रानीमंडी से पूरी अकीदत से निकला जुलूस चक पर जाकर हुआ समाप्त

ALLAHABAD: कर्बला के 72 शहीदों की याद में रविवार को सातवीं का जुलूस निकाला गया, जो रानीमंडी से शुरू होकर कोतवाली, मीरगंज, बताशामंडी, बहादुरगंज, जीरोरोड होते हुए चक पर समाप्त हुआ। इस दौरान सीना जनी, जंजीर का मातम और नौहा ख्वानी पढ़ते हुए लोग जुलूस में शामिल रहे। जिसे देखने के लिए हजारों की भीड़ मौजूद रही। जुलूस में पांच कमेटियां, अंजुमन, मजलूमिया, हैदरिया, अब्बासिया और हाशमिया शामिल रहीं। पांचों कमेटियां कोतवाली पर आपस में मिल गई। इसके पहले सुबह पांच बजे से दुलदुल घर-घर आना शुरू हो गया था। इस मौके पर मुजफ्फर अब्बास, इरशाद हुसैन, इरफान अब्बास, हसन हैदर, जाकिर हुसैन आदि मौजूद रहे।

पेश किया नौहा

यजीद की दहशतगर्दी और कायराना हरकत की मिसाल दूसरी जगह नहीं मिलती। यह बात दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अहमद अब्बास जैदी में आयोजित मजलिस में मौलाना सज्जाद हुसैन ने कही। उन्होंने बताया कि तीन दिन के भूखे और प्यासे हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों को कत्ल के लिए यजीद ने कर्बला में तीस हजार और अन्य जगहों पर नौ लाख फौज तैनात की थी। कर्बला का सबसे नन्हा शहीद छह महीने का प्यासा हजरत असगर था, जो अपने बाप की गोद में शहीद हो गया था। यह सुनकर सभी की आंखें अश्कबार हो गई। तकरीर के बाद अंजुमन हुसैनिया ने नौहा व मातम का नजराना पेश किया। इस मौके पर नियाज हुसैन, रियाज असकरी, अकबर अब्बास आदि उपस्थित रहे। सैय्यद रियाज असकरी ने बताया कि मोहर्रम की नौवीं तारीख मंगलवार को इमामबाड़ा में मजलिस के बाद सुबह आठ बजे शबीहे ताबूत हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम बरामद होगा। जिसमें अंजुमन हुसैनिया नौहा ख्वानी व सीना जनी करेगी।