मनमोहन ने कहा कि वह अगले आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम चुनावों के बाद अगली सरकार भी यूपीए की ही बनेगी और वह अगले प्रधानमंत्री को सत्ता सौंपने को तैयार हैं.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि यूपीए ऐसा करेगी."

चुप रहने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी ज़रूरत पड़ी है मैंने पार्टी के फ़ोरम में अपनी बात रखी है और आगे भी वहां बोलता रहूंगा.

देश की सेवा

"आम चुनावों के बाद अगली सरकार भी यूपीए की ही बनेगी और वह अगले प्रधानमंत्री को सत्ता सौंपने को तैयार हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं."

-मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा, ''मैं वही आदमी हूं जो मैं नौ साल पहले था, मैंने इस देश की सेवा पूरी ईमानदारी से की है और अपने पद का ग़लत इस्तेमाल कर अपने किसी दोस्त या परिवार वाले को फ़ायदा पहुंचाने की कोशिश नहीं की है."

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के ज़्यादातर आरोप  यूपीए के पहले कार्यकाल में सामने आए, उसके बाद जनता ने हमें दोबारा चुना, इसलिए ऐसा लगता है कि जनता को इन आरोपों से ख़ास सरोकार नहीं है.

उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी, विकास का सिलसिला फिर शुरू होगा.उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा जैसी योजनाओं से आम जनता को महंगाई से लड़ने में मदद मिली है.

रिकॉर्ड विकास दर

उन्होंने कहा, "मेरे कार्यकाल में भारत में नौ प्रतिशत की रिकॉर्ड विकास दर रही है, जो वैश्विक मंदी के साथ कम हुई."

प्रधानमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि विकास दर कम होने के बाद भी हम सामाजिक विकास करने में सक्षम रहे हैं.

हाल में हुए विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने बड़ी मात्रा में मतदान कर लोकतंत्र में विश्वास जताया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004-11 के दौरान ग़रीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों में पहले के मुक़ाबले ज़्यादा गिरावट आई, क़रीब 13 करोड़ से ज़्यादा लोग  गरीबी रेखा के ऊपर आ गए.

उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षेत्र में हम ज़्यादा रोज़गार के अवसर नहीं पैदा कर पाए हैं और महंगाई को रोकने में हम सफल नहीं रहे हैं, जो खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम की वजह से और बढ़ी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है.  टूजी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन में घोटाले को लेकर आम जनता में बहुत शंकाए हैं.

घाटे की अर्थव्यवस्था

विपक्ष ने घाटे में चल रही अर्थव्यवस्था को लेकर उन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.

इस साल प्रधानमंत्री के रूप में अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे मनमोहन सिंह ने अब तक केवल दो बार ही संवाददाताओं को संबोधित किया है. सरकार की आलोचनाओं पर प्रधानमंत्री अक्सर चुप ही रहते आए हैं.

गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा के अरुण जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पांच सवाल पूछे.

उन्होंने पूछा है कि प्रधानमंत्री बताएं कि इतिहास भारत के प्रधानमंत्री पद पर उनके कार्यकाल को कैसा आंकेगा? प्रधानमंत्री के कार्यकाल की तुलना में क्या बतौर वित्त मंत्री उनका कार्यकाल उन्हें ज़्यादा संतुष्टि देता है?, चूंकि उनकी सरकार बेहद भ्रष्ट प्रतीत होती है, उन्हें क्या लगता है कब वो परिस्थितियों के मुताबिक कठोर कदम उठाने से चूक गए?, उन्हें क्या लगता है कि अर्थव्यवस्था चलाने में उनसे कब चूक हुई, जो निवेश का सिलसिला टूट गया? और बतौर प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान क्या वो सीबीआई, जेपीसी, सीवीसी, सिविल सेवा इत्यादि जैसी संस्थाओं के पतन के लिए खुद को ज़िम्मेदार मानते हैं?

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