें निराशा होती है जब अब तक उन्हें 2002 से ही जोड़कर देखा जाता है.

मोदी का कहना था, “निराशा तब होगी जब मैं सोचूं कि मैंने कुछ ग़लत किया है. मैंने चोरी की है, मैं पकड़ा जाऊंगा. मेरा मामला ऐसा नहीं है.”

'कुत्ते के बच्चे की मौत पर होता है दुख'

रॉयटर्स ने मोदी से पूछा कि क्या जो हुआ उसका उन्हें पछतावा है?

इसके जवाब में मोदी ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था जिसकी रिपोर्ट में मुझे पूरी तरह दोषमुक्त करार दिया गया. पूरी तरह क्लीन चिट दी गई.”

मोदी ने आगे कहा, “अगर आप कार में जा रहे हों और चाहे आप कार न चला रहे हों तो भी अगर कार के नीचे कुत्ते का एक बच्चा आ जाता है तो आपको दुख होता है. चाहे मैं मुख्यमंत्री रहूं या न रहूं, इंसान होने के नाते कुछ ग़लत होता है तो दुख होता है.”

रॉयटर्स का सवाल था कि क्या 2002 में आपने जो किया वह सही था?

इस पर मोदी ने कहा, “बिल्कुल. ऊपरवाले में हमें जो बुद्धि दी है, मुझे जितना अनुभव है और उस परिस्थिति में जितना संभव था. जो किया गया बिल्कुल सही था. और एसआईटी ने जांच में यही पाया.”

रॉयटर्स ने मोदी से पूछा कि क्या भारत का नेता एक धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए?

इस पर मोदी का कहना था, “हम इससे सहमत हैं... लेकिन धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा क्या है? मेरे लिए, मेरी धर्मनिरपेक्षता है, भारत पहले. मेरी पार्टी की सोच है, ‘न्याय सबके लिए, तुष्टीकरण किसी का नहीं’. यही हमारी धर्मनिरपेक्षता है.”

रॉयटर्स ने उनसे ये भी पूछा कि लोग जानना चाहते हैं कि असली मोदी क्या हैं- हिंदू राष्ट्रवादी नेता या व्यापार-समर्थक मुख्यमंत्री?

मोदी कहते हैं, “मैं राष्ट्रवादी हूं, मैं देशभक्त हूं. मैं एक हिंदू पैदा हुआ हैं. इसमें कुछ भी ग़लत नहीं. मैं एक हिंदू राष्ट्रवादी हूं. वह मुझे उन्नतिशील, विकास-परक, जमकर काम करने वाला कहते हैं तो कहने दें. इन दोनों में कोई विरोध नहीं है. यह एक और समान छवि है.”

जनमत सर्वेक्षणों में लोकप्रियता के बारे में मोदी का कहना था, “वर्ष 2003 से जितने भी जनमत सर्वेक्षण हुए उनमें मुझे ही सबसे अच्छा मुख्यमंत्री बताया गया. मुझे पसंद करने वालों में गुजरात ही नहीं बाहर के भी लोग थे. एक बार तो मैंने इंडिया टुडे ग्रुप के अरुण पुरी को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया- हर बार मैं ही विजेता बन जाता हूं, तो कृपा करके अगली बार गुजरात का नाम सूची में से हटा दें, किसी और को मौका दें. वरना मैं फिर जीत जाऊंगा. कृपया मुझे प्रतियोगिता से बाहर रखे और मेरे अलावा किसी और को भी मौका दें.”

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