स्पेशल न्यूज

- पिछले तीन दिनों से पैदल चलते हुए राजकुमार सोमवार को पहुंचे नाथ नगरी

- मढ़ीनाथ, तपेश्वरनाथ और अलखनाथ में किया जलाभिषेक, कांवडि़यों ने भी सराहा

<स्पेशल न्यूज

- पिछले तीन दिनों से पैदल चलते हुए राजकुमार सोमवार को पहुंचे नाथ नगरी

- मढ़ीनाथ, तपेश्वरनाथ और अलखनाथ में किया जलाभिषेक, कांवडि़यों ने भी सराहा

BAREILLY:

BAREILLY:

भगवान भोलेनाथ से मिलने को भक्त के मन में श्रद्धाभाव हो तो कितनी भी रुकावटें क्यों न हों वह बाधा नहीं बन पाती। वह स्वयंभू शिव के आशीर्वाद से स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं। यह कहना है दिव्यांग कांवडिए राजकुमार का। जो बैसाखी के सहारे नवाबगंज से नाथ नगरी के सातों नाथों का जलाभिषेक को निकले हैं। सोमवार को वह कछला से गंगाजल भरकर नाथ नगरी पहुंचे। नाथ नगरी के तीन नाथ मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर मन की मुराद मांगी। कठिन डगर पर पग भरकर नाथ नगरी पहुंचने की क्या रही वजह आइए आपको बताते हैं

फिर भी हिम्मत नहीं हारी

डाक कांवड़ उठाकर चलते हुए कावंडिए राजकुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पहले एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें बायां पैर घुटने के नीचे से गंवाना पड़ा। जिसके बाद जीने की उम्मीद भी एकबारगी खत्म हो गई। परिजनों और दोस्तों ने हौंसला बढ़ाया। हादसे से पहले वह नाथ नगरी में जलाभिषेक की मन्नत मांगी थी। गुजरते दिनों के साथ शरीर कमजोर न हो जाए इससे पहले ही कांवड उठाने की हिम्मत जुटा ली। परिजनों की रोक-टोक को अनसुना कर वह जय भोले के जयकारे लगाते हुए निकल पड़े।

3 दिन तक चलते रहे

बताया कि उनके साथ इलाके के करीब 15 लोग जलाभिषेक को निकले थे। सबने उनकी मदद भी की। करीब 3 दिन से वह लगातार चलते रहे। कछला से जल भरा और मंडे दोपहर वह नाथ नगरी पहुंच गए। बताया कि मढ़ीनाथ, तपेश्वरनाथ और अलखनाथ में जलाभिषेक किया है। बाकी 4 शिवालयों में वह ट्यूजडे को जलाभिषेक कर वापस लौटेंगे। जब वह बदायूं रोड करगैना के पास पहुंचे तो उनकी हौंसलाफजाई के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हर किसी ने भगवान भोलेनाथ की कृपा को सराहते हुए उन्हें नमन किया। हालांकि, डाक कांवड होने की वजह से वह चलते हुए जवाब भी देते रहे।

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आस्था का उमड़ा सैलाब, केसरिया हुई नाथ नगरी

- तीसरे सोमवार पर शहर पहुंचे दो लाख से ज्यादा कांवडि़यों ने किया जलाभिषेक

- बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठी नाथ नगरी, पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद

<भगवान भोलेनाथ से मिलने को भक्त के मन में श्रद्धाभाव हो तो कितनी भी रुकावटें क्यों न हों वह बाधा नहीं बन पाती। वह स्वयंभू शिव के आशीर्वाद से स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं। यह कहना है दिव्यांग कांवडिए राजकुमार का। जो बैसाखी के सहारे नवाबगंज से नाथ नगरी के सातों नाथों का जलाभिषेक को निकले हैं। सोमवार को वह कछला से गंगाजल भरकर नाथ नगरी पहुंचे। नाथ नगरी के तीन नाथ मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर मन की मुराद मांगी। कठिन डगर पर पग भरकर नाथ नगरी पहुंचने की क्या रही वजह आइए आपको बताते हैं

फिर भी हिम्मत नहीं हारी

डाक कांवड़ उठाकर चलते हुए कावंडिए राजकुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पहले एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें बायां पैर घुटने के नीचे से गंवाना पड़ा। जिसके बाद जीने की उम्मीद भी एकबारगी खत्म हो गई। परिजनों और दोस्तों ने हौंसला बढ़ाया। हादसे से पहले वह नाथ नगरी में जलाभिषेक की मन्नत मांगी थी। गुजरते दिनों के साथ शरीर कमजोर न हो जाए इससे पहले ही कांवड उठाने की हिम्मत जुटा ली। परिजनों की रोक-टोक को अनसुना कर वह जय भोले के जयकारे लगाते हुए निकल पड़े।

फ् दिन तक चलते रहे

बताया कि उनके साथ इलाके के करीब क्भ् लोग जलाभिषेक को निकले थे। सबने उनकी मदद भी की। करीब फ् दिन से वह लगातार चलते रहे। कछला से जल भरा और मंडे दोपहर वह नाथ नगरी पहुंच गए। बताया कि मढ़ीनाथ, तपेश्वरनाथ और अलखनाथ में जलाभिषेक किया है। बाकी ब् शिवालयों में वह ट्यूजडे को जलाभिषेक कर वापस लौटेंगे। जब वह बदायूं रोड करगैना के पास पहुंचे तो उनकी हौंसलाफजाई के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हर किसी ने भगवान भोलेनाथ की कृपा को सराहते हुए उन्हें नमन किया। हालांकि, डाक कांवड होने की वजह से वह चलते हुए जवाब भी देते रहे।

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आस्था का उमड़ा सैलाब, केसरिया हुई नाथ नगरी

- तीसरे सोमवार पर शहर पहुंचे दो लाख से ज्यादा कांवडि़यों ने किया जलाभिषेक

- बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठी नाथ नगरी, पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद

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सावन का तीसरे सोमवार पर कांवडि़यों का सैलाब नाथ नगरी में उमड़ पड़ा। हर गली, सड़क, चौराहे और मंदिरों में कांवडि़यों की आस्था से पटे रहे। पुलिस प्रशासन कांवडि़यों की सुरक्षा तो वहीं, सामाजिक समितियां उनकी सेवा के लिए मुस्तैद रहीं। पिछले दिनों हुए कांवडि़यों पर हमले के बाद पुलिस प्रशासन की सतर्कता पूर्व में संपन्न हुए दो सोमवार से अधिक देखने को मिली। भोर से शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। श्रद्धालुओं और कांवडि़यों को शांतिपूर्ण ढंग से जलाभिषेक कराने के बाद प्रशासन ने चैन की सांस ली।

ब् सौ जत्थे पहुंचे शहर

बरेली जिले समेत सोमवार को बदायूं, शाहजहांपुर व अन्य जिलों से भी कांवडि़यों का जत्था नाथ नगरी पहुंचा था। जिसके चलते प्रशासन के अनुमान से भी ज्यादा कांवडि़ए शहर पहुंच गए। अनुमान है कि तीसरे सोमवार पर अब तक पिछले संपन्न हुए दो सोमवारों से करीब दोगुना कावंडि़यों ने जलाभिषेक किया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की भी जबरदस्त भरमार ने नाथ नगरी को शिवमय बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। नाचते गाते झूमते और भोलेनाथ के जयकारे लगाते कांवडि़ए बरबस ही राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। डीजे पर बजते भक्ति गीत कांवडि़यों को ही नहीं वरन जहां से वह गुजर रहे थे वहां मौजूद हर किसी को थिरकने पर मजबूर कर रहे थे।