मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद स्वराज तो मिला लेकिन सुराज नहीं मिल सका.

कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की परिवारवादी राजनीति ने आम आदमी के सपनों को नोंच दिया है.

कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, ''चुनाव आने पर कभी इस तबक़े को, कभी उस तबक़े को टुकड़े फेंकते रहो, वोट बटोर लो और फिर पांच साल तक अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ ऐश-ओ-आराम की ज़िदगी गुज़ारते रहो. कांग्रेस एक ऐसी धारा है कि अच्छे से अच्छा अर्थशास्त्री भी अनर्थशास्त्री बन जाता है.''

खाद्य सुरक्षा अध्यादेश

देश में बढ़ती बेरोज़गारी और ग़रीबी के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मोदी ने कांग्रेस से सवाल किया कि तीस-चालीस साल पहले दिए गए ग़रीबी हटाओ के नारा का क्या हुआ.

खाद्य सुरक्षा के लिए एक अच्छा बिल लाने के बजाए अध्यादेश लाने के लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, ''कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कांग्रेस को अपने यूपीए के साथियों पर भरोसा नहीं है. कांग्रेस अपने सहयोगियों को इसका श्रेय नहीं देना चाहती थी,वो अकेले की इसका क्रेडिट लेना चाहती थी.''

मोदी ने आगे कहा कि देश को एक्ट नहीं एक्शन चाहिए.

इससे पहले रविवार सुबह को ही पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की ज़रूरत है, लेकिन इसका मतलब उसका पश्चिमीकरण करना नहीं है.

यहां भी मोदी ने अपने भाषण में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर केन्द्र सरकार पर सीधा निशाना साधा और कहा, "दिल्ली की सरकार को लगता है कि केवल विधेयक लाने से लोगों को खाना मिल जाएगा."

लेकिन युवाओं से मुख़ातिब उनके भाषण में मुख्य ज़ोर भारत की शिक्षा व्यवस्था और मानव संसाधनों के सशक्तिकरण पर रहा.

मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “युवा...दुनिया को क्या कुछ नहीं दे सकता है, दुनिया के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता है. एक प्रकार से न सिर्फ़ हिन्दुस्तान की समस्याएँ, बल्कि विश्व की समस्याओं के समाधान के लिए भी यह युवाशक्ति काम आ सकती है. बशर्ते कोई करने वाला है. कोई सोचने वाला हो. कोई दिशा देने वाला हो. कोई उंगली पकड़ के चलने वाला हो.”

'पावर और एम्पावरमेंट'

मोदी ने कहा, “मैं आधुनिकता का पक्षकार हूँ. लेकिन मॉर्डनाइज़ेशन विदाउट वेस्टर्नाइजेशन. आधुनिकता चाहिए, पश्चिमीकरण नहीं चाहिए.”

राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की अहमियत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, "अगर हमें अच्छी शिक्षा व्यवस्था चाहिए, तो हमें अच्छे शिक्षकों की ज़रूरत होगी, जो अभी तक प्राथमिकता नहीं रही है."

मोदी ने कहा, "आज केरल शिक्षा के क्षेत्र में सबसे आगे है. वहां गांव-गांव तक शिक्षा फैल चुकी है. यह सरकार के बल पर नहीं. इसमें श्री नारायण गुरु का बड़ा योगदान रहा है. वह पिछड़ी जाति में पैदा हुए थे, उन्होंने प्रण लिया था कि केरल के हर मछुवारे को, हर ग़रीब को शिक्षित करना है, उसका परिणाम है कि केरल आज देश में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे आगे है."

मोदी ने अपने विरोधिओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकताएं अलग हैं. उन्होंने कहा, "उनमें और हम में बड़ा अंतर है. दूसरे लोगों की दिलचस्पी पावर (सत्ता) में है. हम एम्पावर (सशक्तिकरण) को प्राथमिकता देते हैं. उन्हें पावर चाहिए और हमें देश के हर नागरिक का एम्पावरमेंट."

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