-बिटक्वाइन के जरिए आता था विदेशों में बेचे गए माल का पैसा
-बेंगलुरु में भी रिलायंस के सेटअप को लूट चुके हैं आरोपी
-अमेरिका और इग्लैंड में हाईटेक डकैतों के क्लाइंट्स का सुराग लगा
Meerut: मेरठ में रिलायंस जीओ के मेट्रो एजी-2 में करोड़ों की डकैती डालने वाले हाईटेक डकैत ऑनलाइन चोर बाजार के 'उस्ताद' हैं। तफ्तीश के बाद आईजी सुजीत पाण्डेय ने बताया कि अमेरिका, इंग्लैंड समेत विश्व के बड़े देशों में चोरी किए गए बेशकीमती अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक डिवाइस ऑनलाइन चोर बाजार में बेंचते थे। हाईटेक डकैत डिजिटल मनी ट्रांसफर सिस्टम 'बिटक्वाइन' से बेचे गए माल की कीमत वसूलते थे।
बेंगलुरु कनेक्शन जुटा रही पुलिस
आईजी ने बताया कि ग्वालियर से पहले हाईटेक डकैतों ने अपूर्व श्रीवास्वत की रेकी पर बेंगलुरु में रिलायंस के ही सेटअप को लूटा था। लूट की करोड़ों रुपये के इलेक्टानिक डिवाइस आरोपियों ने ऑनलाइन सेल की थी। क्रैकर और हैकर हाईटेक डकैतों ने रिलायंस समेत कई बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के सिस्टम और कोड हैक किए थे। गोपनीय सूचनाएं और दस्तावेज जुटाने का काम अपूर्व और उत्कर्ष दोनों कंपनीज की बेवसाइड हैक करके करते थे, मसलन बेशकीमती डिवाइस कहां इस्टॉल हैं, सुरक्षा का क्या बंदोबस्त है? पुलिस का दावा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में इस हाईटेक गैंग कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है।
एक फोन से पकड़ में आए
बेहद चालाकी से डकैती डालने में माहिर इंजीनियर डकैत घटना को अंजाम देकर सुराग देते थे। आईजी ने बताया कि पुलिस टीम के लिए इन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा था, रिलायंस कर्मचारी की मिलीभगत उजागर होने पर करीब 150 फोन को सर्विलांस पर लगाकर टेप किया जा रहा था। एक ही स्थान पर खड़े होकर व्हाट्सअप पर मैसेज कर आरोपी एक-दूसरे से बात करते थे। हर वारदात में नए कनेक्शन को यूज किया जाता था। ग्वालियर डकैती और मेरठ डकैती में एक कॉमन नंबर पुलिस को डकैतों तक लेकर गया।
स्पेशल 26 से मिला प्रोत्साहन
मूवी स्पेशल 26 से प्रोत्साहित थे सभी हाईटेक डकैत। सरस्वती लोक स्थित रिलायंस मेट्रो एजी-2 में 6 अगस्त को डकैती के लिए आए डकैत रिलायंस की ड्रेस में थे, आईकार्ड गले में पड़ा था तो सभी ने तैनात गार्ड से सिक्योरिटी पर जमकर सवाल-जबाव भी किए। शातिर चंदन ने रिलायंस के आईकार्ड का क्लोन बनाया था। बेहद लक्जरी जिंदगी जीने वाले इन युवाओं के पास फ्लैट्स और महंगी गाडियां भी हैं।
इन प्वाइंट्स पर जांच
-दिल्ली से पहले डकैतों का ठिकाना कहां था? बेंगलुरु समेत अब तक कहां-कहां वारदात को अंजाम दिया। कहां-कहां रहे?
-प्लानिंग कहां बनाते थे, इंटर पास चंदन कैसे बना इंजीनियरों का मास्टर माइंड?
-सभी के एकाउंट पुलिस खंगाल रही है, कहां-कहां खर्च करते थे कमाई।
-सरस्वती लोक स्थित मेट्रो एजी-2 से लूटी डिवाइस आखिर 15 दिन बाद भी सेल क्यों नहीं हुई? देशी-विदेशी क्लाइंट कौन?