कांग्रेस ने फूलपुर लोक सभा से 2014 में दिया था टिकट

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ALLAHABAD : क्रिकेट ग्राउंड पर कामयाबी के बूते इलाहाबाद का नाम विश्व पटल पर रौशन करने वाले मो। कैफ ने अपना राजनीतिक सफर भी इसी सरजमी से शुरू किया था। वर्तमान समय में उनकी राजनीति में सक्रियता कम दिखती है लेकिन इस नई पारी में भी पूरा परिवार उनके साथ था। खुद पत्‌नी ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी और कदम से कदम मिलाकर चलती रहीं। परिवार के सदस्य इस पर कुछ खुलकर बोले नहीं लेकिन पिता का कहना था कि कैफ जो चाहें कॅरियर चूज कर सकते हैं।

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चुनाव के बाद नहीं दिखा राजनीतिक चोला

2014 में फूलपुर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी कांग्रेस ने अंतिम समय में घोषित किया था। यह नाम बेहद चौंकाने वाला था। यह नाम था क्रिकेटर मो। कैफ का। कांग्रेसी रंग में रंगने के बाद कैफ इलाहाबाद पहुंचे तो इलाहाबादियों ने उनका खूब स्वागत किया। अलग बात है कि मोदी की आंधी में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई और चौथे स्थान से संतोष करना पड़ गया। वह भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या से हार गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनकी गुफ्तगू संकेत दे रही थी कि वह राजनीति में ही कॅरियर बना सकते हैं लेकिन, कम से कम इलाहाबादियों ने उन्हें चुनाव के बाद कभी राजनीतिज्ञों जैसे चोले में नहीं देखा। इसके बाद यूपी रणजी टीम की कप्तानी करने के बाद उन्होंने छत्तीशगढ़ का रुख कर लिया और वहां के कप्तान के रूप में दो साल क्रिकेट खेली। लोक सभा चुनाव में एक साल से भी कम समय शेष रह गया है। इससे कैफ के क्रिकेट से सन्यास लेने से उनकी राजनीति में फिर से उतरने के कयास लगाए जाने लगे हैं।

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